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जब बच्चा जन्म लेता है, तभी से उसकी सीखने के प्रक्रिया आरम्भ हो जाती है। परिवार बच्चे का सबसे पहला स्कूल होता है , जहाँ से वह अच्छे संस्कार सीखता है। माँ उसकी पहली टीचर होती है। माता - पिता का यह दायित्व होता है की वह अपने बच्चे को संस्कारवान बनाये। अपने बच्चे में अच्छे संस्कार का डालने के लिए आपको भी एक अच्छा इंसान बनना होगा। जिससे आपका बच्चा आपको ही अपना मार्गदर्शक और आदर्श मान सके। तो आइये जानते हैं बच्चों को रिस्पेक्ट करना कैसे सिखाएं (bacchon ko respect karna kaise sikhayein) ।
घर में एक दूसरे को सम्मान दें, बात करते हुए आदर भाव बरक़रार रखें। जब आप ही घर में ऐसे रहेंगे तो बच्चा भी आपका अनुसरण करेगा। आप बड़ों की बात सुनेंगे और मानेंगे तो बच्चा भी आपकी बात कभी टाल नहीं पाएगा।
कभी भी बच्चों के सामने दूसरों की बुराई न करें, किसी के लिए अपशब्द न बोलें। क्योंकि उसको अच्छे व्यवहार की असली शिक्षा आपसे ही मिलती है। आप किसी अन्य के लिए गलत कहेंगे तो वह उन शब्दों का प्रयोग आपके लिए कर सकता है। ज्यादातर कोशिश करें कि जब भी आप किसी के बारे में बात कर रहे हैं तो बच्चा वहां न हो।
कोशिश करें घर के सभी सदस्य मिलजुल कर रहें, एक बात पर सभी सहमत हों। अगर आप एक दूसरे से बहस करेंगे तो बच्चा भी आपसे ऐसा बर्ताव कर सकता है।
बच्चे के बिगड़ने का सबसे बड़ा कारण है उसकी हर जिद का पूरा होना। अपनी बात मनवाने के लिए वह गलत ढंग से बात कर सकता है। इसलिए उसकी हर जिद पूरी न करें। उस समझाएं कि आप उसकी बेकार की जिद को पूरा नहीं कर सकते।
बच्चे के साथ बच्चा बनें, उसका दोस्त बनें। तभी आप बेहतर समझ पाएंगे कि वह गलत व्यवहार क्यों कर रहा है। उसके सुधार के लिए आपको क्या करना चाहिए, यह आप तभी समझ पाएंगे। उसके साथ खेलें, टीवी देखें, पढ़ाई के समय साथ बैठें।
अगर बच्चा कोई गलती करता है तो उसे प्यार से उसकी गलती का अहसास कराएं। डांटने – डपटने से वह और चिढ़ जाएगा और आपकी बात नहीं मानेगा। साथ ही आगे से गलती न दोहराने की बात भी समझाएं। बच्चे से झुंझलाकर, गुस्से में बात करने से वह भी तेज आवाज़ में आपको पलटकर जवाब दे सकता है।
भूलकर भी अपने बच्चे की किसी से तुलना न करें। ऐसा करने से बच्चा चिढ़ कर आपसे अनुचित व्यवहार कर सकता है। उसकी खूबियों की प्रशंसा करें। इससे आपके प्रति उसका नजरिया सकारात्मक होगा। वह आपसे कभी गलत व्यवहार नहीं करेगा और आपकी हर बात मानेगा।
ये 7 तरीकें आपके सवाल की 'बच्चों को रिस्पेक्ट करना कैसे सिखाएं' का सबसे बेहतर हल है।
इन 7 तरीकों से बच्चों को रिस्पेक्ट करना सिखाएं (bacchon ko respect karna kaise sikhayein)
1.एक दूसरे से आदर से बात करें
घर में एक दूसरे को सम्मान दें, बात करते हुए आदर भाव बरक़रार रखें। जब आप ही घर में ऐसे रहेंगे तो बच्चा भी आपका अनुसरण करेगा। आप बड़ों की बात सुनेंगे और मानेंगे तो बच्चा भी आपकी बात कभी टाल नहीं पाएगा।
2.भूलकर भी दूसरों के लिए अपशब्द बच्चों के सामने न बोलें
कभी भी बच्चों के सामने दूसरों की बुराई न करें, किसी के लिए अपशब्द न बोलें। क्योंकि उसको अच्छे व्यवहार की असली शिक्षा आपसे ही मिलती है। आप किसी अन्य के लिए गलत कहेंगे तो वह उन शब्दों का प्रयोग आपके लिए कर सकता है। ज्यादातर कोशिश करें कि जब भी आप किसी के बारे में बात कर रहे हैं तो बच्चा वहां न हो।
3.परिवार के सभी सदस्य एकमत रहें
कोशिश करें घर के सभी सदस्य मिलजुल कर रहें, एक बात पर सभी सहमत हों। अगर आप एक दूसरे से बहस करेंगे तो बच्चा भी आपसे ऐसा बर्ताव कर सकता है।
4.हर जिद पूरी न करें
बच्चे के बिगड़ने का सबसे बड़ा कारण है उसकी हर जिद का पूरा होना। अपनी बात मनवाने के लिए वह गलत ढंग से बात कर सकता है। इसलिए उसकी हर जिद पूरी न करें। उस समझाएं कि आप उसकी बेकार की जिद को पूरा नहीं कर सकते।
5.बच्चे के साथ बच्चा बनें
बच्चे के साथ बच्चा बनें, उसका दोस्त बनें। तभी आप बेहतर समझ पाएंगे कि वह गलत व्यवहार क्यों कर रहा है। उसके सुधार के लिए आपको क्या करना चाहिए, यह आप तभी समझ पाएंगे। उसके साथ खेलें, टीवी देखें, पढ़ाई के समय साथ बैठें।
6.प्यार से गलती का अहसास कराएं
अगर बच्चा कोई गलती करता है तो उसे प्यार से उसकी गलती का अहसास कराएं। डांटने – डपटने से वह और चिढ़ जाएगा और आपकी बात नहीं मानेगा। साथ ही आगे से गलती न दोहराने की बात भी समझाएं। बच्चे से झुंझलाकर, गुस्से में बात करने से वह भी तेज आवाज़ में आपको पलटकर जवाब दे सकता है।
7.किसी से तुलना न करें
भूलकर भी अपने बच्चे की किसी से तुलना न करें। ऐसा करने से बच्चा चिढ़ कर आपसे अनुचित व्यवहार कर सकता है। उसकी खूबियों की प्रशंसा करें। इससे आपके प्रति उसका नजरिया सकारात्मक होगा। वह आपसे कभी गलत व्यवहार नहीं करेगा और आपकी हर बात मानेगा।
ये 7 तरीकें आपके सवाल की 'बच्चों को रिस्पेक्ट करना कैसे सिखाएं' का सबसे बेहतर हल है।