New Update
लेकिन कुछ समय बाद वही स्ट्रॉन्ग लड़की उन लड़कों को मुंहफट और ‘कुछ ज़्यादा ही बोल्ड’ लगने लगती है! वही लड़के, जो एक स्ट्रॉन्ग लड़की के साथ ज़िन्दगी बिताना चाहते थे, अब उसके इर्द-गिर्द खुद को कमज़ोर महसूस करने लगते हैं और बहुत से मामलों में ये रिश्ते काफी बुरी स्थिति में आकर ख़त्म होते हैं।
कौन होती हैं स्ट्रॉन्ग लड़कियां? स्ट्रॉन्ग लड़कियां कोई दूसरी दुनिया से आई एलियन नहीं होतीं। आप, हम, हमारे आस-पास की वो सारी लड़कियां स्ट्रॉन्ग लड़कियां हैं जो अपनी शर्तों पर ज़िन्दगी जीने की हिम्मत करती हैं।
स्ट्रॉन्ग लड़कियां भी परफेक्ट नहीं होतीं, ना ही उन्होंने अपनी ज़िन्दगी पर पूरा कंट्रोल हासिल किया होता है, लेकिन उन्हें ये पता होता है कि वो अपनी ज़िन्दगी में क्या-क्या बर्दाश्त करेंगी और क्या नहीं। शायद इसीलिए वो लड़के, जिन्हें बचपन से सबकुछ हाथ में मिला है, ऐसी लड़कियों को अपनी ज़िन्दगी में बर्दाश्त नहीं कर पाते।
उन्हें अपने रोज़मर्रा के कामों के लिए लड़कों की जरूरत नहीं होती (bold aur strong ladkiyaan)
बॉलीवुड फिल्मों ने हमें बचपन से यही सिखाया है कि जब हीरो हिरोइन की जान बचाता है, हिरोइन उसके प्यार में दीवानी हो जाती है। हमारे इर्द-गिर्द के लड़कों ने भी यही सीखा कि लड़कियों को इम्प्रेस करना है तो उनका काम करो, उसकी जान बचाओ।
लेकिन स्ट्रॉन्ग सोच वाली लड़कियां घर और बाहर अपनी पहचान बनाने के साथ अपनी सुरक्षा भी करना खूब जानती हैं। चाहे बैंक के काम हों, इनकम टैक्स फाइल करना हो, डॉक्टर के पास जाना हो या गाड़ी का पंक्चर- टायर बदलना, लड़कियां अपने सारे काम खुद कर सकती हैं। ऐसे में उनकी ज़िन्दगी में मौजूद लड़कों को लगता है कि इन्हें तो हमारी ज़रूरत ही नहीं। लेकिन ज़रूरत और प्यार के बीच कोई रिश्ता नहीं है, ये अभी तक लड़कों को समझ नहीं आया है।(बोल्ड और स्ट्रॉन्ग लड़कियां)
वो आपको खुश करने के लिए आपकी गलत बात नहीं मानेंगी
मेल ईगो ऐसी चीज़ है जो जितनी बड़ी है उतनी ही नाज़ुक। लड़कों को बचपन से ‘राजा बेटा’ बनाकर पाला जाता है, जो ना तो कभी कुछ गलत बोल सकता है, ना कर सकता है। ऐसे लड़कों को हर मामले में अपनी ही बात ऊपर रखने की आदत हो जाती है।
लेकिन रिलेशनशिप या किसी और रिश्ते के मामले में ये तरीका काम नहीं आता। स्ट्रॉन्ग लड़कियां डिस्कशन के दौरान आपकी बात सुनेंगी, लेकिन आप उनके पार्टनर या रिलेटिव हैं, सिर्फ इसलिए आपकी किसी भी गलत बात को सही नहीं मान लेंगी। वो आपको अपना पक्ष भी समझाएंगी। हो सकता है कि वो आपको गलत भी ठहराएं, जिसे सुनने की लड़कों को कम ही आदत होती है। कुल मिलाकर वो आदमियों की मेल ईगो को बेवजह सहलाती नहीं रहेंगी, जिस वजह से लड़कों को ऐसी लड़कियां घमंडी और डरावनी भी लगने लगती हैं।
वो अपना पर्सनल स्पेस चाहेंगी
लड़के अक्सर अपने रिश्तों को लेकर थोड़े इनसिक्योर होते हैं। वो अपनी गर्लफ्रेंड या पत्नी को 24 घंटे अपनी आंखों के सामने रखना चाहते हैं। कई बार लड़के ये भी उम्मीद करते हैं कि जब वो अपने दोस्तों या परिवार वालों से मिलें तो हर बार उनकी पार्टनर भी उनके साथ हो। लेकिन स्ट्रॉन्ग लड़कियों को खुद को रिचार्ज करने के लिए थोड़ा समय अकेले भी चाहिए होता है। अकेले में किसी को सोना पसंद होता है तो कोई किताबें पढ़ने में समय बिताता है। कोई कुकिंग करता है तो कोई दोस्तों के साथ समय बिताना पसंद करता है।(बोल्ड और स्ट्रॉन्ग लड़कियां)
हर लड़की की अलग पर्सनैलिटी है, हर लड़की अलग तरह के काम करना पसंद करती है। ऐसे में लड़कों का यह मान लेना कि उनकी पार्टनर बहुत सेल्फिश और रिश्तों को ना समझने वाली है। लेकिन असलियत में ये लड़कियां रिश्ते निभाना जानती हैं, लेकिन खुद की सेहत को बाकी लोगों से पहले रखती हैं जिसमें कोई गलत बात नहीं है।
उनकी प्राथमिकता (priority) सिर्फ घरेलू काम ही नहीं होते हैं
आज भी ज़्यादातर आदमियों की सोच यही है कि उनका काम घर के बाहर की ज़िम्मेदारी निभाना है और औरतों का काम घर के भीतर की जिम्मेदारियां निभाना ही है। लेकिन ये साल 2021 चल रहा है। लड़कियां घर और बाहर दोनों जगह छाई हुई हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियों में लड़कियां सबसे ऊंची पोस्ट पर भी हैं। चाहे नासा हो, इसरो हो या यूएनओ, हर जगह औरतें अपनी जगह बना चुकी हैं।
ऐसे में घरेलू काम करना और बच्चे पैदा करना उनकी प्राथमिकता में नहीं है। यही बात आदमियों और परिवार की बड़ी औरतों की त्यौरियां चढ़ाने के लिए काफ़ी होती है। ‘अगर औरतें घर नहीं संभालेंगी और बच्चे नहीं पैदा करेंगी तो उनके साथ रिश्ता रखने का मतलब ही क्या?’ अब घर के काम आदमियों को भी करने पड़ें तो उनकी तो हवा टाइट हो जाती है, इसीलिए वो स्ट्रॉन्ग लड़कियों से रिश्ते बनाने में घबराते हैं।(बोल्ड और स्ट्रॉन्ग लड़कियां)
वो आदमियों से उनके कामों और हरकतों का जवाब मांगती हैं
अक्सर हमारे घरों में लड़कियों से तो बहुत सवाल पूछे जाते हैं। ‘कहां जा रही हो, किसके साथ, कब आओगी, ऐसे कपड़े क्यों पहने हैं वगैरह वगैरह’। लेकिन लड़कों से कभी नहीं पूछा जाता कि वो सड़क किनारे खाली क्यों खड़े हैं? या आती-जाती लड़कियों पर कमेंट क्यों कर रहे हैं? इसीलिए लड़कों को कभी अपनी हरकतों पर सवालों की आदत ही नहीं होती।
लेकिन स्ट्रॉन्ग लड़कियां उनकी हरकतों के लिए उन्हें ज़िम्मेदार ठहराते हुए ऐसे सवाल पूछती हैं जिनसे लड़के कतराते हैं इसीलिए वो स्ट्रॉन्ग लड़कियों के साथ लंबे रिश्ते बनाने से डरते हैं। लेकिन उन लड़कों को एक बात समझ लेनी चाहिए, लड़कियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।(बोल्ड और स्ट्रॉन्ग लड़कियां)