भारत में हर दूसरे सेकंड, एक महिला साइबर क्राइम (cyber crime) का शिकार होती है और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अब एक नया मंच है, जहां हर पल एक महिला सुरक्षा को चुनौती दी जा रही है। ट्रोलिंग, गाली-गलौज, धमकी देना, घूरना, बदनाम करना, पीछा करना, बदला लेना और अश्लील बातें करना जैसे साइबर क्राइम (cyber crime) दुनिया में मौजूद हैं। महिलाओं के खिलाफ साइबर क्राइम (cyber crime) में, प्रभाव शारीरिक से अधिक मानसिक है जबकि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले कानूनों का ध्यान मानसिक नुकसान की तुलना में शारीरिक तोर पर अधिक है।
भारत में महिलाओं के ऊपर बढ़ता जा रहा साइबर क्राइम
कुछ प्रमुख प्रसिद्ध साइबर क्राइम ने हजारों महिलाओं को डिप्रेशन, उच्च रक्तचाप जैसे विभिन्न स्वास्थ्य मुद्दों में डाल दिया है और ई-उत्पीड़न (e - assualt) के कारण महिलाएं चिंता, हृदय रोग और थायरॉयड जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं।
Cyber Crime And Women
- Cyberstalking: साइबरस्टॉकिंग बढ़ रही है और महिलाओं के प्रति होने की सबसे अधिक संभावना है। साइबरस्टॉकिंग ऑनलाइन उत्पीड़न और ऑनलाइन दुरुपयोग के लिए किसी को परेशान करने के लिए इंटरनेट का उपयोग करने का एक तरीका है। एक साइबर स्टॉकर पीड़ित को सीधे शारीरिक खतरे में नहीं डालता है, लेकिन जानकारी इकट्ठा करने के लिए पीड़ित की ऑनलाइन गतिविधि का ध्यान रखता है, विभिन्न रूपों से धमकी देता है।
- मानहानि: साइबर मानहानि में मानहानि और मानसिक तनाव दोनों ही शामिल हैं। इसमें एक वेबसाइट पर व्यक्ति के बारे में बदनाम करने वाली जानकारी प्रकाशित करना या पीड़ितों या संगठन के सामाजिक और दोस्तों के बीच इसे प्रसारित करना शामिल है, जो उनकी मानसिक पीड़ा और दर्द का कारण बनकर किसी महिला की प्रतिष्ठा को बर्बाद करने का एक आसान तरीका है।
- ई-मेल स्पूफिंग: यह एक ईमेल को दर्शाता है जो निकलता किसी नाम से है लेकिन भेजने वाला कोई और होता है । यह मौद्रिक क्षति का कारण बन सकता है।
- फ़िशिंग: फ़िशिंग संवेदनशील जानकारी जैसे उपयोगकर्ता का नाम और पासवर्ड प्राप्त करने और व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करने का इरादा रखने का प्रयास है।
आजकल की टेक्नोलॉजी की दुनिया में जहाँ इंटरनेट हमारे लिए वरदान है वही ऐसे बहुत -से क्षेत्र है जहाँ यह एक श्राप का रूप भी ले लेता है। हमे आजकल की इस सोशल मीडिया की दुनिया में बहुत संभलकर कदम उठाने चाहिए।