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अहमदाबाद की मेयर : श्रीमती बिजल पटेल

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Swati Bundela
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बिजल पटेल, मेयर (अहमदाबाद), बीजेपी, राजनीति में महिलाओं के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत हैं।

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इनका राजनैतिक सफर सन् 2005 में शुरू हुआ था। इन्होंने पहला चुनाव 2005, दूसरा 2010 फिर 2014 में लड़ा। 2015 में 2.5 साल तक चेयरमैन का पोस्ट ख़तम करके ये 14 जून 2018 को अहमदाबाद की मेयर बानी।



बिजल पटेल से उनके राजनैतिक सफर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कोई भी नया सफर शुरू करते हैं तो रुकावटें भी आती हैं और मुश्किलें भी । परंतु उनकी पूरी पार्टी ने हर मोड़ व पड़ाव पर उनका साथ दिया और उन्हें सुझाव भी दिए। अभी तक के उनके सफर में कोई बाधा नहीं आई है जिससे वह अपने राजनैतिक सफर को रोकें।
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पटेल ने हमे यह भी बताया कि उनकी सरकार मतलब गुजरात सरकार, जिसके मुख्यमंत्री विजय रूपानी जी हैं, ने महिलाओं के लिए एक हेल्पलाइन भी शुरू की है। उन्होंने कही की जैसे 108 नंबर पे कॉल करने से एक एम्बुलेंस आती है और बीमार या जिसको ज़रुरत होती है उसे अस्पताल लेके जाती है ठीक उसी तरह 181 नंबर पे कॉल करने से पुलिस आयेगी और महिला को जो बी कश्मकश या तकलीफ होगी उसमें मदद करेगी।

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उनको अहमदाबाद के बारे में ऐसी कई बातें बताई जो की वाकई काबिल-इ-तारीफ हैं। उन्हीने बताया कि अहमदाबाद के लिए 6 मार्च का दिन बहुत बड़ा और ऐतिहासिक दिन था । उस दिन अहमदाबाद को दिल्ली में हुए स्वच्छता सर्वेक्षण में पूरी इंडिया में से छठा स्थान हासिल हुआ। और तो और 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरो में पहला स्थान हासिल हुआ।



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पटेल ने यह भी कहा कि बेटी की बचाना है और बचा के फिर बेटी को पढ़ना है। बेटी अगर पढ़ लिख गई तो फिर वह अपने पापा का घाट और शादी के बाद अपने पति का घाट भी संभाल सकती है। अगर बेटी पढ़ी तो अपने बच्चों को भी पढ़ा सकती है और अच्छे संस्कार भी दे सकती है।



बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को लेकर भी पटेल ने काफी पॉजिटिव रिस्पांस दिया। उनका मानना है कि ये माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक बहुत अच्छी पहल है। भारत में पहले के ज़माने में बेटियों को माँ की कोख में ही मार दिया जाता था। बेटियों को कही आगे पढ़ने के लिए भी नहीं भेजा जाता था। ऐसे समाज भी थे लेकिन इस पहल के बाद लोग जागरूक हुए है। पटेल ने यह भी कहा कि बेटी की बचाना है और बचा के फिर बेटी को पढ़ना है। बेटी अगर पढ़ लिख गई तो फिर वह अपने पापा का घाट और शादी के बाद अपने पति का घाट भी संभाल सकती है। अगर बेटी पढ़ी तो अपने बच्चों को भी पढ़ा सकती है और अच्छे संस्कार भी दे सकती है।

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बिजल पटेल ने अगले चुनाव के किये आशा जताते हुए कहा कि उन्हें यकीन है कि पिछले चुनाव की जो परसेंटेज है उससे ज़्यादा और जितनी वोट होगी उसमें 50℅ से ज़्यादा वोट महिलाओं के ही होंगे।



महिलाओं के लिए उन्होंने एक आखिरी बात कही जो हमें उनकी बोल्ड पर्सनालिटी के बारे में बताती है। उन्हीने कही की महिलाएं कभी ऐसा न सोचें कि क्यूंकि हम महिला है तो हम ये काम कर सकते हैं और ये नहीं। कोई भी काम ऐसा नहीं है जो महिला नहीं कर सकती। महिला को जब 50 टका आरक्षण फिया गया है तो अब तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं है । एक बार मैं में ठान लीजिये की ये काम मुझे करना ही है बस फिर आप उस रास्ते पे चल पड़िये। पूरा समाज आपके साथ रहेगा और आपको सपोर्ट भी करेगा और आप अपने काम में सुक्सीस्फुल्ल हो जाएंगी ।
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