हमें आजकल फेमिनिज्म और वीमेन एम्पावरमेंट से संबंधित कई स्लोगन्स सुनने को मिलते है। उनमें से एक स्लोगन है : अपनी बेटी को तरीके से कपड़े पहनने की सीख या देर रात तक घर से ना निकलने की बजाय बेटे को अच्छे से बर्ताव करना सिखाना चाहिए। लेकिन ये उनको कौन सिखाएगा ? ज़ाहिर सी बात है, शुरुआत घर से होती है। एक इंसान का पहला नज़रिया उसका परिवार होता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने बच्चो को सही चीज़ सिखाये ताकि आप वही चीज़ देख भी सके। इतना पढ़ने के बाद आप ये भी सोच रहे होंगे की अब बेटे को किस तरह से बड़ा करे ताकि वो फेमिनिज्म समझे और एक फेमिनिस्ट बेटा भी बने। तो आइए जानते हैं
1. घर के बच्चों में भेदभाव न करें
बच्चो को घर में ही सिखाये की लड़का या लड़की कुछ नहीं होता सब काम सब कर सकते है। लड़के किचन का काम कर सकते है और लड़किया ऑफिस जा सकती है इसमें कुछ गलत नहीं है।
2. घर मे एक्वालिटी और फेमिनिज्म के बारे में चर्चा करते रहें
पेरेंट्सकोशिश करें की कर्रेंट टॉपिक के बारे में बच्चो को सही दिशा दिखाए और उनके दिमाग के विचारो को क्लियर करते रहे।
3. सही समय आने पर बच्चों की भी राय ले
बच्चों की राय लेने से वो और रेस्पोंसिबल और समझदार बनेंगे और उनकाकॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा ।
4. अपनी बॉडी के बारे में बात करना घर में नार्मल बनाये
बच्चो को खुद -की और दुसरों की बॉडी से प्यार और रेस्पेक्ट करना सिखाये उनको शेप ,साइज ,कलर को लेकर बात करने दे और कुछ गलत बोलने पर सुधार करें ।
5. फीमेल हीरोज के बारे में बातें करें
बच्चो को बताये की महिलाएँ कैसे समाज के लिए एक जरुरी स्तम्भ है। बच्चो के लिए उनके रोले मॉडल बने और लड़कियों को दुसरो की सोच से कोई फर्क नहीं पढ़ता सिखाये ।
शीदपीपल.टीवी भारत का पहला महिला-केंद्रित मीडिया प्लेटफार्म है. हम महिलाओं की जर्नी, और उनकी कहानियों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित हैं. हम उन्हें एक ऐसे अद्बुद्ध नेटवर्क से जोड़ते हैं जो उन्हें सशक्त बनाता है,उन्हें प्रेरित करता है और उन्हें आगे बढ़ने का बढ़ावा देता है।
भारत में प्रत्येक गुज़रते साल के साथ महिलाएं ऑनलाइन आ रही हैं. उन्हें एक ऐसे प्लेटफार्म की ज़रुरत है जो उन्हें समझ पाए. हम उन महिलाओं से जुड़ते हैं जो नए विचारों और प्रेरणा के साथ दुनिया को समृद्ध करते हैं.
पुरस्कार विजेता पत्रकार शैली चोपड़ा द्वारा स्थापित, शीदपीपल.टीवी वो आवाज है जो भारतीय महिलाओं को आज चाहिए।