कल्पना चावला के जीवन के कुछ ज़रूरी फैक्ट्स
रोज़ ना जाने कितनी ही महिलाएं हमें प्रेरित करती हैं, कुछ अपनी मेहनत से तो कुछ अपने कभी ना हरने वाले जज़्बे से। ऐसी ही एक महिला हैं कल्पना चावला, एक ऐसी भारतीय एस्ट्रोनॉ रोज़ ना जाने कितनी ही महिलाएं हमें प्रेरित करती हैं, कुछ अपनी मेहनत से तो कुछ अपने कभी ना हरने वाले जज़्बे से। ऐसी ही एक महिला हैं कल्पना चावला, एक ऐसी भारतीय एस्ट्रोनॉट जिन्होंने एक स्पेस मिशन के दौरान अपनी जान गँवाई। आज उनका 5 ट जिन्होंने एक स्पेस मिशन के दौरान अपनी जान गँवाई। आज उनका 58वां जन्मदिन है, और हम हाज़िर हैं उनके बारे में कुछ ऐसी बातें लिए जो काफी लोग नहीं जानते होंगे
1. उनका जन्म 17 मार्च, 1962 को हरयाणा के करनाल में हुआ। वह एक मिडिल क्लास फैमिली से आती हैं, जहाँ लड़कियों से एक्सपेक्ट किया जाता है की वह ओबीडियन्ट व विनम्र हों, लेकिन उन्होंने अपनी फैमिली की सप्पोर्ट से अपना सपना पूरा किया। उनके माता-पिता उन्हें प्यार से मोंटो बुलाते थे।
2. उन्होंने 1982 में चंडीगढ़,पंजाब के एक कॉलेज से इंजीनियरिंग की। उसके बाद, वह मास्टर्स करने यूएसए चली गयीं।
3. युनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्सास से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर्स पूरी हो जाने के बाद, उन्होंने युनिवर्सिटी ऑफ़ कॉलोराडो से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की।
4. एस्ट्रोनॉट बनना हमेशा से उनका सपना रहा है। उनकी नॉलेज के चलते वह नासा में सेलेक्ट हो गईं। यही नहीं, उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए की सैटेलाइट कल्पना-1 रखा।
5. उन्होंने नासा ओवरसेट मेथोड्स इंक. की वाईस प्रेसिडेंट के रूप में ज्वाइन किया। वहाँ उन्होंने कम्प्यूटेशनल फ्लूइड डायनामिक्स पर रिसर्च की।
6. उन्हें मल्टी इंजन एयरप्लेन्स, ग्लाइडर्स व सी प्लेन्स का लइसेंस मिला हुआ है। उन्हें भारत के पहले पायलट, जे.आर.डी. टाटा की वजह से उड़ने की प्रेरणा मिली।
7. यही नहीं, 1988 में उन्होंने प्लेन इंस्ट्रक्टर का सर्टिफिकेट भी कमाया – जो वह हमेशा से चाहतीं थीं।
8. उन्होंने पहली बार वर्ष 1997 में उड़ान भरी, जब उन्होंने 10.67 मिलियन किमी. का सफर तय किया था।
9. उनकी शादी 1983 जीन-पिअर-हैरिसन से हुई, जो यूएसए में एक फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर व एविएशन ऑथर हैं।
10. 1 फरवरी 2003 को, जब वह अपने दूसरे स्पेस मिशन से वापिस आ रहीं थीं, तब उनकी स्पेस शटल, कोलंबिया डिसइंटिग्रेट हो गयी और बाकी 6 क्रू मेंबर्स के साथ-साथ उनकी भी मृत्यु हो गयी।
(यह आर्टिकल महक कौर कक्कर स्वरा लिखा गया है)