Advertisment

घर पर बच्चों की पढ़ाई में कैसे करें मदद

author-image
Swati Bundela
New Update
मौजूदा समय में ज्यादातर माता-पिता घर पर ही अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं। यहां तक कि कई मामलों में तो बच्चों को होम ट्यूशंस की भी सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में कैसे हम अपने बच्चों की घर पर पढ़ाई या होम स्कूलिंग में मदद कर सकते हैं, आइए जानते हैं।

Advertisment


बच्चों का घर पर पढ़ाना भी कोई आसान काम नहीं है। सुबह ऑनलाइन क्लासेज में माता-पिता साथ में रहते हैं और उसके बाद उनके होमवर्क की भी उन्हें काफी चिंता होती है। बड़े बच्चे तो खुद से अपनी पढ़ाई को संभाल सकते हैं, लेकिन मुश्किल आती है छोटे बच्चों की पढ़ाई में। बच्चों की घर पर पढ़ाई में मदद के लिए जानते हैं कुछ टिप्स।

होम स्कूलिंग में बच्चों की कैसे करें मदद

Advertisment


1. अपने बच्चे के अध्यापकों के संपर्क में रहें



ऑनलाइन पढ़ाई का यह कतई मतलब नहीं है कि अब आप बच्चे के अध्यापकों से न मिलें। बल्कि इसकी जगह आप चाहें तो उनके फोन नंबर लेकर उनसे बातचीत कर सकते हैं या फिर जब भी बच्चे की पीटीएम या अभिभावक-अध्यापक मीटिंग हो तो उसमें जरूर भाग लें। आप इस समय में बच्चों को कैसे पढ़ाएं, इससे संबंधित टिप्स भी उनके अध्यापकों से पूछ सकते हैं। साथ ही यह भी जानें कि आपके बच्चे को कौन सा विषय कौन से अध्यापक पढ़ाते हैं। आप ऑनलाइन क्लास में तो उन्हें परेशान नहीं कर सकते, लेकिन क्लास के अंत में या फिर फोन पर अपनी परेशानी का समाधान उनसे मांग सकते हैं।
Advertisment


2. ऑनलाइन पीटीएम में अध्यापक से बच्चे की प्रगति के बारे में बात करें



अभी स्कूल नहीं जाना, पढ़ाई भी ऑनलाइन हो रही है तो इसके लिए जरूरी नहीं कि आप अपने बच्चे की क्लास में प्रगति के बारे में भी न सोचें। PTM के समय आप बच्चे से संबंधित सवाल उसके अध्यापक से पूछ सकते हैं। इसके अलावा अगर आपके बच्चे को ऑनलाइन क्लास लेने में भी कोई दिक्कत हो रही हो तो आप उसके अध्यापक को इस बारे में भी जरूर बताएं और पूछें कि इस समस्या को कैसे हल किया जा सकता है।
Advertisment


3. बच्चे का रोज का होमवर्क या गृह कार्य पूरा जरूर करवाएं



ऑनलाइन क्लास तो बच्चे जैसे-तैसे ले लेते हैं, लेकिन उनके होमवर्क को वे पूरा करने में काफी लापरवाही बरतते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे ने जो कुछ उस दिन सुबह क्लास में सीखा है तो उसकी पुनरावृत्ति के लिए उन्हें होमवर्क जरूर पूरा करवाएं। इसके लिए जरूरी है कि आप आम दिनों की तरह ही उन्हें निर्धारित समय में अपना काम पूरा करने को कहें।
Advertisment




बच्चे घर पर हैं और उनका ज्यादा ध्यान टेलीविजन या मोबाइल फोन और लैपटॉप पर है। ऐसे में जरूरी है कि आप उनके होमवर्क के समय में इन सभी गैजेट्स को बंद रखें। और जरूरत पड़ने पर बच्चे की मदद भी करें। अगर बच्चा खुद से अपना होमवर्क कर लेता है और उसमें आपकी कम से कम सहायता मांगता है तो आपको उसके प्रयास के लिए उसे प्रोत्साहित भी करना चाहिए।

Advertisment

4. होमवर्क में मदद के लिए सभी माध्यमों का प्रयोग करें



ऑनलाइन क्लासेज की अपनी सीमाएं हैं और आप अध्यापकों को हर बात के लिए भी परेशान नहीं कर सकते। इसीलिए अगर आपके बच्चे को होमवर्क के दौरान कोई समस्या आ रही हो तो उसके लिए आप इंटरनेट या किसी अनुभवी व्यक्ति की मदद लें। अगर आपने बच्चे की होम ट्यूशन भी लगाई हुई है तो इस बात का जरूर ध्यान रखें कि बच्चे की समस्या के बारे में उनसे भी बातचीत की जाए और उसका समाधान जरूर मिले।

Advertisment

5. परीक्षाओं में करें मदद



ऑनलाइन क्लासेज का मतलब कतई यह न लगाया जाए कि ये सिर्फ मजाक चल रहा है। इस समय भी स्कूल बच्चों को पढ़ाया गया कितना समझ में आ रहा है, उसका आंकलन करने के लिए भी परीक्षाएं ले रहे हैं। ऐसे में आप स्कूल की ओर से जारी परीक्षाओं की तिथि और पाठ्यक्रम के अनुसार बच्चे को उसकी तैयारी करने में मदद करें। यहां आप अपने बच्चे को आम परीक्षाओं की तरह ही घर में उचित माहौल दें और जहां उन्हें कुछ मुश्किल आ रही हो, वहां उनकी मदद भी करें। आप चाहें तो बच्चे की अच्छी तैयारी कराने के लिए उसका मोक टेस्ट भी ले सकते हैं।

6. घर पर पढ़ाई के लिए सकारात्मक रवैया अपनाएं और बच्चे को भी दिखाएं



अगर हम चीजों में खामियां ही ढूंढ़ेंगे तो बच्चे भी उस चीज में दिलचस्पी नहीं लेंगे। अगर आप अभी बच्चों की घर पर हो रही पढ़ाई के बारे में उनके सामने अच्छा और सकारात्मक बोलेंगे तो वे भी इसके बारे में ऐसा ही सोचेंगे। आप अपने बच्चे को बताएं कि आप शिक्षा को तवज्जो देते हैं, फिर चाहें वह घर पर ही क्यों न मिल रही हो। इससे बच्चों का मनोबल भी बढ़ेगा और वे पढ़ाई में पूरी दिलचस्पी भी लेंगे।

7. स्क्रीन टाइम पर रखें नजर



बच्चे कहीं बाहर नहीं जा सकते तो इसका मतलब यह नहीं है कि बच्चे सारा दिन ही वीडियो गेम, मोबाइल फोन, यू-ट्यूब या टेलीविजन में ही अपना समय बिताएं। आप बच्चों के स्क्रीन टाइम को भी निर्धारित करें कि कब और कितने समय के लिए आपका बच्चा इसमें अपना समय देगा। कोशिश करें कि पहले बच्चा अपना होमवर्क या अपनी परीक्षा की तैयारी कर ले और उसके बाद एक से दो घंटे के लिए उसे स्क्रीन देखने को मिले।

8. बच्चे को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें



अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा अपनी शिक्षा और जिंदगी दोनों में अच्छा प्रदर्शन करे तो आप उसे ज्यादा से ज्यादा पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। इसके लिए जरूरी नहीं है कि आप उन्हें सिर्फ पाठ्य पुस्तकों को पढ़ने के लिए कहें। अगर आप चाहें तो आपका बच्चा कोई कहानी की किताब भी पढ़ सकता है। इससे बच्चा नए-नए शब्द और उनका प्रयोग करना भी सीख सकता है।

9. बच्चे से बातचीत करें



आपका बच्चा ऑनलाइन क्लासेज में क्या पढ़ रहा है और कितना सीख रहा है, यह जानने के लिए आकपो बच्चे से बातचीत करनी ही होगी। दरअसल बच्चों से बात कर हम उनके मनोभावों और उनके सीखने के स्तर को भी आसानी से समझ सकते हैं। ऐसे में आप बच्चे से बातचीत करें और जहां कहीं उन्हें आपकी मदद की जरूरत हो, उनकी मदद भी करें।

10. बच्चे को होमवर्क के लिए जिम्मेदार बनाएं



जैसे कि स्कूल के आम दिनों में बच्चे होमवर्क अपनी स्कूल की डायरी में लिख कर लाते हैं, ठीक ऐसे ही उन्हें कहें कि वे ऑनलाइन क्लास में भी अपने अध्यापक की बातों को गौर से सुनें और होमवर्क के बारे में वे जो कुछ भी बता रहे हैं, उसे अपनी नोटबुक या डायरी में लिख लें। वैसे तो होमवर्क की सूचना माता-पिता को ऑनलाइन या ग्रुप में मिल जाती है, लेकिन अगले दिन अध्यापक क्या पढ़ाने वाले हैं, इसकी जानकारी वे क्लास के दौरान ही बच्चों को दे देते हैं।



साथ ही आप अपने बच्चे को खुद से होमवर्क करने के लिए भी प्रोत्साहित करें। अगर आपका बच्चा 2 कक्षा तक पढ़ता है, तब आपको उसकी पूरी मदद करनी चाहिए, लेकिन अगर बच्चा 3 या उससे बड़ी कक्षा में है तो आप उसे उसका होमवर्क खुद से करने के लिए कहें। हां आप उसे होमवर्क में मदद कर सकते हैं, लेकिन पहले आप यह देखिए कि आपके बच्चे के क्लास में कितना सीखा है।



बच्चे कितने भी बड़े हो जाएं, लेकिन ऑनलाइन क्लासेज उनके लिए भी नया फॉर्मेट है, जिसे स्वीकार करने और सीखने के लिए उन्हें भी अभी वक्त लगेगा। ऐसे में माता-पिता को अपने बच्चों को समय प्रबंधन और समय के सदुपयोग के बारे में भी सीखाना काफी जरूरी है। घर पर पढ़ाई का यह मतलब कतई नहीं है कि आपका बच्चा बिल्कुल भी न पढ़े और यह भी नहीं है कि आप सारा दिन उसे पढ़ने के लिए ही कहते रहें। बच्चों की असली मदद यह होगी कि आप उन्हें इस वक्त को समझने और उसके अनुसार काम करना सिखाएं
पेरेंटिंग बच्चों की पढ़ाई में मदद
Advertisment