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Ganesh Chaturthi 2021: जानिए 4 तरह की गणपति मूर्ति जो है बिल्कुल ईको-फ्रेंडली

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Swati Bundela
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Ganesh Chaturthi 2021 :भाद्रपद आते ही पुरे भारत में सभी को गणेश चतुर्थी का बेसब्री से इंतज़ार होता है। इस साल 10 सितम्बर से इस त्यौहार की शुरुआत हो रही है यानि 10 सितम्बर को गणपति की मूर्ति घर-घर विराजेंगे और 19 सितम्बर को अनंत चतुर्दशी के दिन उन्हें विदा किया जाएगा। विशेष कर महाराष्ट्र में ये त्यौहार काफी धूम-धाम से मनाया जाता है। लोग अपने घरों में गणपति की मूर्ति लाते हैं और चतुर्दशी को वे मूर्ति का विसर्जन कर देते हैं। लेकिन क्या कभी आपने सोचा कि मूर्ति विसर्जन से हमारे पर्यावरण को कितना नुकसान पहुँचता है।

क्यों रखें ईको-फ्रेंडली गणपति

हमने टीवी पर अक्सर देखा होगा कि इस त्यौहार को लेकर बॉलीवुड में भी काफी रौनक छायी रहती है। बड़े बड़े टीवी और फिल्म स्टार्स के घर गणपति विराजते हैं। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि इतने ज्यादा मात्रा में गणपति विसर्जन से नदियों और तालाबों के पानी में मूर्ति के जहरीले केमिकल्स मिक्स हो जाते हैं। ये हमारे पर्यावरण के लिए बहुत ज्यादा नुकसान-दायक है।

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इसीलिए इस बार मार्केट में ईको-फ्रेंडली गणपति की मूर्तियों की धूम मची हुई है। हमें अपने त्यौहार मानाने की पूरी आज़ादी है लेकिन अपने पेड़-पौधों और अपने पर्यावरण का ख्याल रखना भी हमारी ज़िम्मेदार है। आईये देखें कि इन दिनों किस तरह के ईको-फ्रेंडली गणपति मार्केट में अवेलेबल हैं-

1. मिट्टी के गणपति

इस बार P.O.P से बनी मूर्ति कि जगह मिट्टी के गणपति को घर बुलाएं। मिट्टी पानी में जाते ही घुल जाती है और इससे नदी या उसके जीव को कोई नुकसान नहीं पहुँचता। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि कई बार दूकानदार पीओपी की मूर्ति को मिट्टी की बता कर आपको चकमा दे सकता है।

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2. पेपर मैश से बनी मूर्ति

इन दिनों ईको-फ्रेंडली मूर्तियों में पेपर मैश काफी ट्रेंड में हैं। अगर आपको छोटे से गणपति चाहिए तो पेपर मैश के जरिये आप खुद घर पर अपने बाप्पा की मूर्ति बना सकते हैं। पेपर से बनी मूर्ति विसर्जन के बाद आसानी से मिट्टी के साथ घुल जाती हैं और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचातीं।

3. गोबर की मूर्ति

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सुन कर भले ही हैरानी हो मगर ये सच है। मार्केट में गोबर से बने ईको-फ्रेंडली गणेश जी की मूर्तियां बिक रहीं हैं। मार्केट में गोबर से बनी मूर्ति की कीमत बाकि ईको-फ्रेंडली मूर्तियों से थोड़ी ज्यादा होती है। लेकिन अगर आप भी इस साल ईको-फ्रेंडली गणेश चतुर्थी मनाना चाहते हैं तो गोबर की ये मूर्ति यक़ीनन बेस्ट ऑप्शन है।

4. मिक्स ईको-फ्रेंडली कॉम्बिनेशन वाली मूर्ति

कई बार ईको-फ्रेंडली के कई ऑप्शन मिल जाने के बाद ग्राहक कंफ्यूज हो जाता है कि कौन सी मूर्ति अच्छी रहेगी, गोबर वाली या पेपर मैश मूर्ति या फिर मिट्टी की मूर्ति।कई मूर्तियां ऐसी भी होती हैं जो एक नहीं बल्कि कई तरह के नैचरल चीजों से बनी होती हैं। इन्हें बनाने के लिए मिट्टी, पेपर, कुमकुम, नैचरल कलर्स आदि का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे मूर्ति का कोई भी हिस्सा प्रकृति को नुकसान नहीं पहुंचाता।

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