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सुप्रीम कोर्ट का भी यही मन्ना है की सम्पत्ति बेटेऔर बेटी मे बराबर हिस्से मे बाँटी जाए इस से महिलाओं मे आत्मविश्वास आता और उन्हें किसी और पर डिपेंड होने की जरुरत नहीं पड़ती। हमारे समाज के अनुसार एक महिला शादी से पहले अपने फादर पर निर्भर होती है और शादी के बाद अपने हस्बैंड पर और हस्बैंड के मरने के बाद अपने बेटे पर। इस तरीके की मानसिकता को तोड़ने के लिए जरुरत है विमेंस का खुद पर फ़ाइनेंशियली इंडिपेंडेंट होना। इसके कही कारण है जैसे की :
1) महिलाएँ असहाय महसूस नहीं करेंगीं
विमेंस को भरोसा रहेगा की उनको हर समय किसी के कंधे पर टंगने की जरुरत नहीं है। बचपन से जिस प्रकार उनके फादर सपोर्ट रहे है अब वो सपोर्ट वो खुदके लिए खुद बन सकती है।
2) खुद के फैसले खुद ले सकेंगीं
जब विमेंस किसी पर फ़ाइनेंशियली निर्भर नहीं रहेंगीं तो वो खुद के निर्णय बिना किसी दवाब के ले सकेंगीं इस से उनकी सेल्फ -ग्रोथ होगी और वो और मजबूत बनेंगीं ।
3) कठिन समय की तैयारी के लिए
लाइफ मे कभी भी कुछ भी हो सकता है कभी अच्छा तो कभी बुरा लेकिन अगर आप खुदपर निर्भर है तो आप अपने कठिन समय में मजबूती से लड़ सकेंगे बिना किसी के आगे हाँथ फैलाय इससे आपके बच्चो पर भी अच्छा असर होगा।
4) फैमिली में आपका भी होगा सहयोग
आजकल की दौड़ती - भागती तेज़ रफ़्तार ज़िन्दगी मई एक आदमी का घर चलाना कभी कभी मुश्किल हो सकता है ऐसे मे अगर विमेंस भी पैसे कमाती है तो घर चलना काफी सरल हो जाता है।
5) अपनी लाइफ अपने तरीके से जी सकेंगीं
जब महिलाएँ फ़ाइनेंशियली इंडिपेंडेंट होंगीं तो वो अपनी लाइफ अपने तरीके से बिना किसी रोक टोक के जी सकती है और अगर उनकी मैरिड लाइफ मे कोई प्रॉब्लम है तो वो फाइनेंसियल प्रॉब्लम के बारे मे बिना सोचे डाइवोर्स ले सकेंगीं इस से उनका खुद पर विश्वास बड़ेगा।