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सुनीता नागकीर्ति। ये स्काउट्स एंड गाइड्स की एक क्लब मास्टर हैं।
उनका कोरोना वायरस के बारे में औरंगाबाद के लोगों को जागरूक करने का और कम्युनिटी हेल्थ गाइडलाइन्स के बारे में अवेयर का ज़िम्मा मिला है। उन्हें देखना है कि गांवों और शहरों में सब जागरूक रहें ताकि वो लोग खुद को सेफ रख सकें। उन्हें ये भी चेक करना है कि लोग सरकार द्वारा दिये गए निर्देशों का पालन कर रहे हैं कि नही।
सुनीता ने एक अलग और इनोवेटिव तरीका निकाला है और वो बच्चों को नर्सरी राइम के ज़रिए कोरोना के बारे में बता रहीं हैं इस पान्डेमिक के होने से क्या क्या हो सकता है इसे वो कविताओं से पढ़ा रही हैं। स्लम्स के बच्चों को जागरूक करने के लिए वो मराठी में नर्सरी राइम्स सुना रही हैं और उन्हें 20 सेकंड तक कैसे हाथ धोने हैँ बता रहीं है।
इस वीडियो में वो कुछ बच्चों को हाथ धोने की कला, राइम्स और एक्शन के ज़रिए सिखा रहीं हैं और बच्चे उनके एक्शन्स और राइम्स उनके बाद रिपीट कर रहें हैं। नर्सरी राइम मराठी में हैं. औरंगाबाद के एक हॉटस्पॉट में सुनीता अपने इस तरीके से बच्चों को एजुकेट कर रहीं हैं।
उनका लोगों को मदद करने का इनिशिएटिव और प्रयास सफल रहा है और वो इस कोरोना वाइरस से लोगों को बचाने में योगदान दे रही हैं।
इस मुश्किल की घड़ी में कई महिलाएं अपनी जान पर खेलकर लोगों की मदद करने के लिए आगे आ रहीं हैं।
ओडिशा में रहने वाली एक किसान अपने खेत से फल और सब्जियां मुफ्त में गांव वालों को बांट रहीं हैं। वो कहती हैं कई लोग पी एम केयर्स फण्ड में डोनेट कर रहे हैं पर उन्होंने सोचा कि वो अपने तरीके से लोगों की मदद करें। और इसी सोच के साथ उन्होंने गांव में सभी को मुफ्त सब्जियां देने का कार्य शुरू किया।
95 वर्षीय पी. नघाकलियानी ने अपनी महीने की पेंशन सी एम रिलीफ फण्ड में डोनेट कर दी और ज़िम्मा लिया अपने एरिया के डॉक्टर्स और नर्सेज के लिए मास्क सिलने का। ऐसे ही कई सारी महिलाएं देश को कोरोना से बचाने के लिए अपना योगदान दे रहीं हैं।
जागरुकता फ़ैलाने का ज़िम्मा
उनका कोरोना वायरस के बारे में औरंगाबाद के लोगों को जागरूक करने का और कम्युनिटी हेल्थ गाइडलाइन्स के बारे में अवेयर का ज़िम्मा मिला है। उन्हें देखना है कि गांवों और शहरों में सब जागरूक रहें ताकि वो लोग खुद को सेफ रख सकें। उन्हें ये भी चेक करना है कि लोग सरकार द्वारा दिये गए निर्देशों का पालन कर रहे हैं कि नही।
नर्सरी राइम के द्वारा जागरुकता
सुनीता ने एक अलग और इनोवेटिव तरीका निकाला है और वो बच्चों को नर्सरी राइम के ज़रिए कोरोना के बारे में बता रहीं हैं इस पान्डेमिक के होने से क्या क्या हो सकता है इसे वो कविताओं से पढ़ा रही हैं। स्लम्स के बच्चों को जागरूक करने के लिए वो मराठी में नर्सरी राइम्स सुना रही हैं और उन्हें 20 सेकंड तक कैसे हाथ धोने हैँ बता रहीं है।
ये नर्सरी राइम्स वो खुद बना रहीं हैं और लोगों को कोरोना वाइरस से बचने के लिए लेने वाले प्रिकॉशन के बारे में पढ़ा रहीं हैं। सुनीता का वीडियो ,ओम प्रकाश बकोरिया, महारष्ट्र के स्पोर्ट्स कमिशनर,द्वारा शेयर किया गया।
इस वीडियो में वो कुछ बच्चों को हाथ धोने की कला, राइम्स और एक्शन के ज़रिए सिखा रहीं हैं और बच्चे उनके एक्शन्स और राइम्स उनके बाद रिपीट कर रहें हैं। नर्सरी राइम मराठी में हैं. औरंगाबाद के एक हॉटस्पॉट में सुनीता अपने इस तरीके से बच्चों को एजुकेट कर रहीं हैं।
उनका लोगों को मदद करने का इनिशिएटिव और प्रयास सफल रहा है और वो इस कोरोना वाइरस से लोगों को बचाने में योगदान दे रही हैं।
कुछ अन्य कोरोना वारियर्स
इस मुश्किल की घड़ी में कई महिलाएं अपनी जान पर खेलकर लोगों की मदद करने के लिए आगे आ रहीं हैं।
ओडिशा में रहने वाली एक किसान अपने खेत से फल और सब्जियां मुफ्त में गांव वालों को बांट रहीं हैं। वो कहती हैं कई लोग पी एम केयर्स फण्ड में डोनेट कर रहे हैं पर उन्होंने सोचा कि वो अपने तरीके से लोगों की मदद करें। और इसी सोच के साथ उन्होंने गांव में सभी को मुफ्त सब्जियां देने का कार्य शुरू किया।
95 वर्षीय पी. नघाकलियानी ने अपनी महीने की पेंशन सी एम रिलीफ फण्ड में डोनेट कर दी और ज़िम्मा लिया अपने एरिया के डॉक्टर्स और नर्सेज के लिए मास्क सिलने का। ऐसे ही कई सारी महिलाएं देश को कोरोना से बचाने के लिए अपना योगदान दे रहीं हैं।