Biological Changes During Pregnancy :किसी भी औरत के लिए माँ बनना बहुत ख़ुशी की बात होती है। लेकिन प्रेगनेंसी में बहुत से शारीरिक बदलाव महिलाओं में होते हैं, जिनको जान लेना जरुरी है। वो महिलाएं जो पहले भी माँ बन चुकी है, वे अपने शरीर में हुए बदलाव को समझती हैं, लेकिन जो महिलाएं पहली बार माँ बनती है वो अपने शरीर के बदलाव से अनजान होती हैं। इसीलिए प्रेगनेंसी में हर महिला को खुद को मेंटली और इमोशनली अपने शरीर में होने वाले हर बदलाव के लिए तैयार होना चाहिए।
Biological Changes During Pregnancy :
1. अपच की प्रॉब्लम बढ़ जाती है
प्रेगनेंसी में महिला के शरीर में अंदरूनी बदलाव होने लगते हैं, इसका सीधा असर महिलाओं के डाइजेस्टिव सिस्टम पर पड़ता है। जैसे-जैसे प्रेगनेंसी के दिन आगे बढ़ते हैं महिलाओं में खट्टी डकार, अपच की समस्या, गैस बनना और भी कई तरह की पेट से सम्बन्धित समस्याएं सामने आने लगती हैं। इन सब से घबराने की बजाय महिलाओं को चाहिए कि वे अपने खाने में पौष्टिक और कम तला-भुना खाएं और समय समय पर डॉक्टर से परामर्श लेते रहें।
2. मितली आना है सबसे कॉमन प्रॉब्लम
प्रेगनेंसी में जब फ़ूड हैबिट्स में चेंज आता है तो सबसे पहले इसका असर डाइजेस्टिव सिस्टम पर पड़ता है। अपच की समस्या के साथ साथ महिलाओं में मितली की प्रॉब्लम भी बढ़ जाती है। ये एक कॉमन प्रॉब्लम है, लेकिन इसे अनदेखा करना भी ठीक नहीं। ज्यादा मितली आने पर डॉक्टर से सलाह लें।
3. निप्पल्स और ब्रेस्ट में होते हैं बदलाव
गर्भवती महिलाओं में जैसे-जैसे बच्चे का विकास होता है, वैसे-वैसे उनके ब्रेस्ट का साइज भी कुछ बढ़ जाता है।ऐसा वेट-गेन या हार्मोनल बदलाव के कारण भी हो सकता है। कई बार महिलाओं को ब्रेस्ट स्किन या निप्पल में खुजली की समस्या होने लगती है।ऐसे में घबराएं नहीं और इससे बचने के लिए डॉक्टर की सुझाई नर्सिंग ब्रा पहनें और नहाने के बाद पूरी बॉडी के साथ ही ब्रेस्ट पर भी हल्के हाथों से मसाज करें। इससे आपकी समस्या हल भी होगी और आपको अच्छा महसूस होगा।
4. यूरिन लीकेज से घबराएं नहीं
प्रेग्नेंसी के दौरान सबसे अधिक शर्मिंदगी वाली स्थिति होती है बिना कंट्रोल के यूरिन का लीक हो जाना। प्रेग्नेंट महिलाओं में जब-तब खांसने और छींकने से यूरिन लीक हो जाता है।ऐसा शरीर में हो रहे बायॉलजिकल चेंजेज के कारण होता है। ये कोई शर्मिंदा होने की बात नहीं है, बल्कि हर प्रेग्नेंट महिला को इस स्थिति से गुजरना पड़ता है। प्रेगनेंसी के चौथे-पांचवे महीने में बच्चे का प्रेशर ब्लैडर पर पड़ने लगता है, जिस वजह से ये दिक्कत होती है। इससे बचने के लिए की डॉक्टर की सलाह लें और कुछ एक्सरसाइज करें।