हिजाब को धार्मिक पहनावा माना जाता है। लड़कियाँ अपना सिर को ढकने के लिए इस्तेमाल करती है। बार-बार समाज में हिजाब के पहनने पर मुद्दा भी उठता रहता है कि लड़कियों को हिजाब पहनना चाहिए या नहीं। हिजाब पहनना या ना पहनना किसी का व्यक्तिगत विकल्प हों सकता इसमें किसी भी कोई इतराज नहीं होना चाहिए।
आज हम बात करेंगे पहली हिजाब पहनने वाली सुपरमॉडल हलिमा अदन के बारे में। हलिमा अदन ने सुंदरता की पारंपरिक परिभाषा को तोड़कर एक नई परिभाषा लिखती है। बहुत से लोग यह मानते है धर्म तरक़्क़ी की राह में बाधा बनता है लेकिन अदन ने यह साबित कर दिया अगर आप में कुछ करने का जज़्बे हो तो आप को कोई चीज़ नहीं रोक सकती।
रेफ़्यूजी कैम्प में हुआ जन्म
हलिमा अदन सोमाली-अमेरिकन फ़ैशन मॉडल है। हलिमा अदन का जनम केन्या के एक रेफ़्यूजी कैम्प में 22 सितंबर 1997 को हुआ। इसके बाद वह सात साल की उम्र में अमेरिका के शहर सेंट, क्लाउड, मिनेसोटा चली गई।
2016 में हुई थी चर्चित
अदन ने अपने मॉडलिंग के लए 2016 में चर्चित इसलिए हुई थी क्योंकि वह इसमें भाग लेने वाली पहली मुस्लिम और हिजाब पहनने वाली औरत थी। जब उसने यूएस पैजंट में भाग लिया और सेमीफ़ाइनल में जगह बनाई।वह इसमें भाग लेने वाली पहली सोमाली-अमेरिकन थी। इस प्रतियोगिता में मीडिया का ध्यान उनकी तरफ़ कार दिया।
2017 में IMG मॉडल्ज़ के लिए हुई साइन
2017 में न्यूयॉर्क फ़ैशन वीक के यीजी सेशन में अपना डेब्यू किया उन्होंने कैट वॉक की और अपना जलवा दिखाया।
जून 2017 में वह पहली हिजाब पहनने वाली औरत थी जिसकी ब्रिटिश वोग, वोग अरबियाँ और अलुर मैगज़ीनों के कवर पर उसकी तस्वीर लगी। 2018 में अदन UNICEF की ब्रांड ऐम्बैसडर बनी और 2019 में वह स्पोर्ट्स इलस्ट्रेटेड स्विमसूट में हिजाब और बुर्किनी पहनने वाली पहली मॉडल बनीं।
BBC के साथ इंटरव्यू में अदन ने कहा था, “अपने आप को मत बदलो,गेम को बदलो”
अदन की बात यह बात सब को प्रेरणा देती है कि अपने आप की कभी दुनिया के लिए मत दुनिया को आपके लिए बदलने दो।
नवंबर 2020 में अदन ने मॉडलिंग को छोड़ दिया
टॉमी हिलफिगेर के साथ इंटर्व्यू में कहा, “ इंडस्ट्री में मैंने पहली हिजाब पहनने वाली औरत के तौर पर मैंने बहुत प्रेशर झेला है और मैं एक ऐसी जगह पर पहुँच गई जहाँ मुझे मेरी अपनी छवि से हटा दिया गया और मेरा हिजाब सिकुड़ता चलता गया।