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शिवरात्रि हिन्दू धर्म का एक पर्व है जिस दिन सभी लोग शिव भगवान की आराधना करते हैं, व्रत करते हैं और पूजा पाठ करते हैं। इस दिन घर में सुबह से ही पूजा पाठ का माहौल रहता है ऐसा माना जाता है कि आज के दिन ही शिव जी की पारवती जी से शादी हुई थी। शिव के सभी भक्तों के लिए आज का दिन बेहद खास होता है। आज के दिन कुछ बातों को ध्यान रखना चाहिए जैसे कि किस तरीके से पूजा करें ताकि शिव जी खुश हो जाएं। महाशिवरात्रि की पूजा इस मुहूर्त में करें और ऐसे करें -
मुहूर्त वो वक़्त होता जिस समय पूजा का असर सबसे ज्यादा होता है। यह समय पूजा के लिए बहुत शुभ माना जाता है। 2021 की शिवरात्रि का मुहूर्त 11 मार्च को दोपहर 2:30 बजे से चालू होगा और अगले दिन 12 मार्च को दोपहर 3 बजे ख़त्म होगा। इस पूरे वक़्त में रात को 12 बजकर 6 मिनट से लेकर 12 बजकर 55 मिनट का वक़्त सबसे ज्यादा शुभ रहेगा।
शंकर जी को अभिषेक बहुत पसंद होता है इसलिए तरह तरह की चीज़ों से इनको नहलाया जाता है। सबसे पहले पानी से नहलाकर साफ़ करें फिर गाय के दूध से नहलाएं, शहद लगाकर नहलाएं, दही लगाकर नहलाएं और आखिर में चन्दन को अच्छे से शिव जी के ऊपर मलकर उनको आखिरी स्नान कराएं।
शिवजी की पूजा और पूजा से बहुत अलग होती है और इसमें शिव जी की पसंद की सारी सामग्री बहुत जरुरी होती है जैसे की उनके पसंदीदा फूल धतूरा और बेलपत्र। इसके साथ साथ भांग, भस्म , गाय का दूध , शुद्ध देसी घी, साफ़ जल ,दही ,रुई , चन्दन ,कपूर ,धूप बत्ती ,गंगा जल ,इत्र ,रोली ,जनेऊ , चन्दन , पांच फल पांच मेवा और शिव और पारवती जी के कपडे और श्रंगार सामग्री। ऐसा नहीं है कि आप इन चीज़ों के बिना पूजा नहीं कर सकते हैं अगर आप चाहें तो सिर्फ बेलपत्र और एक लौटा जल से भी शिव की पूजा कर सकते हैं।
1. सबसे पहले जाने शुभ मुहूर्त
मुहूर्त वो वक़्त होता जिस समय पूजा का असर सबसे ज्यादा होता है। यह समय पूजा के लिए बहुत शुभ माना जाता है। 2021 की शिवरात्रि का मुहूर्त 11 मार्च को दोपहर 2:30 बजे से चालू होगा और अगले दिन 12 मार्च को दोपहर 3 बजे ख़त्म होगा। इस पूरे वक़्त में रात को 12 बजकर 6 मिनट से लेकर 12 बजकर 55 मिनट का वक़्त सबसे ज्यादा शुभ रहेगा।
2. दूद और शहद से अभिषेक
शंकर जी को अभिषेक बहुत पसंद होता है इसलिए तरह तरह की चीज़ों से इनको नहलाया जाता है। सबसे पहले पानी से नहलाकर साफ़ करें फिर गाय के दूध से नहलाएं, शहद लगाकर नहलाएं, दही लगाकर नहलाएं और आखिर में चन्दन को अच्छे से शिव जी के ऊपर मलकर उनको आखिरी स्नान कराएं।
3. पूजा की सामग्री
शिवजी की पूजा और पूजा से बहुत अलग होती है और इसमें शिव जी की पसंद की सारी सामग्री बहुत जरुरी होती है जैसे की उनके पसंदीदा फूल धतूरा और बेलपत्र। इसके साथ साथ भांग, भस्म , गाय का दूध , शुद्ध देसी घी, साफ़ जल ,दही ,रुई , चन्दन ,कपूर ,धूप बत्ती ,गंगा जल ,इत्र ,रोली ,जनेऊ , चन्दन , पांच फल पांच मेवा और शिव और पारवती जी के कपडे और श्रंगार सामग्री। ऐसा नहीं है कि आप इन चीज़ों के बिना पूजा नहीं कर सकते हैं अगर आप चाहें तो सिर्फ बेलपत्र और एक लौटा जल से भी शिव की पूजा कर सकते हैं।