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भारत में जहाँ डिवोर्स को अभी तक एक स्टिग्मा की तरह देखे जाता है, इसे एक्सेप्ट करने के लिए हमें कभी सिखाया भी नहीं जाता है। ज़ाहिर सी बात है की अगर माँ-बाप का डिवोर्स हो तो बच्चों को यही महसूस होता है की उनका परिवार टूट गया है और अब उनकी ज़िन्दगी में पहले जैसा कुछ भी नहीं रहेगा। माँ-बाप का अगर डाइवोर्स हो तो उसे हैंडल करने के लिए इन बातों पर ज़रूर ध्यान दें:
ऐसे समय में बच्चे अमूमन फ़्रस्ट्रेटेड हो जाते हैं। उन्हें अपने माँ-बाप के अलग होने की बात जल्दी समझ में भी नहीं आती है। डिवोर्स आपके माँ-बाप के लिए भी आसान डिसिशन नहीं होता है तो इसलिए ये बहुत ज़रूरी है की आप अपने माँ-बाप के साथ शांति बनाये रखे और किसी भी चीज़ के लिए उनको ज़िम्मेदार ठहराना बंद कर दे। आपके माँ-बाप के आपस में भले जो भी उलझन हो उन्हें खुद से दूर मत होने दे और उनको सपोर्ट भी करे।
कई बार डिवोर्स की घटनाओं में पाया गया है की बच्चे अपने माँ-बाप को मतलबी समझते हैं और उनकी नज़र में उनके माँ-बाप को उनकी ख़ुशी की कोई परवाह नहीं रहती। ऐसे में ये बहुत ज़रूरी है की आप अपने माँ-बाप के पक्षों को अच्छे से समझे और उस हिसाब से ही कुछ तय करे। इस बात का भी खयाल रखें की आपके माँ-बाप के बीच में भले कितने भी इश्यूज हो वो आपके लिए पूरी तरह से समर्पित है।
अचानक से डिवोर्स के बाद आपकी ज़िन्दगी बहुत बदल सकती है। इसलिए ये ज़रूरी ही की आप अपने फ्यूचर प्लान्स अपने माँ बाप के साथ ज़रूर डिसकस करें और उन्हें उन फ्यूचर प्लान्स का हिस्सा भी ज़रूर बनाये। अपने माँ-बाप को अलग अलग इंसान की तरह ट्रीट कसर और उनसे उनके प्लान्स भी सुने और उनको पूरा सपोर्ट कसरने की कोशिश करें।
अगर आपको डिवोर्स को एक्सेप्ट करने में दिक्कत महसूस हो रहीं हो तो इस बारे में किसी भरोसेमंद इंसान से ज़रूर डिसकस करें। अगर इस कारण आप तनावग्रस्त हो रहे है तो अपने दोस्त और परिवार के और रिश्तेदारों से संपर्क में ज़रूर रहें। अगर इन सब के कारण आपको डिप्रेस्ड फील हो तो आप किसी थेरेपिस्ट की मदद भी ले सकते है।
कई बार ऐसा भी हो सकता है की आपके माँ-बाप अपने डिवोर्स में फसे हो और आपको ज़्यादा समय ना दे पाएं। ऐसे में अपनी ज़िन्दगी पर कुछ भी असर ना पड़ने दे और अपने सपने के तरफ फोकस्ड रहें। अपना ध्यान रखें और समय पर खाना खाये और अपनी हॉबी को भी फॉलो करते रहें।
1. आपस में शांति बनाये रखे
ऐसे समय में बच्चे अमूमन फ़्रस्ट्रेटेड हो जाते हैं। उन्हें अपने माँ-बाप के अलग होने की बात जल्दी समझ में भी नहीं आती है। डिवोर्स आपके माँ-बाप के लिए भी आसान डिसिशन नहीं होता है तो इसलिए ये बहुत ज़रूरी है की आप अपने माँ-बाप के साथ शांति बनाये रखे और किसी भी चीज़ के लिए उनको ज़िम्मेदार ठहराना बंद कर दे। आपके माँ-बाप के आपस में भले जो भी उलझन हो उन्हें खुद से दूर मत होने दे और उनको सपोर्ट भी करे।
2. निष्पक्ष हो कर सोचे
कई बार डिवोर्स की घटनाओं में पाया गया है की बच्चे अपने माँ-बाप को मतलबी समझते हैं और उनकी नज़र में उनके माँ-बाप को उनकी ख़ुशी की कोई परवाह नहीं रहती। ऐसे में ये बहुत ज़रूरी है की आप अपने माँ-बाप के पक्षों को अच्छे से समझे और उस हिसाब से ही कुछ तय करे। इस बात का भी खयाल रखें की आपके माँ-बाप के बीच में भले कितने भी इश्यूज हो वो आपके लिए पूरी तरह से समर्पित है।
3. फ्यूचर के बारे में डिसकस करें
अचानक से डिवोर्स के बाद आपकी ज़िन्दगी बहुत बदल सकती है। इसलिए ये ज़रूरी ही की आप अपने फ्यूचर प्लान्स अपने माँ बाप के साथ ज़रूर डिसकस करें और उन्हें उन फ्यूचर प्लान्स का हिस्सा भी ज़रूर बनाये। अपने माँ-बाप को अलग अलग इंसान की तरह ट्रीट कसर और उनसे उनके प्लान्स भी सुने और उनको पूरा सपोर्ट कसरने की कोशिश करें।
4. दूसरों से मदद लें
अगर आपको डिवोर्स को एक्सेप्ट करने में दिक्कत महसूस हो रहीं हो तो इस बारे में किसी भरोसेमंद इंसान से ज़रूर डिसकस करें। अगर इस कारण आप तनावग्रस्त हो रहे है तो अपने दोस्त और परिवार के और रिश्तेदारों से संपर्क में ज़रूर रहें। अगर इन सब के कारण आपको डिप्रेस्ड फील हो तो आप किसी थेरेपिस्ट की मदद भी ले सकते है।
5. अपनी ज़िन्दगी खुल कर जियें
कई बार ऐसा भी हो सकता है की आपके माँ-बाप अपने डिवोर्स में फसे हो और आपको ज़्यादा समय ना दे पाएं। ऐसे में अपनी ज़िन्दगी पर कुछ भी असर ना पड़ने दे और अपने सपने के तरफ फोकस्ड रहें। अपना ध्यान रखें और समय पर खाना खाये और अपनी हॉबी को भी फॉलो करते रहें।