1 करोड़ जीतना शायद उतना बड़ा नहीं है, जितना अमिताभ बच्चन जैसे बड़े कलाकार के साथ बैठना है। आज हम बात करेंगे बिनीता जैन के बारे में जिन्होंने 'कौन बनेगा करोड़पति' के सीजन 10 में एक करोड़ जीते थे । बिनीता एक सिंगल मदर हैं।
उनकी और उनके बच्चों की जिंदगी तब बदल गई थी, जब उनके पति का आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया था और वह कभी वापस नहीं आए। बिनीता फिलहाल गुवाहाटी के एक स्कूल में सीनियर कोऑर्डिनेटर के रूप में काम कर रही हैं।
आज हम बात करेंगे उन जरूरी बातों के बारे में जिससे विनीता ने खुद को एक सशक्त महिला बनाया।
1. विनीता बताती है कि KBC जीतने के बाद उनकी जिंदगी में काफी बदलाव आए। जिंदगी ने एक अलग ही रुख मोड़ लिया था। KBC जीतने के बाद उन्हें रॉयल ग्लोबल स्कूल में सीनियर कोऑर्डिनेटर के रूप में काम करने का मौका मिला। सिंगल मदर के रूप में उनका पहला कर्तव्य था कि वह अपने बच्चों को अपनी लाइफ में सफल बनाएं। उनका बेटा अब Orthodontist हैं। उनका सपना है कि वह अपने बेटे के लिए एक क्लीनिक खोले , जहां पर मेडिकल की सारी सुविधाएं हो।
2. सिंगल मदर होने के कारण आपको सोसाइटी में बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है। बिनीता बताती है कि उन्होंने भी इस सब का सामना किया। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और वह डटी रही। "मुझे अपने बच्चों के लिए कुछ करना था, इसके लिए मेरा मेंटली फिट भी होना जरूरी था। मेंटली फिट रहने के लिए मुझे इन सब बातों से खुद को इफेक्ट नहीं होने देना था"।वह बताती है कि सोसाइटी के लोग सोचते हैं कि जो सिंगल मदर होती है वह या तो डिवोर्स होती है या फिर विधवा या फिर अन्य कारणों से अकेली रहती है। "लोगों का मेरे प्रति व्यवहार काफी बदल चुका था। जैसे मैंने बहुत बड़ी गलती की हो। वह एक ऐसा पल था जब आपको लोगों के साथ की जरूरत होती है लेकिन वे लोग तो आपको जज करना अपना पहला कर्तव्य समझते हैं " ।
"मुझे अपने बच्चों के लिए कुछ करना था, इसके लिए मेरा मेंटली फिट भी होना जरूरी था। मेंटली फिट रहने के लिए मुझे इन सब बातों से खुद को इफेक्ट नहीं होने देना था" - बिनीता जैन
3. आगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि - "जब मैं अकेली थी मेरे दो बच्चों के अलावा और कोई मेरे साथ नहीं था । मैंने अपने बच्चों को अपनी ताकत बनाया और उनसे प्रेरित हुई। अगर मुझे कुछ करना है तो मुझे डिप्रेशन से दूर रहना होगा उस समय मैं काफी अकेला और डिप्रेस्ड महसूस करती थी। ऐसे समय में बहुत मुश्किल होता है कि कोई आपको समझे। उस समय मैंने समझा कि मुझे इस सिचुएशन से निकलने के लिए मुझे खुद की मदद करनी पड़ेगी। जब आप खुद की मदद करते हैं , खुद के लिए खड़े होते हैं तभी आपको और हेल्पिंग हैंड भी मिलते हैं "।
4. "केबीसी जीतने के बाद, मुझे यह बात साफ थी कि जब मुझे बुरे दिनों ने नहीं बदला तो , मैं अपने आप को इन अच्छे दिनों में भी बदलने नहीं दूंगी। मैंने अपने बच्चों को हमेशा सिखाया की फेम और पापुलैरिटी को कभी अपने दिमाग के अंदर मत आने देना। यह बात जरूरी है कि, कभी यह मत सोचें कि आपने सब कुछ हासिल कर लिया है, अभी जिंदगी में और भी ऐसी चीजें हैं जो आपको हासिल करनी है" - बिनीता ने कहा ।
5. वह बताती है कि एक औरत के लिए फाइनेंसियल इंडिपेंडेंस काफी जरूरी होती है। इससे वह अपने आप को एक अच्छे इंसान के रूप में और भी ज्यादा ग्रो कर सकती है। जब आप खुद पैसे कमाते हैं, तो आप में एक अलग ही कॉन्फिडेंस आता है। वह कॉन्फिडेंस आप मिलेनियर की वाइफ बनकर नहीं ला सकती।
मैंने अपने बच्चों को हमेशा सिखाया की फेम और पापुलैरिटी को कभी अपने दिमाग के अंदर मत आने देना। - बिनीता
6. वह बताती है कि आजकल की लड़कियां काफी स्मार्ट हो चुकी है और अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती हैं। उनका मानना है की लड़कियों के लिए जरूरी है कि वह फाइनेंशियल डिसीजन सोच समझ कर ले। अधिकतर हम ऐसी नौकरियों को छोड़ देते हैं जहां पर हमें संतुष्टि नहीं मिलती या फिर इतनी मेहनत करने के बावजूद भी हमें फाइनेंशली रिवार्ड नहीं मिलता। पैसे को कहां इस्तेमाल किया जा रहा है और उसका क्या होगा, इस बारे में लड़कियों को सोच समझकर फैसले लेने चाहिए।