Advertisment

कोरोना वारियर: नर्सरी राइम्स द्वारा जागरुकता फैलाती टीचर

author image
Swati Bundela
16 May 2020
कोरोना वारियर:  नर्सरी राइम्स द्वारा जागरुकता फैलाती टीचर
कोरोना के समय मे हम हर रोज़ देख रहे हैं कि कैसे हर कोई अपनी तरफ से कुछ ना कुछ योगदान दे रहा है। उनमें से एक हैं सुनीता नागकीर्ति। ये स्काउट्स एंड गाइड्स की एक क्लब मास्टर हैं।
Advertisment


जागरुकता फ़ैलाने का ज़िम्मा



उनका कोरोना वायरस के बारे में औरंगाबाद के लोगों को जागरूक करने का और कम्युनिटी हेल्थ गाइडलाइन्स के बारे में अवेयर का ज़िम्मा मिला है। उन्हें देखना है कि गांवों और शहरों में सब जागरूक रहें ताकि वो लोग खुद को सेफ रख सकें। उन्हें ये भी चेक करना है कि लोग सरकार द्वारा दिये गए निर्देशों का पालन कर रहे हैं कि नही।
Advertisment


नर्सरी राइम के द्वारा जागरुकता



सुनीता ने एक अलग और इनोवेटिव तरीका निकाला है और वो बच्चों को नर्सरी राइम के ज़रिए कोरोना के बारे में बता रहीं हैं इस पान्डेमिक के होने से क्या क्या हो सकता है इसे वो कविताओं से पढ़ा रही हैं। स्लम्स के बच्चों को जागरूक करने के लिए वो मराठी में नर्सरी राइम्स सुना रही हैं और उन्हें 20 सेकंड तक कैसे हाथ धोने हैँ बता रहीं है।
Advertisment


ये नर्सरी राइम्स वो खुद बना रहीं हैं और लोगों को कोरोना वाइरस से बचने के लिए लेने वाले प्रिकॉशन के बारे में पढ़ा रहीं हैं। सुनीता का वीडियो ,ओम प्रकाश बकोरिया, महारष्ट्र के स्पोर्ट्स कमिशनर,द्वारा शेयर किया गया।



इस वीडियो में वो कुछ बच्चों को हाथ धोने की कला, राइम्स और एक्शन के ज़रिए सिखा रहीं हैं और बच्चे उनके एक्शन्स और राइम्स उनके बाद रिपीट कर रहें हैं। नर्सरी राइम मराठी में हैं. औरंगाबाद के एक हॉटस्पॉट में सुनीता अपने इस तरीके से बच्चों को एजुकेट कर रहीं हैं।
Advertisment




उनका लोगों को मदद करने का इनिशिएटिव और प्रयास सफल रहा है और वो इस कोरोना वाइरस से लोगों को बचाने में योगदान दे रही हैं।

Advertisment

कुछ अन्य कोरोना वारियर्स



इस मुश्किल की घड़ी में कई महिलाएं अपनी जान पर खेलकर लोगों की मदद करने के लिए आगे आ रहीं हैं।

Advertisment


ओडिशा में रहने वाली एक किसान अपने खेत से फल और सब्जियां मुफ्त में गांव वालों को बांट रहीं हैं। वो कहती हैं कई लोग पी एम केयर्स फण्ड में डोनेट कर रहे हैं पर उन्होंने सोचा कि वो अपने तरीके से लोगों की मदद करें। और इसी सोच के साथ उन्होंने गांव में सभी को मुफ्त सब्जियां देने का कार्य शुरू किया।



95 वर्षीय पी. नघाकलियानी ने अपनी महीने की पेंशन सी एम रिलीफ फण्ड में डोनेट कर दी और ज़िम्मा लिया अपने एरिया के डॉक्टर्स और नर्सेज के लिए मास्क सिलने का। ऐसे ही कई सारी महिलाएं देश को कोरोना से बचाने के लिए अपना योगदान दे रहीं हैं।
Advertisment
Advertisment