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पढाई लिखाई हमेशा से हमारे समाज में सिर्फ लड़कों के लिए ही जरुरी मानी गयी है। कभी महिलाऐं गरीबी के कारण तो कभी फैमिली के कारण से पढ़ नहीं पाती हैं। पढ़ना लिखना महिलाओं का अधिकार होता है और इसके लिए कुछ वजह होने की जरुरत नहीं है। एक महिला जब पढ़ी लिखी होती है तो आप अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते कि वो कितने आगे तक जा सकती है -
वो अपने बच्चो को पढ़ाई में मदद कर सकती है खुद का कुछ काम ड़ाल सकती है। अगर महिला पढ़ी लिखी हो तो उसे अलग ही तरीके से ट्रीट किया जाता है तो क्यों ना सम्मान के लिए ही सही पढ़ लिख लिया जाए आखिर सम्मान कोई छोटी चीज़ तो नहीं होती है।
जब पढ़ी लिखी होगी तो महिला को सही गलत की समझ होगी। इस से दूसरों को सिर्फ सुनना ज़रुरी नहीं होगा क्या गलत है क्या सही ये आसानी से समझ आ पाएगा। पढ़ने लिखने से महिलाएं शशक्त बनती हैं।
अगर महिला पढ़ी लिखी हो तो उसकी बात को सुनने के साथ साथ समझा भी जाता है और इस दुनिया में अपनी बात रखने के लिए जो कॉन्फिडेंस चाहिए वो एक पढ़ी लिखी महिला में ढूँढ़ना काफी आसान है। जब समझेगा देश तभी न बढ़ेगा देश आगे और साथ में महिलाएं।
जब महिलाएं पढ़ लिख जाती हैं तो उन्हें किसी से भी दबने की जरुरत नहीं होती है और वो खुलकर अपनी बात कह पाती हैं और सोच पाती हैं। महिलाएं न सिर्फ इस से मजबूत बनती हैं बल्कि तरक्की भी करती हैं और इसी से उनके बच्चे भी सीखते हैं।
जब महिलाएं पढ़ती लिखती हैं तब वो अपनी बात खुल कर रख पाती हैं। इस से उन्हें कॉन्फिडेंस मिलता है और वो अपनी बात को रखने में हिचकती नहीं है।
1. पढ़ी लिखी महिला की ताकत क्या है
वो अपने बच्चो को पढ़ाई में मदद कर सकती है खुद का कुछ काम ड़ाल सकती है। अगर महिला पढ़ी लिखी हो तो उसे अलग ही तरीके से ट्रीट किया जाता है तो क्यों ना सम्मान के लिए ही सही पढ़ लिख लिया जाए आखिर सम्मान कोई छोटी चीज़ तो नहीं होती है।
2. पढ़ना लिखना खुद के फायदे के लिए है जरुरी
जब पढ़ी लिखी होगी तो महिला को सही गलत की समझ होगी। इस से दूसरों को सिर्फ सुनना ज़रुरी नहीं होगा क्या गलत है क्या सही ये आसानी से समझ आ पाएगा। पढ़ने लिखने से महिलाएं शशक्त बनती हैं।
3. मजबूत बनती हैं
अगर महिला पढ़ी लिखी हो तो उसकी बात को सुनने के साथ साथ समझा भी जाता है और इस दुनिया में अपनी बात रखने के लिए जो कॉन्फिडेंस चाहिए वो एक पढ़ी लिखी महिला में ढूँढ़ना काफी आसान है। जब समझेगा देश तभी न बढ़ेगा देश आगे और साथ में महिलाएं।
4. खुल पाती हैं
जब महिलाएं पढ़ लिख जाती हैं तो उन्हें किसी से भी दबने की जरुरत नहीं होती है और वो खुलकर अपनी बात कह पाती हैं और सोच पाती हैं। महिलाएं न सिर्फ इस से मजबूत बनती हैं बल्कि तरक्की भी करती हैं और इसी से उनके बच्चे भी सीखते हैं।
5. अपनी बात रख पाती हैं
जब महिलाएं पढ़ती लिखती हैं तब वो अपनी बात खुल कर रख पाती हैं। इस से उन्हें कॉन्फिडेंस मिलता है और वो अपनी बात को रखने में हिचकती नहीं है।