हमें आजकल फेमिनिज्म और वीमेन एम्पावरमेंट से संबंधित कई स्लोगन्स सुनने को मिलते है। उनमें से एक स्लोगन है : अपनी बेटी को तरीके से कपड़े पहनने की सीख या देर रात तक घर से ना निकलने की बजाय बेटे को अच्छे से बर्ताव करना सिखाना चाहिए। लेकिन ये उनको कौन सिखाएगा ? ज़ाहिर सी बात है, शुरुआत घर से होती है। एक इंसान का पहला नज़रिया उसका परिवार होता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने बच्चो को सही चीज़ सिखाये ताकि आप वही चीज़ देख भी सके। इतना पढ़ने के बाद आप ये भी सोच रहे होंगे की अब बेटे को किस तरह से बड़ा करे ताकि वो फेमिनिज्म समझे और एक फेमिनिस्ट बेटा भी बने। तो आइए जानते हैं
बच्चों को फेमिनिज्म सिखाने के 5 तरीके
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बच्चो को घर में ही सिखाये की लड़का या लड़की कुछ नहीं होता सब काम सब कर सकते है। लड़के किचन का काम कर सकते है और लड़किया ऑफिस जा सकती है इसमें कुछ गलत नहीं है।
पेरेंट्स कोशिश करें की कर्रेंट टॉपिक के बारे में बच्चो को सही दिशा दिखाए और उनके दिमाग के विचारो को क्लियर करते रहे।
बच्चों की राय लेने से वो और रेस्पोंसिबल और समझदार बनेंगे और उनका कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा ।
बच्चो को खुद -की और दुसरों की बॉडी से प्यार और रेस्पेक्ट करना सिखाये उनको शेप ,साइज ,कलर को लेकर बात करने दे और कुछ गलत बोलने पर सुधार करें ।
बच्चो को बताये की महिलाएँ कैसे समाज के लिए एक जरुरी स्तम्भ है। बच्चो के लिए उनके रोले मॉडल बने और लड़कियों को दुसरो की सोच से कोई फर्क नहीं पढ़ता सिखाये ।
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