सास- बहु के रिश्ते में पति यानि बेटे को पिसते तो अवश्य सुना होगा। एक माँ को अपने बेटे की शादी को लेकर बहुत ख्वाब होते है, बहु आएगी, काम संभालेगी, बेटे को खुश रखेगी व उसका साथ देगी आदि एक्सपेक्टेशंस होती है और साथ में डर होता है कि कहीं बहु माँ से उसका बेटा ना छीन लें। वहीं दूसरी तरफ बहु यानि पत्नी को डर होता है कि उसका पति सिर्फ माँ का लाडला ना बन कर रह जाए, उसका सही बात में साथ दें। इस उलझन में बॉलीवुड कई बार आग में घी डालने का काम करता आया है।
हिंदी फिल्मों में सास का किरदार बहुत ज़ालिम, गुस्से वाली, बहु पर अत्याचार करने वाली दिखाया गया है पर यह पूरा सच नहीं है। आईए जानते है कि कुछ फिल्मों के बारे में जिसमें सास-बहु के रिश्ते के दूसरे एंगल को दिखने की कोशिश की। एक सास के सुप्पोर्टीव रूप को प्रेजेंट किया गया है।
Hindi Films With Supportive Mother-In-Law-
1. थप्पड़
जहाँ इस फिल्म ने "औरत को थोड़ा सहना चाहिए" धारणा को तोड़कर समाज को नई राह दिखाने की कोशिश की। वही अमृता और सुलक्षणा के सास-बहु के रिश्ते ने लोगों का दिल जीत लिया। इस फिल्म ने बताया कि एक सास सपोर्टिव भी हो सकती है, अपनी बहु का पक्ष ले सकती है और किट-पिट, लड़ाई झगड़े से दूर सहेलियाँ बन सकती है और प्यार, शांति से एकसाथ भी रह सकती है।
2. विक्की डोनर
इस फिल्म में विक्की की माँ डॉली अहलुवालीया और उनकी सास यानि बीजी के प्रोगेसिव रिश्ते को दिखाया है। वह एक दूसरे के मन की बात बातचीत करते, ड्रिंक शेयर करते नजर आई जो कम देखने को मिलता है। बीजी का विक्की के स्पर्म डोनर होने की बात को एक्सेप्ट कर डॉली को समझाना, अपने टाइम से आगे चलना और स्टीरियोटाइप तोड़ कर जीना काफी मोटिवटीव है।
3. बधाई हो
इस फिल्म में ज़्यादातर दुर्गा और प्रियंवदा टिपिकल सास-बहु के किरदार में दिखे। दुर्गा का अपनी बहु को डोमिनेट करना, झगड़ा करना, प्रेगनेंसी का सुन कर गुस्सा हो जाना सब था पर वह प्रियंवदा के लिए खड़ी हुई रिश्तेदारों के आगे उसका स्टैंड लिया, उसे डिफेंड कर उसकी तारीफ की। यह बताता है कि भले ही रिश्ता नोक-झोक वाला है पर इसमें प्यार भी है।
4. कल हो ना हो
इस फिल्म को देखने वाले लोग यहीं कहेंगे कि सास काफी बुरी थी और साथ में यह कैजुअल सेक्सिज्म और होमोफोबिया के साथ दिखाई देने वाली 2003 की फिल्म है। पर इसमें सास का कड़वापन सिर्फ एक मिसअंडरस्टैंडिंग, बेटे के मौत के गम के कारण थी और अंत में जब गलतफ़हमी दूर हुई तो लज्जो यानि सास ने अपनी बहु जेनिफर और जीया को अपना कर सभी की आँखों में आंसू ला दिए।
5. 2 स्टेट्स
इस फिल्म में अनन्या और कविता मल्होत्रा के बीच में अन-बन का कारण अनन्या का दूसरे कल्चर से होना था जिसके लिए वह उसे अपने बेटे से दूर करना चाहती थी पर यह इंटरकास्ट लव स्टोरी की हैप्पी एंडिंग हुई और वो भी परिवार की सहमती के साथ। जिससे यह पता चलता है कि सास-बहु का रिश्ता बाकि रिश्तों की तरह ही है जिसमें प्यार और तकरार दोनों शामिल है।