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बच्चों को किचन में इनवाॅल्व करने के 4 बड़े फ़ायदे

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Swati Bundela
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बच्चों को किचन में इन्वाॅल्व करें, ये कदम उनके और खाने के बीके रिश्ते के लिए गेम चेंजर हो सकता है। इस आर्टिकल में हमने कुछ ऐसे पेरेंट्स से बात की है जिन्होंने ये एक्सपेरिमेंट किया है।

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माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे बड़े होकर स्वतंत्र रहें। हम में से बहुत से लोग चाहते हैं कि हमारे बच्चे हर चीज को थोड़ा जान लें, ताकि वे जीवन की हलचल में खो न जाएँ। ऐसा ही एक एक्सपोज़र किचन है। शेफ शोज़ ने इसे इतना दिलचस्प बना दिया है कि छोटे बच्चे अकसर खुशी से अपने माता-पिता से पूछते हैं कि वे खाना पकाने में कैसे सहायता कर सकते हैं। baccho ko kitchen me involve karne ke fayde. 

"मैंने हमेशा अपने बच्चों को किचन के अंदर समय बिताने और भोजन और सब्जियों के बारे में जानने के लिए प्रोत्साहित किया है। ऐसा करने का एक तरीका यह होता है कि जब मेरे घर में सब्जियों का नया स्टॉक आता है तो मैं बच्चों की मदद लेती हूँ इन्हें फ़्रिज में जमाने के लिए।" अरंधना मोहंती ने कहा।

बच्चों को किचन में शामिल करने के तरीके और कारण यहाँ दिये गए हैं -

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1. नए खाने की चीज़ों से परिचय होता है

यह बच्चों को किचन में समय बिताने के लिए मोटिवेट करने का अच्छा कारण है। नए फ़ूड आइटम्स, पनीर, चीज़ और अन्य वस्तुओं को एक्सप्लोर करना बच्चों के लिए एमपावरिंग हो सकता है। यह उन्हें नए चॉइसेस बनाने और विभिन्न टेस्ट्स के साथ एक्सपेरिमेंट करने में भी मदद करता है। “मेरे बच्चों को रेगुलर चीज़ क्यूब्स खाने की आदत थी लेकिन जब उन्होंने फ्रिज में कुछ नए तरह का चीज़ देखा, तो उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या वे इसे ट्राई कर सकते हैं। उन्होंने एक बाइट लिया और इसे बहुत पसन्द किया", नेहा मदान, दो लड़कों की पेरेंट ।

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2. सब्जियाँ खाने की संभावना बढ़ जाती है

सब्जियों और बच्चों का हमेशा एक कॉम्प्लिकेटेड रिश्ता रहा है। इसका बहुत बड़ा रीज़न ये है कि माता-पिता अक्सर अपने बच्चों को हरी सब्जियाँ खाने के लिए फ़ोर्स करते हैं लेकिन बच्चे प्रेशर में रहते हैं और विरोध करते हैं। अब उन्हें लौकी, मटर, करेला, शिमला मिर्च आदि देखने के लिए किचन में लेकर जाएँ, उन्हें ये सब एक्सप्लोर करने में बहुत मज़ा आ सकता है और ऐसे में आप उन्हें आसानी से सब्जियाँ खिला सकेंगे। आप बैगन चाचा के ऊपर कहानियाँ बना सकते हैं, आप दो छोटे गाजरों की बात चीत पर किस्सा सुना सकते हैं; इससे बच्चों का इंटरेस्ट बढ़ेगा।

3. बच्चे ज़्यादा अवेयर होते हैं

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हमारे बच्चे बहुत छोटी कक्षाओं से ही फलों और सब्जियों के बारे में पढ़ने लगते हैं। अकसर हम उन्हें रियल लाइफ़ से जुड़े पज़ल्स ख़रीद कर देते हैं। हममे से कई लोग अपने बच्चों को फ़ार्म्स लेकर जाते हैं ताकि वो चीज़ों को ग्रो करते देख सकें। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए अपने बच्चों को नई और अलग सब्जियों को देखने, जानने और पढ़ने का मौका दीजिये। "मेरा बेटा राजन आलू का पर्पल रंग देख कर हैरान था, मैंने उसे गाँठ गोभी दिखाई और वो जानना चाहता था कि इसे गोभी क्यों कहा जाता है जबकि ये हरे शलजम जैसा दिखता है", मिली सरकार ने शेयर किया जिनका एक बेटा और बेटी है।

4. लैंगिक समानता

अपने लड़के, लड़कियों, ट्रांसजेंडर या अन्य किसी भी जेंडर के बच्चों को किचन में बराबरी से काम करने के लिए मोटिवेट करना, उन्हें ये सिखाता है कि किचन सभी के लिए है। ये लैंगिक समानता के लिए बहुत ज़रूरी है क्योंकि आमतौर पर केवल लड़कियों से ही किचन के काम कराए जाते हैं।

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ये थे baccho ko kitchen me involve karne ke fayde.


पेरेंटिंग बच्चों को किचन में शामिल करने के फ़ायदे
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