अमिताभ बच्चन की शोले फिल्म हो या 21 सदी की कबीर सिंह दोनों ने टॉक्सिक मस्क्युलिनिटी को दर्शाया है और फीमेल करैक्टर हमेशा से विनम्र रखा गया है। उनपर अपना हक़ जताना, स्टाकिंग, जबरदस्ती को प्यार कहना हमेशा से बॉलीवुड नार्मल तरीके से प्रेजेंट करता आ रहा है। यह कहना गलत नहीं होगा कि बॉलीवुड का नजरिया बदल रहा है, जागरूकता फैलाने की कोशिश कर रहा है और टॉक्सिक बेहेवियर को कम कर रहा है पर यह अभी भी कुछ हिट फिल्मों में देखा गया है तो आईए जानते है ऐसी ही कुछ फिल्में जो टॉक्सिक मेन बेहेवियर को समर्थन करती है।
1. कबीर सिंह
कबीर सिंह जहाँ कमर्शियल सक्सेस रही और शाहिद कपूर को उनकी दमदार परफॉरमेंस पर तारीफे मिली पर फिल्म की पूरी कहानी और कबीर सिंह का किरदार टॉक्सिक मस्कुलीनिटी पर बेस्ड था। कबीर का गुस्सा, प्रीती को लेकर पोजेसिवनेस, उसकी चोइसस पर कंट्रोल, मनमर्ज़ी, आज समाज मर्द को कैसा बनाना चाहता है, कैसा पोरट्रायड करना चाहता है इस फिल्म में जाहिर था।
2. दबंग
सलमान खान की फिल्मों में अक्सर टॉक्सिक मस्कुलीनिटी देखी जा चुकी है इस फिल्म में चुलबुल पांडेय के किरदार में भी वहीं था। जबरदस्ती को प्यार कहना, रजो के पिता की मौत वाले दिन ही उसे शादी करना और शादी के बाद उसे अपना इंट्रोडक्शन देना समाज की पुरानी बुराईओं को सामने लाने जैसा रहा।
3. यह जवानी है दीवानी
इस फिल्म में लोगों ने जहाँ नैना और बन्नी यानि रणबीर और दीपिका की जोड़ी को फाफी पसंद किया और साथ ही में फिल्म को भी, पर इसमें बन्नी का किरदार काफी प्रोब्लेमैटिक रहा। फीलिंग्स का अहसास होने पर बिना नैना की मर्ज़ी या पूछे बिना के उसपर हक़ जताना और किसी दूसरे लड़के के साथ देखकर कंट्रोल खो देना और लड़ने लगना कूल या रोमांटिक नहीं है।
4. सोनू के टीटू की स्वीटी
फिल्म निर्देशक, लेखक और निर्माता लव रंजन अपनी फिल्मों से एक आदमी का अपोजिट जेंडर यानि औरत के प्रति कैसा महसूस करता है दर्शाने की कोशिश करते है। जो मर्द के बहुत अलग रवैये और सोच को दर्शाता है। इस फिल्म में सोनू का स्वीटी के करैक्टर को जज करना से लेकर टीटू को ब्रेकअप करने के लिए प्रेरित करना और उसे स्वीटी को छोड़ने के लिए मैनिपुलेट करना, गोल्ड डिगर कहना काफी ओब्जेक्शनबल रहा।
5. कुछ कुछ होता है
लव ट्रायंगल पर बेस्ड यह फ़िल्म रिलीज़ से लेकर अब तक सबकी फेवरेट है, जिसमें शाहरुख़ खान, काजोल और रानी मुख़र्जी ने लीड रोल प्ले किया था पर इस फिल्म में शाहरुख़ खान यानि राहुल का किरदार टॉक्सिक मस्कुलीनिटी को रिप्रेजेंट करता नजर आया जिसमें उसे "लड़कियों की तरह" सजने सवरने वाली खूबसूरत टीना से प्यार होता है और बास्केटबॉल खेलने वाली अंजली से तब प्यार का एहसास हुआ जब उसने बास्केटबॉल की जगह गहनों, घर परिवार शादी को चुना।