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श्रुति दांडेकर, एक क्विल्टर , जो सांगली डिस्ट्रिक्ट में रहती हैं और एरिया में और मास्क अवेलेबल कराने के लिए पूरा दिन काम करती हैं ।
10,000 मास्क पैक करके पुलिस को डिस्ट्रीब्यूशन और यूज़ के लिए दे दिए गए हैं किए गए थे ।
"जब मैं एक बच्ची थी , मेरी दादी मुझे उन वॉर के बारे में कहानियां सुनाती थीं जो उन्होंने देखि थी ।उन्होंने मुझे उस टाइम के बारे में बताया, जब इंडिया में वीमेन सोलजर्स के लिए स्वेटर बनती थी। COVID 19 के अगेंस्ट इस वॉर में डॉक्टर्स और उनकी टीमें हमारे सैनिकों कि तरह फ्रंटलाइन पे लड़ रही है । ” श्रुति दांडेकर ने कहा ।
श्रुति ये पता लगाना चाहती थी कि वो किस तरह इस सिचुएशन में सबकी हेल्प कर सकती हैं । आस-पास के लोगों की एक टीम के साथ, श्रुति ने मास्क बनाने का टास्क लेलिया।
“मास्क बेचने के लिए ना बनाएं। कुछ अपने लिए बनाएं। और जब आप अपने लिए बना रहे हो तो कुछ एक्स्ट्रा बनाले और उन्हें बाँट दे। "
उन्हें अपने दूध वाले को दें जो हर सुबह आपके घर तक आने का रिस्क उठाता है।
उन्हें पुलिसमैन को दें, जो हम सबकी लाइफ बचने के लिए खुद कि लाइफ रिस्क कर रहे हैं ।
उन्हें बाजार में सब्जी बेचने वाले को दे और मेडिकल शॉप के ओनर को दे - जी हां, उनके पास भी मास्क्स कि कमी है ।
उन्हें उन लोगो को दे जिन्हे बाहर जाना पड़ रहा है ताकि हम घर के अंदर कम्फर्टेबली रहें ।
10,000 मास्क पैक करके पुलिस को डिस्ट्रीब्यूशन और यूज़ के लिए दे दिए गए हैं किए गए थे ।
दांडेकर का मन्ना है कि "इस तरह के क्राइसिस के टाइम में यूज़फुल होना अच्छा लगता है ।"
"जब मैं एक बच्ची थी , मेरी दादी मुझे उन वॉर के बारे में कहानियां सुनाती थीं जो उन्होंने देखि थी ।उन्होंने मुझे उस टाइम के बारे में बताया, जब इंडिया में वीमेन सोलजर्स के लिए स्वेटर बनती थी। COVID 19 के अगेंस्ट इस वॉर में डॉक्टर्स और उनकी टीमें हमारे सैनिकों कि तरह फ्रंटलाइन पे लड़ रही है । ” श्रुति दांडेकर ने कहा ।
श्रुति ये पता लगाना चाहती थी कि वो किस तरह इस सिचुएशन में सबकी हेल्प कर सकती हैं । आस-पास के लोगों की एक टीम के साथ, श्रुति ने मास्क बनाने का टास्क लेलिया।
श्रुति ने सभी से मदद करने कि रिक्वेस्ट कि है ।
“मास्क बेचने के लिए ना बनाएं। कुछ अपने लिए बनाएं। और जब आप अपने लिए बना रहे हो तो कुछ एक्स्ट्रा बनाले और उन्हें बाँट दे। "
आइये जानते है श्रुति के कुछ बेहतरीन आइडियाज
उन्हें अपने दूध वाले को दें जो हर सुबह आपके घर तक आने का रिस्क उठाता है।
उन्हें पुलिसमैन को दें, जो हम सबकी लाइफ बचने के लिए खुद कि लाइफ रिस्क कर रहे हैं ।
उन्हें बाजार में सब्जी बेचने वाले को दे और मेडिकल शॉप के ओनर को दे - जी हां, उनके पास भी मास्क्स कि कमी है ।
उन्हें उन लोगो को दे जिन्हे बाहर जाना पड़ रहा है ताकि हम घर के अंदर कम्फर्टेबली रहें ।