किसी से प्यार करना जितनी खुशी देता है, रिजेक्शन उतनी ही तकलीफ़ देता है। हमें लगता है कि हमने ज़िंदगी की सबसे ज़रूरी चीज़ खो दी है, हम ग़म में डूब जाते हैं। हम समझ नहीं पाते कि इस सिचुएशन से किस प्रकार डील करें। आखिरकार किसी के रिजेक्ट करने के बाद भी ज़िंदगी तो जीनी है, आगे बढ़ना ही है। इसलिए हम आपको बताएँगे कि अपनी लाइफ़ में रिजेक्शन्स का सामना कैसे करें। Rejection deal karne ke tips।
जानिए रिजेक्शन से डील करने के तरीके -
1. आपकी ज़िंदगी में और भी एम्स हैं
भले ही आप अभी दुखी हों और आपको लग रहा हो कि दुनिया खत्म होगयी है पर सच तो ये है कि किसी भी ज़िंदगी सिर्फ़ एक इंसान के आस पास नहीं घूमती। आपकी ज़िंदगी में भी कई अन्य चीज़ें होंगी। अपने समय का सदुपयोग करके कोई कंस्ट्रक्टिव काम करिए और अपने गोल्स को एक्सप्लोर कीजिये। अपनी खुशी की दूसरी वजह तलाश करिए, क्योंकि एक इंसान पर रुक जाने से आप कभी आगे बढ़ना नहीं सीख पाएँगे।
2. दूरियाँ हैं ज़रूरी !
रिजेक्शन के बाद उन्हें फेस करना बहुत मुश्किल हो सकता है। आपको उन्हें देख कर दर्द महसूस होता है और लगातार मिलते रहने से मूव ऑन करने में दिक्कत आ सकती है इसलिए उनसे कमसे कम तब तक के लिए दूरी बनायें जब तक आप पहले से बेहतर ना हो जाएँ। आपको ज़बर्दस्ती उनसे स्माइल करके बात करने की ज़रूरत नहीं है। अगर वो आपके दोस्त हैं तो उन्हें अपनी समस्या बताइये और ठीक होने के लिए थोड़ा समय माँगीए, वो ज़रूर समझेंगे। ये दूरियाँ आपको उन्हें भूलने में मदद करेंगी।
3. आप किसी से कम नहीं है
रिजेक्ट होने का मतलब ये नहीं है कि आप अपनी कमियों की लिस्ट बनाने लगें और ख़ुद को दूसरों से कम्पेयर करने लगें। आप जैसे हैं, अच्छे हैं। आपको किसी की ज़िंदगी का हिस्सा बनने के लिए ख़ुद को बदलने की ज़रूरत नहीं है। अपने प्रति नकारात्मकता रखने की बजाय अपने वजूद को एक्सेप्ट करिए।
4. उम्मीद पर दुनिया कायम है!
कभी भी उम्मीद मत छोड़िये। जिसने आपको रिजेक्ट किया, वो दुनिया का आखिरी इंसान नहीं था। आपकी ज़िंदगी में और भी लोग आएँगे। आपको दोबारा कोई पसंद आ सकता है। जो नहीं मिला वो आपके हिस्से में था ही नहीं, आपके लिए कोई इससे भी बेहतर साथी होगा इसलिए इस ग़म ज़िंदगी काटने की जगह उम्मीद के दरवाज़े खोलिये।
5. दोस्त हैं ना
किसी भी सुख-दुख में सबसे बड़े साथी दोस्त ही होते हैं। अगर आपको अपने क्रश का रिजेक्शन झेलने में तकलीफ़ हो रही है तो अपने दोस्तों का सहारा लीजिये, उनके साथ समय गुज़ारिये। वो आपको खुश करना जानते हैं। उनसे शेयर करके आपका दर्द आधा हो जाएगा। वो आपका साथ नहीं छोड़ेंगे।
6. 'ना' की इज़्ज़त करिए
आपने भी ज़िंदगी में कई लोगों को रिजेक्ट किया होगा इसलिए उनकी 'ना' की भी इज़्ज़त करिए। आप कभी नहीं चाहेंगे कि जिसे आप रिजेक्ट करें वो आपके आगे पीछे घूमे या आपको परेशान करे, आप भी ऐसा बर्ताव मत करिए। उन्हें मैनिपुलेट करने की कोशिश मत करिए और ना बोलने के पीछे का कारण बताने के लिए फ़ोर्स मत करिए। अगर उनकी फीलिंग्स चेंज होनी होंगी तो हो जाएँगी, आप इंतज़ार करने का ऑप्शन चुन सकते हैं पर उनके साथ ज़बरदस्ती करना या उन्हें इमोशनली ब्लैकमेल करना बिल्कुल भी ठीक नहीं।
7. इमोशन्स बहने दीजिए
इमोशन्स को दबा कर मत रखिये। आप दुखी हैं तो अपना दुख व्यक्त करिए। दर्द छुपाने से केवल नुकसान होता है क्योंकि आप अंदर ही अंदर टूटने लगते हैं और आपका दम घुटने लगता है। इमोशन्स का बाहर निकलना बेहद ज़रूरी है। अगर आप दूसरों से शेयर करने में कम्फ़रटेबल हों तो वही करिए और अगर आप इंट्रोवर्ट हों तो ख़ुद अपनी फीलिंग्स का सामना करिए, ख़ुद को रोने से कभी मत रोकिए। रोना हेल्दी होता है।
ये थे Rejection se deal karne ke tips।