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हाइपरटेंशन जिसे हम ब्लड प्रेशर भी कहते है हमारे शरीर में ब्लड शुगर लेवल्स को बढ़ा देता है। ज़्यादातर हाइपरटेंशन की वजह ख़राब डाइट और स्ट्रेस की मिसमैनेजमेंट होती है। सिर्फ यहीं नहीं हाइपरटेंशन के कारन हमें कोरोना में और भी ज़्यादा दिक्कतों का सामना करना पर ड्सक्ता है । दुनिया में हाइपरटेंशन के वजह दसे हो रहीं नयी नयी तरह की बिमारियों को ध्यान में रखते हुए 17 मई को हम वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मानते हैं।
स्ट्रेस लेना हाइपरटेंशन का सबसे प्रमुख कारण है। भारत में कोरोना की इस दूसरी वेव के कारण लोगों में ज़्यादा स्ट्रेस लेने की प्रवृति बढ़ी है और इसलिए ज़्यादा हाइपरटेंशन के केसेस निकल कर आ रहें हैं। कोरोना का गंभीर स्वरुप उन लोगों के लिए ज़्यादा खतरनाक है जिन्हें पहले से ही किसी तरह की बीमारी है इसलिए स्ट्रेस और हाइपरटेंशन से गुज़र रहे लोगों के लिए कोरोना ज़्यादा खतरनाक है।
भारत में हाइपरटेंशन के इतने मरीज़ है की 60 की उम्र के बाद हर तीसरा भारतीय इससे ग्रस्त है। इंडियन कॉउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (ICMR) का इस मामले ये कहना है की काम से काम 80 प्रतिशत लोग जो कोरोना पॉजिटिव हुए थे उनमें किसी तरह की रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम थी। जो लोग मधुमेह, हाइपरटेंशन और दिल की बिमारियों से जूझ रहे थे और साथ में इसके कोरोना पॉजिटिव हो गए उनके लिए कॉम्प्लीकेशन्स बढ़ जाते हैं और इससे जल्दी उभर पाना भी उनके लिए आसान नहीं होता।
जिन लोगों को हाइपरटेंशन होता है उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है इसे मैनेज करना। हाइपरटेंशन मैनेज करने के लिए ये ज़रूरी है की आप बैलेंस्ड डाइट लें जिससे आपको इम्युनिटी मिलेगी और भरपूर पानी पिए। स्ट्रेस रिलीज़ करने के लिए योग, मैडिटेशन और अरोमाथेरपी की भी आप मदद ले सकते हैं। अपने शरीर को स्ट्रेस फ्री रखना बहुत ज़रूरी है। उनहेल्थी लाइफस्टाइल जैसे स्मोकिंग, ड्रिंकिंग और ख़राब बॉडी क्लॉक की आदतों से बचें। वज़न नियंत्रित रखना भी ज़रूरी है। अगर इन चीज़ों का आप सही से पालन करेंगे तो आप अच्छे से अपने स्ट्रेस को मैनेज कर पाएंगे और हाइपरटेंशन से भी बच पाएंगे।
कोरोना और हाइपरटेंशन
स्ट्रेस लेना हाइपरटेंशन का सबसे प्रमुख कारण है। भारत में कोरोना की इस दूसरी वेव के कारण लोगों में ज़्यादा स्ट्रेस लेने की प्रवृति बढ़ी है और इसलिए ज़्यादा हाइपरटेंशन के केसेस निकल कर आ रहें हैं। कोरोना का गंभीर स्वरुप उन लोगों के लिए ज़्यादा खतरनाक है जिन्हें पहले से ही किसी तरह की बीमारी है इसलिए स्ट्रेस और हाइपरटेंशन से गुज़र रहे लोगों के लिए कोरोना ज़्यादा खतरनाक है।
भारत में क्या स्तिथि है ?
भारत में हाइपरटेंशन के इतने मरीज़ है की 60 की उम्र के बाद हर तीसरा भारतीय इससे ग्रस्त है। इंडियन कॉउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (ICMR) का इस मामले ये कहना है की काम से काम 80 प्रतिशत लोग जो कोरोना पॉजिटिव हुए थे उनमें किसी तरह की रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम थी। जो लोग मधुमेह, हाइपरटेंशन और दिल की बिमारियों से जूझ रहे थे और साथ में इसके कोरोना पॉजिटिव हो गए उनके लिए कॉम्प्लीकेशन्स बढ़ जाते हैं और इससे जल्दी उभर पाना भी उनके लिए आसान नहीं होता।
हाइपरटेंशन मैनेज कैसे करें ?
जिन लोगों को हाइपरटेंशन होता है उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है इसे मैनेज करना। हाइपरटेंशन मैनेज करने के लिए ये ज़रूरी है की आप बैलेंस्ड डाइट लें जिससे आपको इम्युनिटी मिलेगी और भरपूर पानी पिए। स्ट्रेस रिलीज़ करने के लिए योग, मैडिटेशन और अरोमाथेरपी की भी आप मदद ले सकते हैं। अपने शरीर को स्ट्रेस फ्री रखना बहुत ज़रूरी है। उनहेल्थी लाइफस्टाइल जैसे स्मोकिंग, ड्रिंकिंग और ख़राब बॉडी क्लॉक की आदतों से बचें। वज़न नियंत्रित रखना भी ज़रूरी है। अगर इन चीज़ों का आप सही से पालन करेंगे तो आप अच्छे से अपने स्ट्रेस को मैनेज कर पाएंगे और हाइपरटेंशन से भी बच पाएंगे।