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बच्चे को हिंसक बनने से रोकने के टिप्स - अक्सर देखा जाता है कि ज़्यादा शरारती बच्चे दूसरों बच्चों को मारने या धक्का देने जैसी हरकतें करते हैं, लेकिन आपको जान कर हैरानी होगी कि ऐसा करने वाले बच्चे असल में अन्दर से डरे हुए होते हैं। हो सकता है देखने में ऐसा न लगे लेकिन उनके मन के भीतर डर छुपा होता है। इसी के कारण वो हिंसक बर्ताव करते हैं। साइकोलॉजी की मानें तो बड़ों के हिंसक व्यवहार का कारण भी डर ही होता है।
अगर आपका बच्चा किसी अन्य बच्चे पर हाथ उठाता है या कोई हिंसक व्यवहार करता है तो ये आपके लिए भी शर्मिंदगी का कारण बन सकता है। ऐसे में उन्हें सज़ा देने से वो नहीं सुधरेंगे।
1 . सबसे पहले उसे ऐसा करने से रोकें| जब भी आपको लगे कि आपका बच्चा हिंसक व्यवहार कर सकता है, उसे पहले ही रोकने की कोशिश करें।
2.जब वो अन्य बच्चों के साथ हो तो उसके आस-पास ही रहें ताकि वो असुरक्षित महसूस न करे।आपके होने का एहसास उसे कम हिंसक बनाएगा।
3. जब वो हिंसक व्यहार करे तो उसे तुरंत सज़ा देने के बजाय ख़ुद को याद दिलाएं कि वो ऐसा इसलिए कर रहा है , क्योंकि वो अन्दर से डरा हुआ है। उसे बिना गुस्से के आराम से समझाएं।
4. अगर उसके कारण किसी बच्चे को तकलीफ़ हुई है , तो पहले उस बच्चे को बेहतर महसूस करवाएं। उनकी आपस में बात करवाएं।
5.उसे बताएं कि इस तरह का व्यवहार करने पर सामने वाले बच्चे पर कितना बुरा असर होता है। बच्चे को ये एहसास दिलाने के बजाय कि वो ग़लत है, उसे ये एहसास कराएं कि जो उसने किया है, वो ग़लत है।
6.उसे महसूस करवाएं कि अगर वो सामने वाले बच्चे की जगह रहा होता और किसी ने उस पर हाथ उठाया होता तो उसे कैसा लगता।
7. उसे उस वक़्त किसी और जगह ले जायें ताकि बच्चे आपस में दोबारा न झगड़ें।अगर वो रोना चाहे तो उसे रोने दें। उसके अन्दर की नकारात्मक भावनाएं बाहर नहीं निकेंगी तो वो बार-बार इस तरह का व्यवहार कर सकता है।
8. उसी वक़्त उसे डांटने से बेहतर है कि आप पहले उसे सुरक्षित महसूस करवाएं और बाद में समझाएं। बच्चो को ख़ुद पता होता है कि किसी को मारना ग़लत होता है, वो बस इसे रोक नहीं पा रहे होते।
9. उसे दोबारा बच्चों के बीच छोड़ने से पहले सुनिश्चित करें कि वो अब ख़ुश है, वरना ऐसा दोबारा होने की सम्भावना बनी रहेगी।
10. बच्चे के बार-बार ऐसा करने पर आप ये न समझें कि आप बुरे माता-पिता हैं। हिंसक होना एक आम मानव स्वभाव है, इसे ठीक किया जा सकता है। आपको बस धैर्य रखने की ज़रूरत है।
अगर आपका बच्चा किसी अन्य बच्चे पर हाथ उठाता है या कोई हिंसक व्यवहार करता है तो ये आपके लिए भी शर्मिंदगी का कारण बन सकता है। ऐसे में उन्हें सज़ा देने से वो नहीं सुधरेंगे।
इन 10 तरीकों से अपने बच्चे को हिंसक बनने से रोकें (bacche ko hinsak banne se rokne ke tips)
1 . सबसे पहले उसे ऐसा करने से रोकें| जब भी आपको लगे कि आपका बच्चा हिंसक व्यवहार कर सकता है, उसे पहले ही रोकने की कोशिश करें।
2.जब वो अन्य बच्चों के साथ हो तो उसके आस-पास ही रहें ताकि वो असुरक्षित महसूस न करे।आपके होने का एहसास उसे कम हिंसक बनाएगा।
3. जब वो हिंसक व्यहार करे तो उसे तुरंत सज़ा देने के बजाय ख़ुद को याद दिलाएं कि वो ऐसा इसलिए कर रहा है , क्योंकि वो अन्दर से डरा हुआ है। उसे बिना गुस्से के आराम से समझाएं।
4. अगर उसके कारण किसी बच्चे को तकलीफ़ हुई है , तो पहले उस बच्चे को बेहतर महसूस करवाएं। उनकी आपस में बात करवाएं।
5.उसे बताएं कि इस तरह का व्यवहार करने पर सामने वाले बच्चे पर कितना बुरा असर होता है। बच्चे को ये एहसास दिलाने के बजाय कि वो ग़लत है, उसे ये एहसास कराएं कि जो उसने किया है, वो ग़लत है।
6.उसे महसूस करवाएं कि अगर वो सामने वाले बच्चे की जगह रहा होता और किसी ने उस पर हाथ उठाया होता तो उसे कैसा लगता।
7. उसे उस वक़्त किसी और जगह ले जायें ताकि बच्चे आपस में दोबारा न झगड़ें।अगर वो रोना चाहे तो उसे रोने दें। उसके अन्दर की नकारात्मक भावनाएं बाहर नहीं निकेंगी तो वो बार-बार इस तरह का व्यवहार कर सकता है।
8. उसी वक़्त उसे डांटने से बेहतर है कि आप पहले उसे सुरक्षित महसूस करवाएं और बाद में समझाएं। बच्चो को ख़ुद पता होता है कि किसी को मारना ग़लत होता है, वो बस इसे रोक नहीं पा रहे होते।
9. उसे दोबारा बच्चों के बीच छोड़ने से पहले सुनिश्चित करें कि वो अब ख़ुश है, वरना ऐसा दोबारा होने की सम्भावना बनी रहेगी।
10. बच्चे के बार-बार ऐसा करने पर आप ये न समझें कि आप बुरे माता-पिता हैं। हिंसक होना एक आम मानव स्वभाव है, इसे ठीक किया जा सकता है। आपको बस धैर्य रखने की ज़रूरत है।