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ऑक्सीजन की सुविधा भी है और लोगों को मुफ्त में सेवा देता है।
ड्राइवर जावेद खान ने पिछले तीन दिनों में लगभग दस लोगों को हॉस्पिटल पंहुचाया है । जावेद ने कहा कि देश में COVID-19 मामलों में उछाल को देखते हुए, उन्हें लोगों की पीड़ा से दुख हुई और वे घर पर नहीं बैठ सकते थे।
खान लगभग 18 वर्षों से ऑटो चला रहे हैं। हालांकि उनके परिवार में कोई भी संक्रमित नहीं हुआ है, लेकिन वे देश में बढ़ती मौत से बहुत परेशान थे और जो भी संसाधन उनके पास थे उससे ही लोगों की मदद के लिए कुछ करना चाहते थे। 34 वर्षीय रिक्शा चालक ने कहा कि अपने ऑटो को एम्बुलेंस में बदलना उसके परिवार का सुझाव था। उन्होंने वाहन में दवाइयां, सैनिटाइटर और ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर ऑटो को एम्बुलेंस बनाया है और ऐसे 10 लोगों की मदद की है जिन्हें पिछले तीन दिनों से अस्पताल पहुंचने की सख्त जरूरत थी।
https://twitter.com/ANI/status/1388011184905879554
खान ऑक्सीजन सिलेंडर भरने के लिए हर दिन 600 रुपये खर्च करते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी ने रिक्शे के खर्च के लिए उन्हें अपना सोने का लॉकेट दिया है। चूंकि ऑक्सीजन खरीदना आसान काम नहीं है, इसलिए सिलेंडर को रिफिल कराने के लिए खान को हर दिन 4-5 घंटे इंतजार करना पड़ता है।
वह अपना पूरा समय जरूरतमंदों की मदद करने में लगा रहे हैं और यात्रियों को ले जाना बंद कर दिया है ताकि उन्हें लोगों की मदद करने के लिए अधिक समय मिल सके। खान ने अपने ऑटो एम्बुलेंस की जानकारी विभिन्न सोशल मीडिया समूहों पर डाल दी, जहाँ से उन्हें बहुत सारे प्रश्न मिलते हैं। उन्होंने अन्य ऑटो चालकों से भी आग्रह किया है कि वे इस समय लोगों की मदद करें।
खान ने यह भी कहा कि वह अपनी सेवा जारी रखने के लिए पैसे उधार लेने से नहीं हिचकिचाएंगे क्योंकि उनकी प्राथमिकता उन लोगों की मदद करना और उन्हें बचाना है, जिन्हें मदद की सख्त जरूरत है।
ऐसे महामारी के बीच हमारे देश को खान जैसे और लोगों की आवश्यकता है। हम ऐसे लोगों की सराहना करते हैं और प्रशंसा भी।
ड्राइवर जावेद खान ने पिछले तीन दिनों में लगभग दस लोगों को हॉस्पिटल पंहुचाया है । जावेद ने कहा कि देश में COVID-19 मामलों में उछाल को देखते हुए, उन्हें लोगों की पीड़ा से दुख हुई और वे घर पर नहीं बैठ सकते थे।
खान लगभग 18 वर्षों से ऑटो चला रहे हैं। हालांकि उनके परिवार में कोई भी संक्रमित नहीं हुआ है, लेकिन वे देश में बढ़ती मौत से बहुत परेशान थे और जो भी संसाधन उनके पास थे उससे ही लोगों की मदद के लिए कुछ करना चाहते थे। 34 वर्षीय रिक्शा चालक ने कहा कि अपने ऑटो को एम्बुलेंस में बदलना उसके परिवार का सुझाव था। उन्होंने वाहन में दवाइयां, सैनिटाइटर और ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर ऑटो को एम्बुलेंस बनाया है और ऐसे 10 लोगों की मदद की है जिन्हें पिछले तीन दिनों से अस्पताल पहुंचने की सख्त जरूरत थी।
https://twitter.com/ANI/status/1388011184905879554
ऑक्सीजन सिलिंडर भरवाने के लिए 4 -5 घंटे इंतज़ार करना पड़ता है
खान ऑक्सीजन सिलेंडर भरने के लिए हर दिन 600 रुपये खर्च करते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी ने रिक्शे के खर्च के लिए उन्हें अपना सोने का लॉकेट दिया है। चूंकि ऑक्सीजन खरीदना आसान काम नहीं है, इसलिए सिलेंडर को रिफिल कराने के लिए खान को हर दिन 4-5 घंटे इंतजार करना पड़ता है।
वह अपना पूरा समय जरूरतमंदों की मदद करने में लगा रहे हैं और यात्रियों को ले जाना बंद कर दिया है ताकि उन्हें लोगों की मदद करने के लिए अधिक समय मिल सके। खान ने अपने ऑटो एम्बुलेंस की जानकारी विभिन्न सोशल मीडिया समूहों पर डाल दी, जहाँ से उन्हें बहुत सारे प्रश्न मिलते हैं। उन्होंने अन्य ऑटो चालकों से भी आग्रह किया है कि वे इस समय लोगों की मदद करें।
खान ने यह भी कहा कि वह अपनी सेवा जारी रखने के लिए पैसे उधार लेने से नहीं हिचकिचाएंगे क्योंकि उनकी प्राथमिकता उन लोगों की मदद करना और उन्हें बचाना है, जिन्हें मदद की सख्त जरूरत है।
ऐसे महामारी के बीच हमारे देश को खान जैसे और लोगों की आवश्यकता है। हम ऐसे लोगों की सराहना करते हैं और प्रशंसा भी।