कोरोना में बच्चों की एंग्जायटी पर कैसे ध्यान दें ?

author-image
Swati Bundela
New Update
जिज्ञासा से भरी होती है और इस जिज्ञासा के कारण वो नईं चीज़ें सीखतें हैं। बच्चे इस उम्र में चीज़ों को बहुत स्पीड से सीखते है इसलिए उन्हें नर्सरी क्लास मे डाला जाता है जिससे उनकी सोशल ग्रोथ होती है।
Advertisment

1. बच्चे क्या सोचते हैं पान्डेमिक को लेकर ?


छोटे बच्चों के लिये ज़ूम मीटिंग्स एंड वीडियो कॉल काफी अलग और नया अनुभव रहता है। बच्चे मिस करतें हैं स्कूल मे अपनी उम्र के बच्चों में रहना, दादा दादी और टीचर्स से मिलना क्योंकि उनको नहीं समझ की अचानक से सब कहा चले गए हैं ।
Advertisment

2. पेरेंट्स बच्चों पर ध्यान कैसे दें ?


इस समय मे पेरेंट्स ध्यान रखें की कोरोना वायरस खतम होते ही आपके बच्चों को वो सारी चीज़ें मिलें जो वो घर रह कर नहीं करपाए हैं।
Advertisment
सरकार को भी ऐसी कुछ स्पेशल प्रोग्राम्स लाने चाहिए जिनसे बच्चों की फिजिकल एंड मेन्टल ग्रोथ में हेल्प हो।

3. बच्चों से बात करना क्यों है जरुरी ?

Advertisment

इस समय सबसे जरुरी है कि आपको पता हो कि बच्चे के मन में चल क्या रहा है ताकि आप उसके हिसाब से रियेक्ट कर सको। इसलिए बात करे और बच्चे को अकेला न छोड़ें। इस से उनको पॉजिटिव महसूस होगा।

4. कोरोना के समय में बच्चे की क्रिएटिविटी पर ध्यान देना क्यों है जरुरी ?

Advertisment

कोरोना के समय में न बच्चे बाहर जा पा रहे हैं न पढ़ रहे हैं और न ही ट्यूशन वगेरा जा रहे हैं। बच्चे बस घर पे बोर हो रहे हैं इसलिए कुछ क्रिएटिव चीज़ों पर ध्यान दें और उन्हें इन्वॉल्व करें जैसे कि खेलना, आर्ट, डांस , म्यूजिक एंड शायरी।
पेरेंटिंग