Advertisment

ऑनलाइन क्लासेस नहीं अटेंड कर पा रही भारत की बहुत सी लड़कियां, जानिए 3 कारण

author-image
Swati Bundela
New Update
राधिका *, दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में एक शिक्षिका अपने छात्रों के लिए तब से ऑनलाइन क्लासेस ले रही हैं जब से स्कूल कोरोना के कारण बंद हुए हैं। इन कक्षाओं को लेने के शुरुआती दिनों में, जब वो खुद चीज़ों को समझ रही थी, वह एक ऐसे परिवार से मिली जिसमे 3 बेटियां और 1 बेटा है, और अपनी बेटियों क्लासेज देने में हिचकिचा रहे थे।

Advertisment


माता-पिता ने बताया कि चार बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं में बहुत अधिक इंटरनेट का यूज़ होता है और उनके पास अपने इंटरनेट कनेक्शन पर खर्च करने के लिए इतने पैसे नहीं हैं। इस वजह से उन्होंने अपने बेटे की पढ़ाई चालु रख के अपनी बेटियों को पढ़ाई से निकालने का फैसला किया है। ऐसे एक नहीं बहुत सारे केसिस हैं ।

ये ऑनलाइन क्लासेज लड़कियों को उनकी पढ़ाई से क्यों कर सकती हैं दूर, आइये जानते हैं इसके 3 कारण :

Advertisment


1 . हम एक ऐसे सोशल कंस्ट्रक्ट में रहते हैं जहाँ लड़कियों से घर पर काम करना और अपनी माताओं की मदद करना एक्सपेक्ट किया जाता है। कई परिवार जिन्हे आज फाइनेंसियल क्राइसिस का सामना कर रहे हैं, वे इनकम के दूसरे सोर्सेस की तलाश कर रहे हैं और इसलिए, कई लड़कियों को दूसरे घरों में नौकरानियों के रूप में भी भेजा जा रहा है , अगर ये नहीं तो उनकी माताओं को आचार, पापड़ आदि बनाने में मदद करने के लिए बैठाया जारहा है।

शीदपीपल से बात करते हुए एक महिला ने बताया कि " क्यूंकि मैं पैसों कि दिक्कत से गुज़र रही हूँ, मैं अपनी बेटियों कि पढ़ाई जारी नहीं रख सकती । मुझे तो लगता है कि अबतक उन्होंने जो भी पढ़ा है वो सब भी भूल चुकी होंगी । अब या तो मैं उन्हें घर के काम में लगा दूगी या फिर उन्ही कोठियों में ले जाउंगी जहाँ मैं काम करती हूँ ।"

Advertisment


2 .लिमिटेड सोर्सेस की वजह से कई घरों में जो पिछड़ी सोच है  उसके हिसाब से लड़की की पढ़ाई पर निर्णय लिया जा रहा है । अभी भी कई माँ बाप ऐसे हैं जिन्होंने अपने बेटे की शिक्षा को प्राथमिकता देने के लिए चुना, क्योंकि दिन के अंत में वह है जो वंश को आगे बढ़ाते हुए अपने परिवार को गौरव दिलाएगा, और बुढ़ापे में अपने माता-पिता की देखभाल भी करेगा। दूसरी ओर, बेटियाँ दूसरे घरों में शादी करेंगी, तो इस स्थिति में उन पर कीमती चीज़ें जैसे इंटरनेट खर्च करने की ज़रुरत नहीं है।



3 . कई घरों में आज भी लड़कियों की पढ़ाई को ज़रूरी नहीं समझा जाता है, शायद इसलिए भी क्यूंकि उनके घरों में घर का सारा काम लेडीज और कमाने का काम मर्द संभालते हैं । उसकी दहेज और शादी के लिए बचत करना उसकी शिक्षा पर से ज़्यादा ज़रूरी माना जाता है। ऐसे हालात में अगर लड़कियों कि शिक्षा के लिए कुछ एक्स्ट्रा खर्च की ज़रुरत पड़ जाये तो ये परिवार इसके लिए सहमत नहीं होंगे और पढ़ाई रुकवा देंगे ।



शीदपीपल से बात करते हुए एक महिला ने बताया कि " क्यूंकि मैं पैसों कि दिक्कत से गुज़र रही हूँ, मैं अपनी बेटियों कि पढ़ाई जारी नहीं रख सकती । मुझे तो लगता है कि अबतक उन्होंने जो भी पढ़ा है वो सब भी भूल चुकी होंगी । अब या तो मैं उन्हें घर के काम में लगा दूगी या फिर उन्ही कोठियों में ले जाउंगी जहाँ मैं काम करती हूँ ।"
वीमेन एंट्रेप्रेन्यूर्स
Advertisment