Test During Pregnancy: जानिए प्रेगनेंसी के दौरान कौन-कौन सा टेस्ट करवाना जरुरी होता है

author-image
Swati Bundela
New Update


Medical Test During Pregnancy: प्रेगनेंसी में माँ और बच्चे, दोनों का खास ख्याल रखना बहुत जरुरी है। बच्चे के जन्म होते पर जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं लेकिन जब बच्चा माँ की कोख में होता है तो और भी ज्यादा सावधानी बरतने की जरुरत होती है। प्रेग्नेंट महिला को समय-समय पर अपना हेल्थ चेकअप करवाना चाहिए। आज भी कुछ महिलाएं हैं, जो प्रेगनेंसी में मेडिकल टेस्ट्स के बारें में नहीं जानती। दरअसल, प्रेगनेंसी के दौरान, माँ और बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य के लिए डॉक्टर्स कई तरह के मेडिकल टेस्ट करते हैं। जिससे प्रेगनेंसी जर्नी में कोई दिक्कतें न आएं। आज हम प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले मेडिकल टेस्ट की बात करेंगे- 

Medical Test During Pregnancy: रेगुलर चेकअप और टेस्ट है जरुरी 


1. प्री-नेटल टेस्ट 

Advertisment

प्रेगनेंसी के शुरूआती तीन महीनों में कुछ जरुरी टेस्ट किये जाते हैं, जिससे बेबी की ग्रोथ का पता चलते रहे। इसे प्री-नेटल टेस्ट कहते हैं। ये दो तरह का होता है- पहला स्क्रीनिंग टेस्ट, इसमें क्रोमोसोम का पता लगाया जाता है और कुछ ब्लड टेस्ट जिसका निर्णय डॉक्टर खुद लेते हैं। इसमें दूसरा टेस्ट होता है, डायगोनस्टिक टेस्ट, इसमें ये पता लगाया जाता है कि फ़ीटस यानि भ्रूण में किसी तरह का विकार तो नहीं है। कोरियोनिक विलस सैंपलिंग (सीवीएस) और दूसरा एमनियोसेंटेसि, इन टेस्ट से बच्चे के किसी तरह के विकारों का पता लगाया जाता है। AX

2. एमनियोटिक टेस्ट 

इस टेस्ट में डॉक्टर एमनियोटिक द्रव का एक छोटा-सा नमूना लेते हैं। एमनियोटिक तरल पदार्थ से भरी एक थैली होती है, जिसमें शिशु सुरक्षित रहता है। यह परीक्षण गुणसूत्र समस्याओं का निदान करने और तंत्रिका ट्यूब दोष (NTDs) पता लगाने के लिए किया जाता है।

3. अल्ट्रासाउंड 

प्रेगनेंसी के दूसरे ट्रिमेस्टर के बाद एक अल्ट्रासाउंड किया जाता है, जिससे डॉक्टर बेबी के सभी बॉडी पार्ट्स की अच्छे से जाँच करता है। इसमें भ्रूण के सिर से लेकर पैर तक को चेक किया जाता है। इस अल्ट्रासाउंड में बेबी के आँख,नाक,हाथ और पैर सब आसानी से देखे जा सकते हैं।

4. ग्लूकोस स्क्रीनिंग टेस्ट 

Advertisment

प्रेगनेंसी के दौरान डायबिटीज की जांच के लिए ग्लूकोज स्क्रीनिंग टेस्ट किया जाता है। यह ग्लूकोज स्क्रीनिंग टेस्ट हर प्रेग्नेंट महिला के लिए कम्पलसरी होता है, भले ही प्रेगनेंसी के पहले आपको डायबिटीज की समस्या रही हो या फिर नहीं रही हो। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान गर्भावधि मधुमेह यानि जेस्टेशनल डायबिटीज होने की आशंका बनी रहती है।

5. नॉनस्ट्रेस टेस्ट 

इस टेस्ट के जरिए बेबी की हार्ट रेट और स्वास्थ्य की जांच की जाती है। नॉनस्ट्रेस टेस्ट (NST) तब किया जाता, जब गर्भ में शिशु की हलचल सामान्य हो या फिर प्रेग्नेंट महिला की डिलीवरी डेट निकल गई हो और प्रसव पीड़ा न शुरू हुई हो। अगर कोई प्रेग्नेंट महिला अधिक जोखिम में है, तो यह टेस्ट हर हफ्ते किया जा सकता है।





सेहत