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आमिर खान के पैरेंटिंग टिप्स आजमाएं

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Swati Bundela
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आमिर खान को फैमिली और बच्चों को संभालने का अच्छा अनुभव है। आमिर खान को मिस्टर परफेक्शनिस्ट यूं ही थोड़ी कहते हैं। ये ऐसे एक्टर हैं, जो कि हर सामाजिक मुद्दे पर अपना विचार खुलकर रखते हैं। आमिर खान पैरेंटिंग टिप्स





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अक्सर हम लोग बिगड़ते बच्चों को संभालने , स्मार्ट बनाने, बच्चे को अनुशासन सिखाने का जिक्र करते हैं। ये काम एक पिता अच्छी तरह कर सकता है।

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बच्चे खुद नहीं बिगड़ते उनको बिगाड़ने में माता-पिता का भी हाथ होता है|हम बच्चों को जीनियस बनाने के चक्कर में इस बात पर ध्यान ही नहीं देते कि आखिर innocent बच्चों की दिमाग में भर क्या रहे हैं।



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1.हर बच्चा खास होता है |





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आमिर खान का मानना है कि हर बच्चे के अंदर काबिलियत होती है। वह अपने talent के साथ ही जन्म लेता है। मगर इस बात को अधिकतर पैरेंट्स नजरअंदाज कर देते हैं। उस बच्चे को भीड़ का हिस्सा बनाने में लग जाते हैं।









माता-पिता अपने बच्चे की खासियत को पहचानें। उसके आधार पर ही उसको ट्रेन करें और आगे बढ़ने में मदद करें। इससे बच्चा काफी तेजी से आगे की ओर बढ़ेगा। जब हम बच्चे के इस गुण को नहीं पहचानते हैं तभी बात बिगड़ती है। यानि की बच्चा कुछ और चाहता है और हम उसे दूसरी ओर मोड़ते हैं।









2.कमजोरी को सपोर्ट करें









बच्चों की कमजोरी भले ही आपको गुस्सा दिलाने का काम करती है | लेकिन ये समय नाराज होने या गुस्सा जाहिर करने का नहीं है। आमिर खान ने तो साफ तौर पर कहा कि हमें बच्चों की कमजोरी को support करना चाहिए ना कि नजरअंदाज।









अगर बच्चा मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर है, अगर वह किसी चीज को याद नहीं रख पाता है तो उस बात को लेकर उसे Discouraged ना करें।









अगर आप उसकी कमजोरी को ताकत देने का काम करेंगे तो वह आने वाले दिन में उससे लड़ना सीख जाएगा। इसलिए उसकी कमजोरी को सपोर्ट करें। इस बात को आप आमिर खान की फिल्म 'तारे जमीं पर' में देख सकते हैं। आमिर खान पेरेंटिंग टिप्स









3.बच्चों को ये सिखाना ना भूलें









माता पिता की इच्छा होती है ,कि बच्चे चेयर रेस, नींबू दौड़ से लेकर क्लास टेस्ट व परीक्षा में टॉपर बने रहें। आमिर खान इस बात पर चुटकी लेते हुए कहते हैं , कि शिक्षा का मतलब यह तो कतई नहीं है। इसके अलावा जो जरूरी चीजें हैं उनपर तो कम ही माता-पिता ध्यान देते हैं।









इस कारण बच्चा क्लास में टॉपर तो बन सकता है लेकिन असल जिंदगी में फिसड्डी बनकर रह जाता है।









इसको लेकर आमिर कहते हैं कि शिक्षा का मतलब इज्जत की जिंदगी जीना, किसी के भी मदद के लिए आगे आना, दूसरों की खुशी का भी ख्याल रखना इत्यादि होता है। ये बात हम अपने बच्चे को बताते ही नहीं। हमें मानवता का पाठ बच्चों को जरूर पढ़ाना चाहिए।









4.ना सेल्फिश बनें और बच्चों को बनाएं









आमिर बताते हैं कि हम अपने बच्चों को शुरू से लेकर अंत तक एक ही बात सीखाते हैं, 'हर कीमत पर आगे रहो, टॉपर बनो, कुछ भी हो जाए पीछे नहीं रहना है।'इस दौरान वह अपनी फिल्म '3 इडियट्स' का भी जिक्र करते हैं।









आमिर खान का मानना है कि इन सभी बातों के कारण हम अपने बच्चों को स्वार्थी बनाने का काम करते हैं। अगर हर कोई केवल अपने बारे में ही सोचेगा तो फिर अपनी सफलता के आगे कुछ दिखेगा ही नहीं। इसलिए एक बेहतर समाज के निर्माण के लिए बच्चों को बेहतर शिक्षा देना भी जरूरी है।









आमिर खान का मानना है कि इन सभी बातों के कारण हम अपने बच्चों को स्वार्थी बनाने का काम करते हैं। अगर हर कोई केवल अपने बारे में ही सोचेगा तो फिर अपनी सफलता के आगे कुछ दिखेगा ही नहीं। इसलिए एक बेहतर समाज के निर्माण के लिए बच्चों को बेहतर शिक्षा देना भी जरूरी है। आमिर खान पेरेंटिंग टिप्स









पेरेंटिंग आमिर खान के पैरेंटिंग टिप्स
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