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इन कोरोनावारियर मॉम्स को हमारा सलाम

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Swati Bundela
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भारत में पान्डेमिक के इस सिचुएशन में बहुत सी मॉम्स हैं जो अपने काम के ज़रिये इस देश को पान्डेमिक से बचने के लिए कोशिश कर रही हैं. तो आइये जानते ऐसी ही कुछ मॉम्स के बारे में जो बनी कोरोनावारियर्स:

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1 . मीनल भोंसले



ये वो हैं जिन्होंने भारत को उसकी पहली Covid -19 टेस्टिंग किट दी और उसके कुछ घंटों बाद ही उन्होंने अपनी बेटी को जन्म दिया। इसका मतलब है कि जब वह इस टेस्टिंग किट पर काम कर रही थी तब वो अपनी प्रेगनेंसी की लास्ट स्टेज में थी। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि यह एक एमरजैंसी सिचुएशन थी और इसलिए उन्होंने अपना पेहला कर्त्तव्य देश की मदद करना समझा|

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2 . कप्तान स्वाति रावल



ये इटली जाकर वहां फंसे 263 भारतीयों को सुरक्षित वापस लायी। ऐसा करके कप्तान स्वाति रेस्क्यू फ्लाइट ऑपरेट करने वाली पहली महिला बन गई हैं| सिर्फ हम ही नहीं स्वाति रावल के 5 साल के बेटे को भी उन पर बहुत गर्व है

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3 . डॉक्टर जयंती शास्त्री



डॉक्टर जयंती शास्त्री अपनी बेटी डॉक्टर अदिति शास्त्री के साथ मिलकर इस बात पर रिसर्च कर रही हैं कि कोरोना वायरस महिलाओं के मुताबिक पुरुषों को ज्यादा अफेक्ट क्यों करता है । डॉ जयंती शास्त्री मुंबई के एक फेमस हॉस्पिटल में माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट की हेड हैं, वहीं उनकी बेटी न्यूयॉर्क में ऑन्कोलॉजी की असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने हमें बताया कि वह दोनों रोज इस विषय पे बात करती थी और तभी उनको इस पर एक रिसर्च करने का आईडिया आया|

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4 . डॉ अरुणा सुब्रमण्यम



ये एंटीवायरल ड्रग रेमदेसवीर के ट्रायल की लीड इन्वेस्टिगेटर हैं. यह कोविड-19 को ट्रीट करने के लिए एक पोटेंशियल ड्रग है ।

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5 . महिता नागराज



ये अपने फेसबुक ग्रुप करमोंगर्स इंडिया के जरिए सीनियर सिटीजंस और फिजिकली चैलेंज्ड लोगों तक दवाइयां और ग्रॉसरी पहुंचाती हैं। इनके के इस इनीशिएटिव में उनका 12 साल का बेटा भी उनकी मदद करता है।



हम इनको और उन तमाम मॉम्स को सलूट करते हैं जो दिन रात अपने परिवार को इस पान्डेमिक से बचने के लिए काम कर रही हैं.
इंस्पिरेशन सेहत
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