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1 बच्चो के लिए फाइनेंशल प्लांनिग करते वक़्त ध्यान रखे:
एजुकेशन से सम्बंधित खर्चे दिनोदिन बहुत उचे रेट के साथ तेजी से बढ़ते जा रहे हैं | इसीलिए बच्चों की पढ़ाई के लिए सही समय पर बचत कर निवेश शुरू कर देना चाहिए। एजुकेशन के लिए आपने जिन विकल्पों (Option ) में निवेश ( Investment )किया है उनसे उस पर मिलने वाला रिटर्न महंगाई के अनुकूल होना चाहिए |
2 भविष्य में कितने फंड की जरूरत होगी अनुमान लगाए:
आंकडों के अनुसार एजुकेशन की महंगाई दर 10 से 12 फीसदी सालाना हैं । इसके अनुसार आने वाले सालों में अगर औसतन 6 फीसदी प्रति वर्ष की दर से बढ़ता है तो 15 से 16 साल बाद जिस इंजिनियरिंग कोर्स की फीस आज 6 लाख रुपए है वही 15 लाख रुपये तक हो जायेगी |
3 फण्ड को बेहतर तरीके से करे मैनेज:
अपने फंड्स को बेहतर तरीके से बच्चो की जरूरत के हिसाब से मैनेज करे | बच्चे की पढाई के खर्च का निवेश तीन हिस्सों में बाँट ले | छोटी अवधि, मध्यम अवधि और लंबी अवधि |इन तीनों में नियमित रूप से पैसे डालें |
4 म्यूचुअल फंड्स के द्वरा आप एक लंबी अवधी में अच्छा फण्ड जूटा सकते हैं :
दो से चार म्युचुअल फंड स्कीम में एसआईपी (Systematic Investment Plan) शुरु कर सकते हैं | इसमें लार्ज और मिड कैप फंड्स भी हों तो बहुत अच्छा हैं | इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम में निवेश करने से बच्चे का भविष्य सुरक्षित होगा और साथ ही टैक्स की भी बचत होगी।
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5.चाइल्ड यूलिप प्लान:
बच्चों की पढ़ाई के खर्चों को पूरा करने के लिए आप चाइल्ड यूलिप प्लान का भी चयन कर सकते हैं । इसके वेवर प्रीमियम फीचर की सहायता से बच्चे को मनचाही उम्र में पैसे मिल जाते हैं।
6.पब्लिक प्रोविडेंट फंड:
आप बच्चे के नाम से पब्लिक प्रोविडेंट फंड का भी चुनाव कर सकते हैं । पीपीएफ (public provident fund) 15 वर्षों की स्कीम होती है बच्चे की जरूरत के अनुसार एकाउंट के 6 साल के बाद कुछ राशि आप निकाल सकतें हैं । बच्चे की पढ़ाई पर होने वाले खर्च का पहले से अनुमान लगाकर उसके लिए सही प्लानिंग करना एक समझदारी भरा निर्णय होता हैं ।
7.सुरक्षित भविष्य उतना ही जरूरी जितना वर्तमान:
अपने बच्चे के भविष्य की सुरक्षा करना भी उतना ही जरूरी हैं , जितना उसके वर्तमान का ख्याल रखना। अपने बच्चे का संपन्न व उज्जवल जीवन सुनिश्चित करने के लिए आपको पहले से ही एक casual योजना बनाकर रखनी चाहिए। क्योंकि बच्चों के लिए निवेश माता-पिता के लिए सदैव से एक चुनौती हैं । हालांकि, आज के माता-पिता अवसरों एवं माध्यमों के बारे में ज्यादा जागरुक हैं। आजकल के पेरेंट्स पैरेंटिंग के पारंपरिक तरीकों को बदल रहे हैं। यह एक बेहतर संकेत हैं ।
इस आर्टिकल में हमने जाना कि कैसे करे बच्चो के भविष्य और पढाई की फाइनेंशल प्लानिंग ।
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