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मेनोपॉज़ एक महिला के जीवन का एक नेचुरल ट्रांजीशन फेज है जब उसका मेंस्ट्रुअल साइकिल बंद हो जाता है। ये आपके लास्ट पीरियड के 12 महीने बाद कन्फर्म हो जाता है। हालाँकि इसके ट्रांजीशन से जुड़े लक्षण आपको बहुत साल तक परेशान कर सकते हैं। इन लक्षणों पर अगर सही समय पे काबू नहीं पाया गया तो ये आप में कई बिमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं। ऐसे में मेनोपॉज़ के लक्षण को घटाने के लिए डाइट आपकी मदद कर सकता है। जानिए ऐसे 5 तरह के फूड्स जिनको आपको मेनोपॉज़ के लक्षण घटाने के लिए अवॉयड करना चाहिए:
जिन महिलाओं में ब्लड प्रेशर हाई होता है या फिर इन्सुलिन के प्रति रेजिस्टेंस होता है उनमें मेनोपॉज़ के दौरान हॉट फ्लैशेस का खतरा ज़्यादा होता है। प्रोसेस्ड फूड्स और एडेड शुगर आपके ब्लड शुगर को रैपिडली बढ़ा सकते हैं जो आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। इसलिए मेनोपॉज़ के दौरान प्रोसेस्ड फूड्स जैसे वाइट ब्रेड और बेक्ड फूड्स की मात्रा को लिमिट करने से आपको ज़्यादा परेशानी नहीं होगी।
शोध बताते ही की अल्कोहल और कैफीन के सेवन से महिलाओं में हॉट फ्लैशेस की समस्या बढ़ती है। इनके सेवन से हॉट फ्लैशेस की इंटेंसिटी बढ़ती है पर फ्रीक्वेंसी नहीं। कैफीन और अल्कोहल के कारण आपकी नींद भी बिगड़ सकती है और मेनोपॉज़ के डायफ्रं वैसे ही बहुत साड़ी महिलाओं को सोने में प्रॉब्लम होती है। इसलिए अल्कोहल और कैफीन के सेवन को बंद करें।
स्पाइसी खाने को मेनोपॉज़ में अवॉयड करने पर अभी भी शोध चल रहा है। एक शोध के मुताबिक लाइफ स्टाइल चेंजेस और स्पाइसी खाने का सेवन महिलाओं को अपने बॉडी के रिक्वायरमेंट्स के हिसाब से ही करनी चाहिए वरना उनके लिए मुश्किल बढ़ सकती है। इसलिए स्पाइसी खाने पे अपनी बॉडी के रिएक्शन को खुद समझें और उस हिसाब से निर्णय लें।
हाई साल्ट इन्टेक के कारण पोस्ट मेनोपौसाल वूमेन में बोन डेंसिटी घट सकती है। सिर्फ यही नहीं मेनोपॉज़ के बाद आपके एस्ट्रोजन लेवल्स के घटने के वजह से आपको ब्लड प्रेशर का खतरा भी बढ़ सकता है। इसलिए अपने सोडियम इन्टेक को घटा दें ताकि आपको ज़्यादा परेशानी ना हों।
अपने फ़ास्ट फ़ूड इन्टेक पर ध्यान दें। ज़्यादा फैटी खाना खाने से आपको हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है जिसका रिस्क मेनोपॉज़ के बाद वैसे भी ज़्यादा हो जाता है। इसलिए कोशिश करें की अपने वर्क पर आप जब जाएं तो घर का बना हुआ हेल्दी भोजन टिफ़िन में पैक करके ज़रूर ले जाएं।
ये सार्वजानिक रूप एकत्रित जानकारी है। यदि आपको किसी विशिष्ट सलाह की ज़रूरत है तो कृपया डॉक्टर से परामर्श लें।
1. एडेड शुगर और प्रोसेस्ड कार्ब्स
जिन महिलाओं में ब्लड प्रेशर हाई होता है या फिर इन्सुलिन के प्रति रेजिस्टेंस होता है उनमें मेनोपॉज़ के दौरान हॉट फ्लैशेस का खतरा ज़्यादा होता है। प्रोसेस्ड फूड्स और एडेड शुगर आपके ब्लड शुगर को रैपिडली बढ़ा सकते हैं जो आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। इसलिए मेनोपॉज़ के दौरान प्रोसेस्ड फूड्स जैसे वाइट ब्रेड और बेक्ड फूड्स की मात्रा को लिमिट करने से आपको ज़्यादा परेशानी नहीं होगी।
2. अल्कोहल और कैफीन
शोध बताते ही की अल्कोहल और कैफीन के सेवन से महिलाओं में हॉट फ्लैशेस की समस्या बढ़ती है। इनके सेवन से हॉट फ्लैशेस की इंटेंसिटी बढ़ती है पर फ्रीक्वेंसी नहीं। कैफीन और अल्कोहल के कारण आपकी नींद भी बिगड़ सकती है और मेनोपॉज़ के डायफ्रं वैसे ही बहुत साड़ी महिलाओं को सोने में प्रॉब्लम होती है। इसलिए अल्कोहल और कैफीन के सेवन को बंद करें।
3. स्पाइसी खाना
स्पाइसी खाने को मेनोपॉज़ में अवॉयड करने पर अभी भी शोध चल रहा है। एक शोध के मुताबिक लाइफ स्टाइल चेंजेस और स्पाइसी खाने का सेवन महिलाओं को अपने बॉडी के रिक्वायरमेंट्स के हिसाब से ही करनी चाहिए वरना उनके लिए मुश्किल बढ़ सकती है। इसलिए स्पाइसी खाने पे अपनी बॉडी के रिएक्शन को खुद समझें और उस हिसाब से निर्णय लें।
4. ज़्यादा नमक वाले फूड्स
हाई साल्ट इन्टेक के कारण पोस्ट मेनोपौसाल वूमेन में बोन डेंसिटी घट सकती है। सिर्फ यही नहीं मेनोपॉज़ के बाद आपके एस्ट्रोजन लेवल्स के घटने के वजह से आपको ब्लड प्रेशर का खतरा भी बढ़ सकता है। इसलिए अपने सोडियम इन्टेक को घटा दें ताकि आपको ज़्यादा परेशानी ना हों।
5. फ़ास्ट फूड्स
अपने फ़ास्ट फ़ूड इन्टेक पर ध्यान दें। ज़्यादा फैटी खाना खाने से आपको हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है जिसका रिस्क मेनोपॉज़ के बाद वैसे भी ज़्यादा हो जाता है। इसलिए कोशिश करें की अपने वर्क पर आप जब जाएं तो घर का बना हुआ हेल्दी भोजन टिफ़िन में पैक करके ज़रूर ले जाएं।
ये सार्वजानिक रूप एकत्रित जानकारी है। यदि आपको किसी विशिष्ट सलाह की ज़रूरत है तो कृपया डॉक्टर से परामर्श लें।