मूल रूप से फ़्रांसिसी माता-पिता से जन्मी एक्ट्रेस कल्कि कोचलिन को सिने जगत का कौन नहीं जनता! कल्कि कोचलिन का जन्म तमिलनाडु के पुडुचेरी में हुआ। अपने भावों और विचारों से सबको हतप्रभ कर देने वाली अदाकारा कल्कि कोचलिन का बचपन सामान्य नहीं था।
लेखन और एक्टिंग–पहला शौक़
10 जनवरी 1984 में जन्मी हिंदी सिनेमा की अदाकारा कल्कि की बचपन की पढ़ाई बोर्डिंग स्कूल में रही। मात्र पंद्रह वर्ष की उम्र में उनके माता-पिता के बीच तलाक़ हो गया। वे अपनी माता के साथ रहीं। फ्रेंच, इंग्लिश और तमिल भाषा का ज्ञान रखने के साथ कल्कि की रुचि लेखन और एक्टिंग में थी। अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने लंदन के 'गोल्डस्मिथ, लंदन यूनिवर्सिटी' संस्थान से नाटक में शिक्षण हासिल किया।
हिंदी भाषा भी सीखी
आगे चलकर कल्कि ने 'द कंपनी थिएटर' से काम शुरू किया। उन्होंने इस दौरान हिंदी भाषा भी सीखी। अपनी प्रतिभा को दिखाने के लिए कल्कि ने कई फिल्मों में अपना योगदान दिया, जिनमें मुख्य फिल्में– ये जवानी ये दीवानी (2013), ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा (2011), देव डी (2009), मार्गरीटा विद ए स्ट्रॉ (2014) जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में शामिल हैं।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है नाम
कल्कि को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार प्राप्त हैं। अपनी प्रतिभा की धनी कल्कि कोचलिन को 2018 में फ़्रांस की सरकार ने ‘The Knight of the Order of Arts and Letters’ से नवाज़ा। ये सम्मान उन्हें सिनेमा में इंडो-फ्रेंच मज़बूती को बढ़़ाने में मिला।
विचारों में एकदम मुखर
कल्कि कोचलिन विचारों में एकदम मुखर हैं। सामाजिक कुरीतियों के ख़िलाफ़ वे बढ़़-चढ़ कर आगे आती हैं। मुद्दे चाहें महिलाओं से जुड़े हों या बच्चों से, कल्कि कोचलिन उन पर बेबाक टिप्पणी देती हैं। बिना विवाह अपने बच्चे को बाथटब में जन्म देने के चलते कल्कि कोचलिन आज भी सभी को याद रहती हैं।
तो कुछ इस तरह है कल्कि कोचलिन का व्यक्तित्व। पहले से चली आ रही चीज़ों से इतर, कुछ हटकर करती हैं कल्कि; कल्कि वो करती हैं, जो अक्सर समाज करने से चूक जाता है।