पांच दहेज देने के नुकसान

author-image
Swati Bundela
New Update

दहेज शब्द हर वो इंसान जानता है जो भारत का नागरिक है। दहेज़ क्या होता है ? दहेज़ एक प्रथा है जिसके चलते हम अपनी बेटी की जिस भी घर में शादी करते हैं उनको पैसे, गाड़ी, सोना, चाँदी, फर्नीचर और कई सामान दते हैं। बड़ी बात तो यह है कि दहेज़ लड़की वाले अपने मन से बहुत कम ही देते हैं ज्यादातर लड़के वाले इस चीज़ की मांग करते हैं शादी से पहले। लड़के वालों की मांग पूरी करने के चक्कर में कई लड़कियों के माता पिता कर्जा कर लेते हैं जो वो ज़िन्दगी भर लौटा नहीं पाते हैं। पहले के ज़माने में दहेज़ एक अच्छी प्रथा मानी जाती थी। लड़के को दहेज इसलिए दिया जाता था ताकि इस दहेज से उसको नव विवाहित गृहस्थी ज़माने में मदद मिले पर समय के साथ इसका महत्व और सोच बदलती गई ।


आज हम बात करेंगे दहेज देने के पांच नुकसान के बारे में -

1 सोच ख़राब होना


दहेज देने से लोगों की ख़राब सोच को बढ़ावा मिलता है। लड़की के परिवार को लगता है कि दहेज देना उनकी मजबूरी है और लड़के वालों को लगता है कि उनको दहेज मिलना उनका अधिकार है।

2. लालच को बढ़ावा - दहेज देने के नुकसान


जो लोग अपनी लड़की की शादी में दहेज देते हैं उसके बाद कई बार ऐसा होता है कि उनको शादी होने के बाद भी कई बार दहेज देना पढता है। ऐसा कभी लड़के की तरफ से दबाव की वजह से होता है तो कभी लालची सास ससुर के कारण। जितनी बार उनको मुफ्त का दहेज और पैसे मिलते हैं उनका लालच बढ़ता जाता है।

3. लड़की को परेशानी - दहेज देने के नुकसान


कई लड़कियाँ ऐसी हैं हमारे देश में जिन को दहेज की वजह से ससुराल वाले परेशान करते हैं , मारपीट करते हैं या तक की बहुत सी लड़कियाँ दहेज के चक्कर में अपनी ज़िन्दगी से हाँथ भी धो बैठती हैं।

4. इंसान से ज्यादा वस्तु की कीमत


जिन लड़कियों को दहेज के लिए परेशान किया जाता है उस से ये समझ आता है कि एक लड़की एक इंसान से बढ़कर हमारे समाज में वस्तु सामान ,दहेज़, पैसा, गाड़ी, सोना, चाँदी को माना जाता है।

5. पिछड़ा भारत


भारत में दहेज और दहेज जैसी कई प्रथा हैं जिनके कारण भारत हमेशा पीछे रहा है और जिस से हम भारत को पीछे देखते हैं। देश को आगे बढ़ने के लिए सबसे पहले ऐसी प्रथा और सोच को त्याग ने की ज़रूरत है।

Image credits : हिंदी जानकारी
सोसाइटी