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एडोलसेंट लड़कियों और महिलाओं के लिए COVID-19 वैक्सीन का महत्व

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Swati Bundela
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वैक्सीनेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा आपके शरीर में एक जीवाणु (जर्म) को डाला जाता है, ताकि आपका शरीर इसके विरुद्ध रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकें। ताकि बाद में जब कोई वायरस या बैक्टीरिया हमारे शरीर में घुसने की कोशिश करें, तो हमारा शरीर उससे लड़ने के लिए तैयार हो और उसे कोई जानलेवा खतरा ना हो।

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वैक्सीन किसी इंफेक्शन या वायरस को हमारे शरीर में घुसने से नहीं रोक सकता। लेकिन उसका काम ही है, हमारी इम्यूनिटी को बहुत मजबूत करना। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से हमारा शरीर उस वायरस या इंफेक्शन से लड़ने में सक्षम हो जाता है और शरीर को कम से कम क्षति पहुंचती है।

एडोलिसेंट या किशोर लड़की के लिए वैक्सीन की महत्वता

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1. MMR - यह बचपन में दिए गए इम्यूनाइजेशन का एक भाग नहीं होता है। जो बालिकाएं 11 या 11 वर्ष से ज्यादा उम्र की होती हैं, उन्हें MMR का डोज दिया जाता है। यह उन स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को भी लगाया जा सकता है, जिन्हें बचपन में इम्यूनाइजेशन मिल चुका है। यह उन्हें इंफेक्शन के खिलाफ लाइफ लोंग इम्यूनिटी प्रदान करता है। यह इंफेक्शन किसी भी युवा (एडल्ट) पर एक छोटी-मोटी बीमारी की तरह हमला करता है परंतु यदि कोई महिला प्रेगनेंसी के दौरान इस इंफेक्शन के चपेट में आ जाए तो यह अजन्मे शिशु के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है।

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2. HPV - इसका मतलब है ह्यूमन पेपिलोमा वायरस के विरुद्ध वैक्सीनेशन। यह वायरस ही हमारे शरीर में सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है। यह वायरस पुरुष के अंगों से आता है (जहां पर यह नेचुरल ही थोड़ी मात्रा में मौजूद होता है) जब एक महिला पहली बार पेनेट्रेटिव सेक्स करती है। एक महिला का शरीर और उसकी अंदरूनी इम्यूनिटी इस वायरस को अगले दो-तीन सालों में बाहर फेंक देता है। HPV वायरस का काम ही यह है कि वह इस इम्युनिटी और लड़ने की शक्ति को बढ़ाएं और मजबूत करें। आदर्श रूप में इसे महिला के 1st सेक्सुअल इंटरकोर्स से पहले दिया जाना चाहिए।

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15 वर्ष या उससे कम उम्र की लड़कियों को इसके दो डोज की जरूरत है। जो लड़कियां 15 वर्ष से लेकर 45 वर्ष की उम्र के बीच की है उन्हें तीन डोज की आवश्यकता है।

युवा और वृद्ध महिलाओं के लिए

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FOGSI ने टिटनेस, डिप्थीरिया, HPV और
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इन्फ्लूएंजा के विरुद्ध वैक्सीन, सभी उम्र की महिलाओं के लिए रिकमेंड करी है। टिटनेस / डिप्थीरिया के बूस्टर्स हर 10 सालों में और इन्फ्लूएंजा के हर साल।

महिलाओं में COVID-19 वैक्सीनेशन महिलाओं के लिए COVID-19 वैक्सीनेशन

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1. 18 वर्ष से ज्यादा उम्र की महिलाएं सुरक्षित रूप से कोविड-19 वैक्सीन लगवा सकती है। इससे उनकी फर्टिलिटी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। महिलाओं के लिए COVID-19 वैक्सीनेशन



2. अभी जो वैक्सीन इंडिया में अवेलेबल है, उसे गर्भवती महिलाओं को लगाने की अनुमति नहीं है, क्योंकि उस पर उपरोक्त क्लिनिकल ट्रायल्स नहीं किए गए हैं, जो कि उसकी संपूर्ण सुरक्षा को सुनिश्चित करें।



3. कोविड-19 वैक्सीन लगवाने के तकरीबन 3 महीने तक तो किसी भी महिला को प्रेगनेंसी के लिए इंतजार करना चाहिए।



4. US में तो CDC mRNA वैक्सीनेशन रेकमेंड कर रही है प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए, ताकि वहां की जनसंख्या इसके लिए वॉलंटियर करे क्योंकि जानवरों पर इसके क्लीनिकल ट्रायल ने कोई गलत असर नहीं दिखाया है। हालांकि, वहां पर भी ह्यूमन डेटा सीमित ही है। इसके साथ ही वे वैक्सीनेशन और प्रेगनेंसी के बीच कोई न्यूनतम गैप भी रेकमेंड नहीं कर रहे।



**उपर्युक्त सभी जानकारी डॉक्टर सुदेशना रे द्वारा दी गई है। वे एक सीनियर गयनेकोलॉजिस्ट है।
हेल्थ वीमेन हेल्थ डॉ सुदेशना रे महिलाओं के लिए COVID-19 वैक्सीनेशन
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