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क्या है ब्रेन ट्यूमर के प्रकार?
ब्रेन ट्यूमर कई प्रकार का हो सकता है। प्राइमरी ट्यूमर हमारे ब्रेन में ही उत्पन्न होता है जो शुरुवात में कैंसर कारक नहीं होता है। कुछ ट्यूमर ऐसे भी होते है जो दूसरे तिसुएस में स्प्रेड नहीं होते हैं लेकिन बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं। कुछ केसेस ऐसे भी होते हैं जहाँ ट्यूमर काफी क्रिटिकल कंडीशन में होता है और वो सफरर की जान भी ले सकता है।
क्या हो सकते हैं इसके कारण?
डॉक्टर्स बाते हैं की बच्चे और युवा वर्ग के लोग जिनको दिमाग के आस पास रेडिएशन मिलती है उनमें बड़े होने के बाद ब्रेन ट्यूमर का खतरा ज़्यादा होता है। इसके साथ ही वो लोग जिनमें एक जेनेटिक कंडीशन न्यूरोफ़िब्रोमटोसिस हो उनको भी ये हो सकता है। इस बीमारी में एज भी बहुत मैटर करता है। डॉक्टर्स बाट हैं की 65 की उम्र के बाद वाले लोगों को युवा वर्ग के मुकाबले ट्यूमर का खतरा 4 गुना ज़्यादा होता है।
कैसे पहचाने इसके लक्षण को?
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण इस बात पे डिपेंड करते हैं करते हैं की ट्यूमर कहाँ है और कितना बड़ा है। कई बार जब ये ट्यूमर किसी दूसरी नर्व के साथ क्लैश करता है या किसी वजह से दबता है तब ये लक्षण ट्रिगर होते हैं। ऐसे कुछ लक्षण हैं सर दर्द, जी मिचलाना और साथ में वोमिटिंग, बोलने में समस्या, सुनने में दिक्कत, चलने में प्रॉब्लम, मूड स्विंग्स, पर्सनालिटी में चेंज, किसी भी चीज़ में कंसन्ट्रेट ना कर पाना।
क्या है इसकी ट्रीटमेंट?
ब्रेन ट्यूमर को ठीक करने के लिए सबसे कारगर उपाय है सर्जरी। इसमें पेशेंट को एनेस्थेशिया दे कर बेहोश कर दिया जाता है। उसके बाद उसके स्कैल्प को शेव करके क्रानिटोमी परफॉर्म की जाती है जिससे द्वारा पेशेंट के स्कल को खोला जाता है। उसके बाद सर्जन उस बोन पीेछे को हटा देते हैं। इससे ट्यूमर लगभग हैट जाता है। अगर ट्यूमर किसी क्रिटिकल पार्ट के पास है तो सर्जन उसको पूरी तरह नहीं हटा पाते हैं लेकिन आपकी स्तिथि बहुत बेहतर हो जाती है।
ये सावजनिक रूप से एकत्रित जानकारी है। यदि आपको किसी विशिष्ट सलाह की आवश्यकता है तो कृपया डॉक्टर से परामर्श लें।