Karwa Chauth 2023: भारत त्योहारों का देश है। हर महीने कोई ना कोई त्यौहार होता है जिसे लोग बड़ी ही धूमधाम और खुशी से मानते हैं। कुछ दिनों के बाद हिंदू महिलाओं का सबसे बड़ा त्यौहार आ रहा है जो है करवाचौथ। करवाचौथ का त्यौहार इस साल 1 नवम्बर को देशभर में मनाया जाएगा। इस त्यौहार को महिलाएं बहुत खुशी से बनाती हैं क्योंकि इस त्यौहार का उनके जीवन में एक विशेष महत्व है। यह त्यौहार विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए निर्जला व्रत रखकर मनाती हैं।
करवा चौथ में महिलाएं क्या करती हैं?
हिंदू पंचांग के अनुसार करवा चौथ हर साल कार्तिक मास में पूर्णिमा के चौथे दिन मनाया जाता है या आप कह सकते हैं कि यह हर साल दिवाली से 10-11 दिन पहले मनाया जाता है। भारतीय महिलाएं इस त्यौहार के लिए काफी जोश में होती हैं। इस त्यौहार का विवाहित महिलाओं के जीवन में इतना महत्व है कि भारतीय महिलाएं जो विदेश में रहती हैं वो भी इस त्यौहार को मनाती हैं। महिलाएं करवा चौथ की तैयारियां एक महीने पहले से शुरू कर देती हैं। महिलाएं नए कपड़े सिलवाती हैं, चूड़ियां और सुहाग का सामान खरीदती हैं, मेहंदी लगवाती हैं। करवा चौथ के दिन की शुरुवात सूरज निकलने से पहले सरगी खाकर होती है और उसके बाद महिलाएं पूरा दिन व्रत रहती हैं और रात को चंद्रमा देखकर अपना व्रत पूरा करती हैं। व्रत खोलने से पहले शाम के समय महिलाएं अपनी पूजा की थाली को सजाती हैं और मंदिर में कथा सुनने और पूजा करने जाती हैं।
कैसे तैयार करें करवा चौथ की पूजा की थाली?
महिलाएं अक्सर इस चिंता में रहती हैं कि उनकी करवा चौथ की थाली सही है कि नहीं। इसलिए आज हम आपको बताएंगे करवा चौथ की पूजा की थाली में कौन सी चीजें जरूरी होती हैं। थाली में महिलाएं आटे का दीपक, कुमकुम, करवा (मिट्टी का लोटा), फूल, चावल, छलनी, पानी का ग्लास, ड्राई फ्रूट, मठरी और मिठाई भी होती है।
1. आटे का दीपक
आटे के दीपक को पति पत्नी के बीच के विवाद को ख़तम करने के लिए, प्यार बनाए रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस दीपक से चंद्रमा और पति की व्रत खोलते समय आरती की जाती है।
2. छलनी
छलनी का इस्तमाल महिलाएं चांद और पति को देखने के लिए करती हैं।
3. करवा
पूजा की थाली में करवा का होना बहुत जरूरी होती है। करवा मिट्टी का लोटा होता है। करवे पर महिलाएं मौली बांधती हैं इसे शुभ माना जाता है। करवे में पानी डालकर पूजा कि थाल में रखा जाता है और पूजा के बाद उसी करवे से चंद्रमा को अर्घ दिया जाता है।
4. चावल, फूल और कुमकुम
चंद्रमा की पूजा करते समय अर्घ देने के बाद चावल, फूल और कुमकुम भी अर्पित किया जाता है। पूजा के बाद पति कुमकुम से पत्नी की मांग भरते हैं।
5. खाने का सामान और जल का लोटा
थाल में पानी का ग्लास, मिठाई, मठरी, ड्राई फ्रूट रखा जाता है। पानी से महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं और पति अपनी पत्नियों का व्रत पानी से खोलने के बाद मिठाई यां बादाम खिलाते हैं।
करवा चौथ की सरगी और बया क्या होती है?
करवा चौथ के दिन सुबह सूर्योदय से पहले महिलाएं सरगी खाती हैं। सुबह के समय सास अपनी बहू को सरगी की थाली सजाकर देती हैं। जिसमें बहू के लिए आशीर्वाद और सुहाग के सामान के अलावा खाने-पीने की चीजें भी होती हैं। जिन महिलाओं की सास नहीं होती तब आप सरगी घर की बुजुर्ग महिला से ले सकते हैं। सरगी में ज्यादातर फीकी मट्ठी, सेवियां, बादाम, फल और मिठाई का सेवन करते हैं।
जिन लड़कियों का अभी सिर्फ रोका हुआ होता है और शादी नहीं, उनके लिए करवा चौथ का व्रत रखना जरूरी नहीं होता लेकिन अगर उनके ससुराल से सारगी आती है तब उन्हें व्रत रखना पड़ता है। सर्गी मिलने के बाद लड़की के घर से बया जाता है लड़की की सास को। वहीं दूसरी तरफ शादीशुदा महिलाओं को सरगी उनकी सास सुबह के समय देती है और शाम की पूजा के समय बहू अपनी सास को बया देती हैं। इसमें पैसे, कपड़े, मिठाई और फल होते हैं।