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आज के समय में लड़कियों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार की घटनाएं बहुत तेज़ी से बड़ती जा रही है। आज हमारे समाज में लड़कियों की सेफ्टी को लेकर इतने सवाल उठाए जाते हैं और अधिकतर सारा दोष लड़कियों पर डाला जाता है। लेकिन अब समय आ गया है कि हम अपने समाज में थोड़े बदलाव लाएं और सभी को यह सिखाएं कि हमें महिलाओं की इज़्ज़त सिर्फ दिखावे के लिए ही नहीं करनी चाहिए बल्कि हमें अंदर से उन्हें इज़्ज़त देना चाहिए। लड़कियों की रेस्पेक्ट
आज हम सभी को आगे आकर इस बदलाव की ओर चलना चाहिए। यहाँ हमारे समाज के लिए कोई बहुत मुश्किल का काम नहीं है और इसके लिए हमे कही दूर जाने की या रैलिया निकालने की जरूरत नहीं है। हमे बस अपने घर के लड़को और पुरुषो को यह सिखाने की जरूरत है की अकेली लड़की उनके लिए मौका नहीं उनकी जिम्मेदारी है । हमे उन्हें सम्मान कराना और उन्हें उनकी जिम्मेदारी समझाना है। आज हम ऐसे ही कई सारे पॉइंट्स की बात करेंगे जिन्हे करके हम लड़को को लड़कियों का सम्मान करना सीखा सकते है।
ज्यादातर बच्चे अपने आस पास के वातावरण को देख कर ही चीज़ें सीखते हैं। अगर वो आपको लड़कियों की इज़्ज़त करते हुए देखेंगे तो वाई भी जरूर उसे फॉलो करेंगे। लेकिन अगर आप उनके सामने लड़कियों इज़्ज़त नहीं करेंगे तो वो भी नहीं करेंगे यह एक मनोवैज्ञानिक चीज है।
हमें अपने बच्चो को बचपन से ही अच्छे अच्छे संस्कार देना चाहिए और साथ ही उन संस्कारों के साथ साथ नारियों का सम्मान विशेष रूप से सिखाएं। उन्हें हमारे ग्रंथो के बारे में बताएं और उस में नारियों के रोल को और उनके इम्पोर्टेंस को समझाएं। नारियो को क्यों हम देवियों की तरह पूजते हैं उन्हें यह समझाएं। उन्हें आप अगर सिर्फ कहांनिया सुनाने से बात नहीं बनेगी उन्हें उसके महत्व भी समझाएं।
माना कि नेचर ने पुरुषों को शारीरिक रूप से शक्तिशाली बनाया है पर इसलिए नहीं कि वो इस शक्ति का इस्तेमाल महिलाओं पर करें। पुरुषों को विशेष रूप से ये ध्यान देना चाहिए कि वो बच्चो के सामने कभी भी किसी महिला पर हाथ न उठाएं। अगर आप उन के सामने हाथ उठांएगे तो वो यही समझेंगे कि वो हाथ उठाकर महिलाओं को दबा सकते हैं।
अपने बच्चो को सिखाएं कि उन्हें लड़कियों से हमेशा नरमी से बात करना चाहिए और आप खुद भी जब किसी लड़की से उनके सामने बात करें तो नरमी से ही बात करें।
आज हमे समाज में लड़को को यह समझाने कि आवश्यकता है कि हमारे समाज में महिलाओं का क्या इम्पोर्टेंस है। अगर हम उन्हें यह समझाने में सफल हो गए कि हमारे समाज व देश में महिलाओं की कितनी जरूरत है व उनका हमारे समाज व देश में क्या क्या योगदान है तो वो खुद ही उनकी इज़्ज़त करने लगेंगे।
आज हम सभी को आगे आकर इस बदलाव की ओर चलना चाहिए। यहाँ हमारे समाज के लिए कोई बहुत मुश्किल का काम नहीं है और इसके लिए हमे कही दूर जाने की या रैलिया निकालने की जरूरत नहीं है। हमे बस अपने घर के लड़को और पुरुषो को यह सिखाने की जरूरत है की अकेली लड़की उनके लिए मौका नहीं उनकी जिम्मेदारी है । हमे उन्हें सम्मान कराना और उन्हें उनकी जिम्मेदारी समझाना है। आज हम ऐसे ही कई सारे पॉइंट्स की बात करेंगे जिन्हे करके हम लड़को को लड़कियों का सम्मान करना सीखा सकते है।
1) उनके सामने लड़कियों की इज़्ज़त करें
ज्यादातर बच्चे अपने आस पास के वातावरण को देख कर ही चीज़ें सीखते हैं। अगर वो आपको लड़कियों की इज़्ज़त करते हुए देखेंगे तो वाई भी जरूर उसे फॉलो करेंगे। लेकिन अगर आप उनके सामने लड़कियों इज़्ज़त नहीं करेंगे तो वो भी नहीं करेंगे यह एक मनोवैज्ञानिक चीज है।
2) उन्हें बचपन से ही संस्कार दें
हमें अपने बच्चो को बचपन से ही अच्छे अच्छे संस्कार देना चाहिए और साथ ही उन संस्कारों के साथ साथ नारियों का सम्मान विशेष रूप से सिखाएं। उन्हें हमारे ग्रंथो के बारे में बताएं और उस में नारियों के रोल को और उनके इम्पोर्टेंस को समझाएं। नारियो को क्यों हम देवियों की तरह पूजते हैं उन्हें यह समझाएं। उन्हें आप अगर सिर्फ कहांनिया सुनाने से बात नहीं बनेगी उन्हें उसके महत्व भी समझाएं।
3) उनके सामने कभी महिलाओं पर हाथ न उठाएं
माना कि नेचर ने पुरुषों को शारीरिक रूप से शक्तिशाली बनाया है पर इसलिए नहीं कि वो इस शक्ति का इस्तेमाल महिलाओं पर करें। पुरुषों को विशेष रूप से ये ध्यान देना चाहिए कि वो बच्चो के सामने कभी भी किसी महिला पर हाथ न उठाएं। अगर आप उन के सामने हाथ उठांएगे तो वो यही समझेंगे कि वो हाथ उठाकर महिलाओं को दबा सकते हैं।
4) नरमी से बात करना सिखाएं
अपने बच्चो को सिखाएं कि उन्हें लड़कियों से हमेशा नरमी से बात करना चाहिए और आप खुद भी जब किसी लड़की से उनके सामने बात करें तो नरमी से ही बात करें।
5) महिलाओ के इम्पोर्टेंस के बारे में बताये
आज हमे समाज में लड़को को यह समझाने कि आवश्यकता है कि हमारे समाज में महिलाओं का क्या इम्पोर्टेंस है। अगर हम उन्हें यह समझाने में सफल हो गए कि हमारे समाज व देश में महिलाओं की कितनी जरूरत है व उनका हमारे समाज व देश में क्या क्या योगदान है तो वो खुद ही उनकी इज़्ज़त करने लगेंगे।