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महिता नागराज का ग्रुप करता है कोरोनावायरस के समय में ज़रूरतमंदों की मदद

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Swati Bundela
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बैंगलोर की रहने वाली एक महिला ने केयरमोंगर इंडिया नाम का एक ग्रुप बनाया है, जो ऐसे लोगों को सप्पोर्ट करता है जो कोविड-19 के समय खुद का ध्यान नहीं रख पाते। ध्यान रखने वाले केयरगिवर्स युवा वालंटियर्स हैं व जिन्हे मदद चाहिए होती है, वह लोग या तो ज़्यादातर बूढ़े होते हैं या फिर स्पेशल ज़रूरतों वाले होते हैं।

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पेशे से डिजिटल मार्केटियर, महिता नागराज एक सिंगल मदर हैं। महिता पहले भी सोशल वर्क कर चुकी हैं।
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आइये जानते हैं उनके इस इनिशिएटिव के बारे में कुछ एहम बातें:
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1. 38 साल की महिता नागराज की एक दोस्त भारत से बाहर रहती हैं व उन्होंने महिता से जा कर उनके माता पिता को कुछ दवाइयाँ देने के लिए रिक्वेस्ट की। उन्होंने सोचा कि इतने सारे बूढ़े लोगों का ध्यान कौन रखेगा अगर सभी सर्विसेज लॉकडाउन व जनता कर्फ्यू जैसी चीज़ों के चलते बंद हो गईं? तभी उनके पर्सनल मिशन से जन्म हुआ 'केयरमोंगर्स इंडिया' का।

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2. केयरमोंगरिंग की सोच स्केयरमोंगरिंग के विपरीत है - यानी की महामारी जैसे हालातों में डर पैदा करने के बजाए उसका सोल्यूशन ढूंढ़ना।



3. जब उनसे पूछा गया की इसकी शुरुआत कैसे हुई, तो उनका कहना था कि उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली जिसमे लिखा था कि अगर कोई अकेला है और किसी को मदद की ज़रुरत है तो उन्हें बताए। मुझे बैंगलोर की अलग-अलग जगहों से रिक्वेस्ट आने लगी की वह भी यह करना चाहते हैं। फिर हमनें एक फेसबुक ग्रुप बना लिया।
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4. उन्होंने 20 मार्च को यह हेल्पलाइन शुरू की। उन्हें पहले ही दिन 363 कॉल्स आईं। उनमें से 29 कॉलें रिक्वेस्ट के लिए थीं, जिनमें से वह पहले दिन 17 की मदद कर पाए।

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5. वह सीनियर सिटीजन्स, विकलांग, ऐसे लोग जिनका बच्चा 1 साल से छोटा है, व लोग जिन्हे पहले से ही कुछ बिमारी है - उनकी मदद करते हैं।

महिता ने कुछ साल पहले 'फीड योर नेबर' नामक प्रोग्राम भी शुरू किया था।

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6. वह दिल्ली, मोहाली, नॉएडा, पुणे, बैंगलोर, हैदराबाद, कोच्ची, चेन्नई, म्य्सोर, मुंबई, त्रिवेंद्रम व कोलकाता में डिलीवर करते हैं।



7. ताकि उनके वालंटियर्स को कोई खतरा ना हो, वह कॉलोनी के गेट पर डिलीवरी करते हैं। अभी उनके पास कुल 2300 वालंटियर्स हैं।



8. सभी पेमेंट पहले पेटीएम/यूपीआई जैसे डिजिटल तरीकों द्वारा की जाती है। यह इसलिए है ताकि वालंटियर भी सेफ रहें।



9. क्योंकि ज़्यादातर लोग सोशल मीडिया पर मदद मांगने से हिचकिचाते हैं, उन्होंने एक हेल्पलाइन नंबर की शुरुआत की।



10. महिता ने कुछ साल पहले 'फीड योर नेबर' नामक प्रोग्राम भी शुरू किया था।
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