कोरोना के कारण सभी जगह लोगों ने अपने करीबी लोगों को खोया है। फिल्हाल कोरोना की दूसरी लहर थमी है और तीसरी आने की आशंखा जताई जा रही है। सभी 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए वैक्सीन आ चुकी है और सभी इसे तेज़ी से लगवा रहे हैं। ऐसे में जिन लोगों के लिए वैक्सीन नहीं आयी है और जो 18 से कम उम्र के हैं उनके लिए कोरोना का खतरा बड़ा हुआ हैं।
बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन
यूनियन हेल्थ मिनिस्टर मनसुख मंडाविया ने हाल में ही कहा कि कोरोना की वैक्सीन बच्चों के लिए अगले महीने अगस्त में आ सकती है। इन्होंने यह BJP की पार्लियामेंटरी मीटिंग के दौरान कहा जिस में प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी भी थे।
इंडिया में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का ट्रायल भी अभी चल रहा है और बच्चों के लिए कोवैक्सीन शायद सितम्बर तक मिल सकती है। ऐसा इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने इंडिया टुडे टीवी से कहा। इसके अलावा अभी ज़यडस कैडिला वैक्सीन का ट्रायल भी इंडिया में चल रहा है।
एक्सपर्ट्स का कोरोना की तीसरी लहर को लेकर क्या कहना है ?
सरकार ने कई साइंटिस्ट से सलाह मशोहरा किया और उसके बाद ये सामने आया है कि कोरोना की तीसरी लहर आना तय है और ये टाली नहीं जा सकती है। अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि ये आखिरी लहर कब और कैसे आएगी। ऐसे में शुरू से ही सावधानी बरतना जरुरी है।
भारत सरकार द्वारा अभी कोरोना का टीकाकारन भी जोरो शोरों पर है। इसलिए सभी लोग जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाएं और घरों में बंद होजाए। जिस तरह कोरोना की दूसरी लहर पहली से 4 गुना ज्यादा खतरनाक थी उसी तरह तीसरी भी दूसरी से कई गुना खतरनाक होगी। ऐसे में सतर्कता बरतना बहुत जरुरी है। वैक्सीन लगवाने के बाद भी कुछ सावधानियां बरतने की जरुरत है।
बच्चों के लिए खतरा ज्यादा क्यों है ?
एक्सपर्ट्स के मुताबित 18 साल से कम उम्र के बच्चे और नवजात बच्चे कोरोना की तीसरी लहर में खतरे में हो सकते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण ये भी हैं किउनके लिए कोई भी वैक्सीन नही बनी है। अभी तक की सभी वैक्सीन 18 से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए ही बनी है और उन्ही के हिसाब से टेस्ट की गयी है।