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निरुपमा संजीव कोयम्बटूर में जन्मी अब भले ही खेल से retire हो चुकी हैं, पर उनके खेल के सुनहरे पन्ने और उनके खेल के ऊंचे स्तर को देखकर उन्होंने सबको अचंभे में डाल दिया था। उन्होंने अपने भाई को अपने टेनिस खेलने के लिये प्रेरित करने का श्रेय दिया है। उनके पिता के.इस वैद्यनाथन उनके सबसे पहले कोच थे। उनकी उपलब्धियां उनकी आयु से ज़्यादा हैं-
उन्होंने 10 साल तक अपना दबदबा बनाये रखा और 2003 में retirement ले लिया। बेटी के जन्म के बाद, 33 वर्ष की उम्र में 2010 में उन्होंने अपनी वापसी commonwealth games 2010 में भारत का प्रतिनिधित्व महिला doubles और mixed doubles में करते हुए करी। इसके बाद उन्होंने asian games, Guangzhou में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया।
USA में बसी हुई ये खिलाड़ी अब Espn-Star Sports पर expert commentary team की एक सदस्य हैं। उनकी autobiography, The Moonballer है जो उनका सफर 1990 के दशक में एक भारतीय महिला के रूप में दर्शाती है।
WTA की समस्त महिलाएं और जो इस खेल में आने की इक्छुक महिलाये हैं उनके लिए निरुपमा संजीव आज भी एक Role Model हैं। उनकी उपलब्धियों को हमेशा याद रखा जाएगा।
- निरुपमा पहली भरतीय महिला बनीं जिन्होंने grand slam Match जीता और singles round में जीतीं।
- वो सबसे पहली भारतीय बनीं जो WTA की शीर्ष 200 रैंकिंग्स में अपने करियर के सबसे उच्चतम #134वें पायदान पर खड़ी हुईं।
- निरुपमा wimbledon championship में बतौर junior, qualifier और main draw खिलाड़ी खेल चुकी हैं।
- उन्होंने 5 वर्ष की आयु ने ही टेनिस खेलना शुरू कर दिया था।
- 13 साल की उम्र में उन्होंने अंडर 14 national title जीत लिया था और आगे भी कई national मुकाबले जीते।
- पेशेवर खिलाड़ी के रूप में उन्होंने 18 वर्ष के होने पर पदार्पण किया और उनके कोच रहे Davido Meare।
- इस दमदार खिलाड़ी ने SAF Games 1995 में तीन gold medal जीते।
- WTA Tour में निरुपमा ने विश्व की टॉप 50 महिला खिलाड़ियों से टक्कर ली और जीत के साथ आगे बढ़ीं।
- इस बेहतरीन खिलाड़ी ने अपना game और बेहतर किया और Asian games में mixed doubles round में bronze medal जीता।
- 1999 में ITF में $75K का Alburqueque games में फाइनलिस्ट बनने का इनाम प्राप्त करना उनके career का मुख्य आकर्षण है।
- इन्होंने 2000 Sydney Game olympics में भाग लिया।
निरुपमा पहली भरतीय महिला बनीं जिन्होंने grand slam Match जीता और singles round में जीतीं।
उन्होंने 10 साल तक अपना दबदबा बनाये रखा और 2003 में retirement ले लिया। बेटी के जन्म के बाद, 33 वर्ष की उम्र में 2010 में उन्होंने अपनी वापसी commonwealth games 2010 में भारत का प्रतिनिधित्व महिला doubles और mixed doubles में करते हुए करी। इसके बाद उन्होंने asian games, Guangzhou में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया।
- निरुपमा का कहना है 'अगर आप बड़ा लक्ष्य रखेंगे तभी आप उसे हासिल कर पाएंगे.'
- 'भले ही पुरुषों के पास जीतने के ज़्यादा मौके और संभावनाएं होती हैं पर हम महिलाएं भी काफी confident होती हैं' कहती हैं 43 वर्षीय निरुपमा जो अब नए हुनरबाज़ों को Bay Area, california में tennis coaching academy में शिक्षा दे रहीं हैं।
USA में बसी हुई ये खिलाड़ी अब Espn-Star Sports पर expert commentary team की एक सदस्य हैं। उनकी autobiography, The Moonballer है जो उनका सफर 1990 के दशक में एक भारतीय महिला के रूप में दर्शाती है।
WTA की समस्त महिलाएं और जो इस खेल में आने की इक्छुक महिलाये हैं उनके लिए निरुपमा संजीव आज भी एक Role Model हैं। उनकी उपलब्धियों को हमेशा याद रखा जाएगा।