How To Overcome Trauma? व्यक्ति को अपनी ज़िन्दगी में हर तरह के पड़ाव से गुजरना पड़ता है। ख़ुशी हो या गम, शॉक हो या ट्रामा इससे बाहर निकलकर आगे बढ़ने में समझदारी है। जब कोई इंसिडेंट हमारे मन में ज़्यादा डर भर देता है तो वह उसके जीवन को बहुत प्रभावित करती है और उसे बाहर निकल पाना नामुमकिन सा लगता है। ट्रामा के साथ जुड़ा स्ट्रेस, हमारी मेंटल हेल्थ बुरी तरह प्रभावित कर नार्मल लाइफ सिमट कर रख देता है। ऐसे में आईए जानते है ट्रामा से बाहर निकलने के रास्ते-
How To Overcome Trauma? सदमा से बाहर कैसे निकलें? कैसे करें खुद को फिर से नार्मल?
1. पहले पहचान करें
ट्रामा को हील करने से पहले उसकी जड़ तक पहुँचना ज़रूरी है। कई बार तो समझ नहीं आता आप किस सिचुएशन के गुजर रहे है, इसलिए लोगों से बात करने के तौर - तरीका को नोटिस करें, किस व्यक्ति या माहोल की याद आ जाने पर आप चुप, हो जाते है, किस शॉकिंग इंसीडेंट के बाद आप इसे घूम-सुम रह रहे है ध्यान दें।
2. प्रोफेशनल हेल्प लें
अक्सर लोग शर्म और जीजक की वजह से के पास जाने से मना करते है और इसके बारे में किसी से बात भी नहीं करते। इसे जीवन का हिस्सा मानकर इसी के साथ जीवन बिताना नामुमकिन है। यह आपकी हैप्पी साइड को पूरी तरह खत्म कर सकता है। इसलिए ज़्यादा देरी न करते हुए प्रोफेशनल हेल्प लें।
3. परिवार से बात करें
जितनी जल्दी आप इसे पहचानेगे उतनी ही जल्दी इससे हील हो पाएंगे। जो लोग आपकी परवाह करते है, आपके साथ हमेशा होते है उसने बात करने की कोशिश करें। जैसे कि आपकी पत्नी, पति, पेरेंट्स, कोई करीबी रिश्तेदार व दोस्त आदि। जिसके साथ कम्फर्टेबले महसूस करते है उससे दिल की बात बताएं।
4. हीलिंग मेथड
स्ट्रेस, ट्रामा में व्यक्ति हेल्पलेस महसूस करता है उसे समझ नहीं आता किस से क्या बात करें, ऐसे में सेल्फ केयर आपकी मदद कर सकता है। नोटबुक पर अपने विचार लिखना, पॉडकास्ट व मोटिवेशनल स्पीच सुनना, कसरत करना, योगा करना, बुक्स पढ़ना, हॉबी को फिर से जागृत करना जैसे कि पेंटिंग, राइटिंग आपकी मदद कर सकता है।
5. बैलेंस्ड लाइफस्टाइल
ट्रामा में नींद ना आना, भूख ना लगना, काम में मन ना लगना, खोए खोए रहना, पैनिक होना इत्यादि सिम्पटम्स देखे जाते है। ऐसे में बैलेंस्ड लाइफस्टाइल मेन्टेन करना मुश्किल होता है पर खुद को ट्रामा से बाहर निकालने का रास्ता यही है, मन, तन को मजबूत करके लाइफस्टाइल, खान-पान में सुधार लाने की कोशिश करें।