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Does Short Clothes Makes You Characterless? क्या छोटे कपड़े पहने से लड़की कैरेक्टरलेस हो जाती है?

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Swati Bundela
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Does Short Clothes Makes You Characterless: दुनिया में औरत के उठाएं गए हर कदम पर लोगों ने सवाल उठाएं है और अभी भी उठाएं जा रहे है जहाँ लोगों ने औरत को जज करना, कंट्रोल करना अपना हक़ समझ लिया है। "औरत की अपनी एक पहचान है", "अपना एक ओपिनियन है", "उसकी अपनी चॉइस" है इस सत्य को अनदेखा कर "उसे कैसे रहना चाहिए", "कैसे बैठना चाहिए", "क्या पहनाना चाहिए" आदि बातों पर कंट्रोल करना शुरू किया और जिसका कारण यह है कि आज परिवार के लोग  उस पर रोक लगाते है और समाज उसे छोटे कपड़े या कोई भी वेस्टर्न स्टाइल कपड़े पहनने पर "करेक्टरलेस" का टैग देता है। आईए जानते हैं क्यों ऐसा कहते है और क्या यह सही है?

1. सेक्स के प्रति रुझान

स्त्री का छोटे कपड़े पहना लड़को को अपनी तरफ आकर्षित करने का माद्यम माना जाता है। उसके स्किन शो को सेक्स के लिए मांग व सेक्स के प्रति रुझान समझा जाता है पर यह सत्य नहीं है। सेक्स के लिए इच्छुक होने का संबंध कपड़ो से नहीं है। औरत को सिर्फ सेक्स ओबेजक्ट समझने वाले हर किसी लड़की को हवस का शिकार बनाने के लिए तैयार रहते है चाहे वो बुर्खा में हो या स्कर्ट में।

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2. संस्कृति का अपमान

लड़कियों का छोटे कपड़े जैसे स्कर्ट, शॉर्ट्स, जीन्स पहनना उनका संस्कृति से दूरी बनाना और संस्कृति का अपमान करना कहा जाता है पर वहीं लोग अपनी सहूलियत के हिसाब से वेस्टर्न ट्रेंड को अपनाते है। लड़को का पैंट शर्ट पहना भी वेस्टर्न संस्कृति से ही तो प्रभावित है।

3. एब्यूज को बढ़ावा देते है

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कुछ अजीब धारणाएं यह भी है कि छोटे कपड़े पहनने वाली औरतें खुद ही अपने लिए मुसीबतें पैदा करती है। "लड़के तो फिर फिसल ही जाते है" पर आज बूढ़ी औरतों से लेकर, बुर्खा पहनने वाली, साड़ी पहनने वाली और  यहाँ तक की छोटी बच्ची के साथ शोषण की खबरें आ रही है जो इस बात को पूरी तरह नकारती है "लड़की के कपड़े एब्यूज की जड़ है"।

4. पसंद का सवाल

व्यक्ति क्या पहन रहा है? यह उसकी पसंद पर निर्भर करता है। किसी के  कपड़ो की चॉइस व ड्रेसिंग से उसके करैक्टर पर सवाल उठाना लोगों की पिछड़ी हुई व छोटी सोच को दर्शाता है और औरत पर ऐसे भद्दे कमेंट करना अपमानजनक है।

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5. शर्म औरत का गहना होता है

छोटे कपड़े पहनने वाली, शराब पीने वाली, पति के साथ ना रहने वाली, बिना किसी काम के इधर-उधर घूमने वाली, देर से सोने वाली स्त्री को चरित्रहीन कहा जाता है पर अपनी इच्छाओं को दबाकर रखना और त्याग करते रहना औरत ही क्यों करें? जो समाज लड़को को आज़ादी देकर उन्हें बिगाड़ रहा है वो औरत को उसका हक़ और सम्मान देने से क्यों जिजकता है?

 

 



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