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असेक्सुअलिटी ( Asexuality) होती क्या है ?
- यह लोग किसी भी जेंडर की तरफ सेक्सुअल अट्रैक्शन नहीं रखते।
- अगर सेक्सुअल अट्रैक्शन है भी तो बहुत कम होती है।
- असेक्सुअलिटी स्पेक्ट्रम की तरह काम करती है।
- यह लोगों के खुद के अनुभव पर निर्भर होती है।
- दुनिया में 1% लोग asexuality के भीतर आते हैं।
असेक्सुअलिटी कई प्रकार की होती हैं जैसे -
1. डेमी-सेक्सुअलिटी
- इसके अंतर्गत वे लोग आते हैं जो किसी दूसरे इंसान के साथ सेक्सुअल रिलेशनशिप तभी बनाते हैं जब वे उस इंसान के साथ खुद को इमोशनली कनेक्टेड पाते हैं।
2. ग्रे-सेक्सुअलिटी
- ग्रे सेक्सुअल वे लोग होते हैं जो बहुत ही रेयर या फिर मुश्किल से आने वाली सेक्सुअल अट्रैक्शन को महसूस करते हैं।
- इनके सेक्सुअल अट्रैक्शन महसूस करने के चांसेस बहुत कम होते हैं।
3. सेक्स-पॉजिटिव असेकसुअल
- वे लोग होते हैं जो सेक्सुअल एक्टिविटीज में हिस्सा तो ले लेते हैं लेकिन उन्हें इससे कोई भी आकर्षण नहीं होता है।
- उनका सेक्स करने का कारण स्वास्थ्य या फिर अपने पार्टनर को खुश करना हो सकता है।
4. सेक्स - रेपल्सेड (repulsed)
- सेक्स लोग वह होते है जिन्हें सेक्स या फिर सेक्स का विचार भी पसंद नहीं होता है।
- हालांकि उन्हें रोमांटिक अटैचमेंट महसूस हो सकती है लेकिन उन्हें सेक्स बिल्कुल भी पसंद नहीं होता।
असेक्सुअलिटी एक स्पेक्ट्रम है।
हमेशा याद रखिए सेक्सुअलिटी एक स्पेक्ट्रम है। आपको अपनी सेक्सुअलिटी पर खुद को नीचा या फिर शर्म में नहीं महसूस करना चाहिए। हमेशा अपनी सेक्सुअलिटी और जेंडर पर आपको पूर्ण विश्वास पर गर्व होना चाहिए।