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''हम साइकिल के दो पहियों की तरह एक दूसरे को बैलेंस करते हैं'' - मृदुला त्रिपाठी

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Swati Bundela
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पति और पत्नी का रिश्ता बेहद खूबसूरत रिश्तों में से एक होता है। दोनों एक-दूसरे को बैलेंस करते-करते एक दूसरे को कामयाब करते हैं। और इसी रिश्ते का एक बेहतरीन उदाहरण है - पंकज और मृदुला त्रिपाठी का। पंकज त्रिपाठी भारतीय फिल्म अभिनेता हैं, जो मुख्य रूप से बॉलीवुड फिल्मों में अपनी कमाल की अदाकारी के लिए जाने जाते हैं। पंकज के संघर्ष के दिनों में मृदुला ही घर का खर्च उठाती थी, और पंकज अपने करियर के लिए रास्ता बनाने के साथ घर के काम करते थे। mridula tripathi on gender stereotype in hindi

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SheThePeople को मृदुला त्रिपाठी ने बताया -



हमारा समाज पुरुष को घर के कामों से नहीं जोड़ना चाहता है। और फिर भी यदि कोई पुरुष ऐसा करता है तो उसे ताने सुनने को मिलते है। इसी पर SheThePeople से बात करते वक्त मृदुला त्रिपाठी कहती हैं - ''हमारे पुरुष-प्रधान समाज में ऐसा बहुत कम होता है कि अगर पुरुष अपने करियर के लिए संघर्ष कर रहा है तो महिला घर का खर्चा उठा रही है।'' इसी के साथ - ''महिलाएँ जब अपना काम करती हैं तो उनको ना के बराबर सराहना मिलती है। जो की गलत है। केवल थोड़ी-सी ही सराहना बेहद मायने रखती है।''

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मृदुला आगे कहती हैं - ''जब मैं पैसे कमाने घर से निकलती थी तो वो घर के सारे काम करते थे। वो यह सुनिश्चित करते थे कि मेरे घर आने से पहले टेबल में खाना रखा हो। हम साइकिल के दो पहियों की तरह एक दूसरे को बैलेंस करते हैं।''

SheThePeople को पंकज त्रिपाठी ने बताया -

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पंकज त्रिपाठी अपनी फिल्मों के ज़रिए समाज को नया नज़रिया देने की हर संभव कोशिश करते रहते हैं। और समाज में जेन्डर स्टीरियोटाइप के चलन को लेकर SheThePeople से बात करते वक्त पंकज ने कहा – ''मुझे समझ नहीं आता कि अगर बीवी घर का खर्च उठाने में मदद करे, तो इसको इतनी बड़ी बात क्यो बना दी जाती है।''



पंकज आगे कहते हैं – ''मेरे संघर्ष के दिनों में मेरी पत्नी ने घर का सारा खर्च खुद उठाया है, यह सच बात है। और सच बोलने में झिझक कैसी। नैशनल टीवी हो या कोई और पब्लिक फोरम, सच बोलने से मैं नहीं कतराता।''
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