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डॉ. अमृता घाडगे (Dr. Amruta Gadge) ने क्वांटम टेक्नोलॉजी (Quantum Technology) का इस्तेमाल करके घर पर ही मैटर का पांचवा स्टेट बना लिया है यानी बोस-आइंस्टीन कंडेनसेट (BEC) बनाया है।
उन्होंने ससेक्स यूनिवर्सिटी में लैब से दो मील दूर अपने लिविंग रूम में यह प्रयोग किया। अब, रीसर्चर्स का कहना हैं कि यह उपलब्धि अंतरिक्ष या पानी के अंदर क्वांटम तकनीक के ब्लू प्रिंट्स तैयार कर सकती है। 5 स्टेट्स ऑफ मैटर है -
सॉलिड, लिक्विड, गैसें, प्लाज़्मा और BEC ।
हमने उनसे इसी विषय में बात की
पांचवीं स्टेट की डेवलपमेंट रिसर्च बाकी चार स्टेट्स – सॉलिड, लिक्विड, गैस और प्लाज्मा के बनने के बाद होती है। पीटर क्रुजर, ससेक्स यूनिवर्सिटी में एक्सपेरिमेंटल फिजिक्स के प्रोफेसर हैं। उनका मानना है कि मैटर की पांचवीं स्टेट “गैस में एटम्स के आयनाइज़ होने पर बनती है।
मैं कहूंगी कि मेरी मां मेरा सबसे बड़ा सहारा रही हैं। वह खुद एक फिजिक्स टीचर हैं और उन्होंने मुझे लगातार अपने एकेडमिक लाइफ में हिस्सा लेने के लिए इनकरेज किया है। मेरे दादाजी ने भी मुझे चिज़ो को पॉजिटिव देखने के लिए रास्ता दिखाया, खासकर जब चीजें मुश्किल हो गईं थीं। मेरे पति खुद एक साइंटिस्ट होने के नाते, एकेडमीया की कठिनाइयों को समझते हैं। मैं बेहद भाग्यशाली हूं कि मुझे एक सपोर्टिव फैमिली मिली है। मेरा पूरा परिवार और दोस्त इस खबर से सुपर एक्साइटेड हो गए हैैं।
प्रश्न पूछते रहें और कभी भी खोज की अपनी प्यास पर अंकुश न लगाएं। हमेशा खुद पर विश्वास रखें। आपके द्वारा चुने गए क्षेत्र में आपका भी उतना ही अधिकार है जितना किसी और का।
“रिसर्च टीम लॉकडाउन में घर से काम कर रही है और इसलिए हम हफ्तों तक अपनी लैब में नहीं जा पाए हैं। । अगर हम लैब में काम करते तो प्रोसीजर बहुत स्लो होता क्योंकि एक्सपेरिमेंट अनस्टेबल है और हमे हर रन के बीच में 10 से 15 मिनट का कूलिंग टाइम देना था। ”
और पढ़ें - मेजर सुमन गवानी यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर अवार्ड जीतने वाली पहली भारतीय पीसकीपर
उन्होंने ससेक्स यूनिवर्सिटी में लैब से दो मील दूर अपने लिविंग रूम में यह प्रयोग किया। अब, रीसर्चर्स का कहना हैं कि यह उपलब्धि अंतरिक्ष या पानी के अंदर क्वांटम तकनीक के ब्लू प्रिंट्स तैयार कर सकती है। 5 स्टेट्स ऑफ मैटर है -
सॉलिड, लिक्विड, गैसें, प्लाज़्मा और BEC ।
हमने उनसे इसी विषय में बात की
1. मैटर की पाँचवी स्टेट क्या है?
पांचवीं स्टेट की डेवलपमेंट रिसर्च बाकी चार स्टेट्स – सॉलिड, लिक्विड, गैस और प्लाज्मा के बनने के बाद होती है। पीटर क्रुजर, ससेक्स यूनिवर्सिटी में एक्सपेरिमेंटल फिजिक्स के प्रोफेसर हैं। उनका मानना है कि मैटर की पांचवीं स्टेट “गैस में एटम्स के आयनाइज़ होने पर बनती है।
2. एक साइंटिस्ट (वैज्ञानिक) के रूप में आपकी यात्रा में आपका सबसे बड़ा सपोर्ट कौन रहा?
मैं कहूंगी कि मेरी मां मेरा सबसे बड़ा सहारा रही हैं। वह खुद एक फिजिक्स टीचर हैं और उन्होंने मुझे लगातार अपने एकेडमिक लाइफ में हिस्सा लेने के लिए इनकरेज किया है। मेरे दादाजी ने भी मुझे चिज़ो को पॉजिटिव देखने के लिए रास्ता दिखाया, खासकर जब चीजें मुश्किल हो गईं थीं। मेरे पति खुद एक साइंटिस्ट होने के नाते, एकेडमीया की कठिनाइयों को समझते हैं। मैं बेहद भाग्यशाली हूं कि मुझे एक सपोर्टिव फैमिली मिली है। मेरा पूरा परिवार और दोस्त इस खबर से सुपर एक्साइटेड हो गए हैैं।
3. विज्ञान में युवा महिलाओं के लिए आपका क्या संदेश है?
प्रश्न पूछते रहें और कभी भी खोज की अपनी प्यास पर अंकुश न लगाएं। हमेशा खुद पर विश्वास रखें। आपके द्वारा चुने गए क्षेत्र में आपका भी उतना ही अधिकार है जितना किसी और का।
4. डॉ गाडगे की मेहनत
“रिसर्च टीम लॉकडाउन में घर से काम कर रही है और इसलिए हम हफ्तों तक अपनी लैब में नहीं जा पाए हैं। । अगर हम लैब में काम करते तो प्रोसीजर बहुत स्लो होता क्योंकि एक्सपेरिमेंट अनस्टेबल है और हमे हर रन के बीच में 10 से 15 मिनट का कूलिंग टाइम देना था। ”
और पढ़ें - मेजर सुमन गवानी यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर अवार्ड जीतने वाली पहली भारतीय पीसकीपर