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पढ़िये बच्चा 6 महीने का हो जाए तो उसे कैसे फीड करें -
1. सेमी-सॉलिड फ़ूड खिलाएँ
छह महीने का बच्चा नए-नए दाँत विकसित कर रहा है। इसलिए भले ही आपका बच्चा सॉलिड फ़ूड खाने के लिए शारीरिक रूप से तैयार हो, लेकिन आपको उसके लिए भोजन को बारीकी से मसलना चाहिए या सेमी सॉलिड रूपों में खाना खिलाना चाहिए। शुद्ध दलिया और सूप जैसी चीज़ें रिकमेंड की जाती है।
2. कोशिश करें की ब्रेस्टफीडिंग बन्द ना हो
बच्चा सॉलिड फ़ूड खाने लगे तब भी स्तनपान बन्द ना करें। रोज़ाना हर दो-तीन घण्टे में बच्चे को दूध पिलाएँ। ब्रेस्टमिल्क फीड करने के शेड्यूल के बीच में ही सॉलिड फ़ूड खिलाइये।
3. एक चार्ट बनाइए क्योंकि सॉलिड फ़ूड खिलाने का पैटर्न होता है
मान लीजिये कि आप बच्चे को फ़ूड प्यूरीज़ खिला रहे हैं, एक हफ़्ते तक इस रुटीन को कंटिन्यू कीजिये, उसके बाद सब्जियों पर शिफ़्ट करिये। एक ही हफ़्ते में फ़ूड आइटम्स मिक्स मत करिए। हालाँकि, अगर आप फलों का दलिया खिलाते हैं तो आप हर तीसरे दिन फल ज़रूर बदल सकते हैं। एक बार में एक ही फल या सब्जी खिलाएँ। आमतौर पर पहले हफ़्ते की शुरुआत फलों से की जाती है।
4. कब फीड करें?
सॉलिड फ़ूड बच्चे को नाश्ते या लंच के समय खिलाना चाहिए। इसका मतलब है कि एक छः महीने के बच्चे को दिन में केवल एक बार ही सॉलिड फ़ूड लेना चाहिए, वो भी शाम या रात को नहीं।
5. इन फ़ूड प्रोडक्ट्स को शामिल करें
अपने बच्चे के खाने को लेकर सावधान रहिए क्योंकि ये आपके बच्चे के लिए पहले सॉलिड्स होंगे। चूँकि बच्चा पहली बार खाना खा रहा है तो उसके लिए ऐसी चीज़ें चुनें जो सेफ़, हेल्दी, पोषणभरी, आसानी से डाइजेस्ट होने वाली हों और एलर्जिक बिल्कुल ना हों। फलों में आप उसे सेव, केला, पीच और पियर्स दे सकते हैं और सब्जियों में गाजर, कद्दू, आलू और शकरकंद दीजिये। दाल में केवल पीली मूँग दाल ही खिलाएँ।
6. क्या नहीं खिलाना चाहिए?
बच्चे को कभी भी माँसाहारी भोजन नहीं कराना चाहिए। इसके अलावा प्युरीज़ बनाते समय इस बात का रखें कि उसे फलों और दूध के मिक्सचर के साथ ना दें वरना बच्चे को कई तरह की संमस्याएँ हो सकती हैं जैसे लॉस ऑफ़ ऐपिटाइट (appetite), वज़न ना बढ़ना, ingestion इत्यादि। बच्चे के खाने में तब तक शक्कर और नमक का इस्तेमाल ना करें जब तक वो एक साल का ना हो जाए।
7. Allergy के साइन्स पर ध्यान दें
कई बार बच्चों को कुछ फ़ूड आइटम्स से ऐलर्जी हो जाती है क्योंकि ये खाना उनके शरीर के लिए नया होता है। इसलिए ऐलर्जी के लक्षणों पर ध्यान दें जैसे बहती हुई नाक, रैशेस(rashes), आँखों से पानी आना, इत्यादि और इसके लिए डॉक्टर से ज़रूर मिलें।
ये थे 6 mahine ke bacche ko feed karne ke tips.
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