Advertisement: टीवी में हर रोज़ किसी न किसी चीज़ का विज्ञापन आता है ,सिर्फ़ टेलीविज़न में ही नहीं अख़बार, मोबाइल में भी हर प्रोडक्ट का खूब एडवरटाइजमेंट हो रहा है। ब्रांड अपने प्रोडक्ट्स की अच्छी मार्केटिंग करते नज़र आ रहे होते है। अपने पसंदीदा या मशहूर एक्टर को देखकर उस प्रोडक्ट को लेने की इच्छा और ज्यादा हो जाती है। ऐसे में प्रोडक्ट्स जो दावा करती है, हम उसे भी सच मानते है। क्या वो हर दावा सच होता है? आइए जानते है-
Advertisement: खाने के प्रोडक्ट्स के एडवरटाइसमेंट
अक्सर हमने देखा होगा खाने वाली चीज़ो में यह शब्दों का बहुत इस्तेमाल होता है -"पूरा नुट्रिशन देती है" ,"हड्डियों मजबूत करती है" ,"बच्चे के डेवलप में मदद करती है" इत्यादि। अगर मान लें यह सब सचाई है, तो जो फल, सब्जियाँ, दूध आदि में जो गुण पाए जाते है, उनके मुकाबले क्या ज़्यादा नरिशिंग है? रोज़ अलग अलग प्रकार का बनने वाला खाना, जो आप, आपके बचपन से खाते आ रहे है, क्या वो पूरा नुट्रिशन प्रदान नहीं करता है? यह अपने प्रोडक्ट्स की बेहतर और इफेक्टिव दिखाने का रास्ता भी हो सकता है। बच्चे तो हर खाने में न करते ही है, और माँ उनके पीछे पीछे भागी रही होती है। ऐसे में दूसरा विकलप चुनना और बच्चे और अपनी सेहत के साथ एक्सपेरिमेंट करना ,रिस्की भी हो सकता है।
स्किनकेयर और हेयरकेयर की दुनिया
आए दिन कोई न कोई ब्रांड अपनी स्किनकेयर लाइन मार्किट में उतार रहा होता है। वो चाहे कोई सेलिब्रिटी ही क्यों न हो। हर कोई इस फील्ड में अपने हाथ अजमा रहा है। नए-नए दावे कर रहा है, कोई आयुवेर्दा को ज़िंदा कर रहा है, तो कोई साइंटिफिक तर्क प्रेजेंट कर रहा है। ऐसे में अपने प्रोडक्ट को दूसरे से बेहतर दिखाने के लिए लोग अपनी एडवरटाइजमेंट में बहुत कुछ लिख रहे है, जैसे कि -"3 दिन से फर्क देखिए"," एक बार में चेहरे पर निखार आएगा","पार्टी रेडी ग्लो","चेहरा साफ़ करें, कील- मुँहासे दूर करें", "शैम्पू बालों का झड़ना रोके ,उन्हें मजबूत बनाएं" आदि । अपनी स्किन और बालों के मामले में कोई भी एक्सपेरिमेंट न करें। बालों के झड़ने के अंदुरनी कारण भी हो सकते है, और स्किन के भी ऐसे में सिर्फ डॉक्टर की सलाह लें।
अंत: विज्ञापन में बताया हर दावा सच हो ज़रूरी नहीं । जागरूक रहे ,समझदार बनें।