कोरोनोवायरस महामारी से हमारी जिंदगी में और दुनिया में काफी बदलाव आ गया है लेकिन क्या यह महिलाओं के लिए सही है ? इस लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है।
अभिनेता और फिल्ममेकर नंदिता दास इसी मुद्दे को ध्यान में रखकर अपनी एक शॉर्ट फिल्म 'Listen to her' लेकर आई है। मूवी के माध्यम से, वह विक्टिम को बोलने के लिए और उस दर्द को सहन करने और उनके परिणामों को सुनने के लिए इनकरेज करती है।
यह शॉर्ट फिल्म लॉकडाउन के बीच दो महिलाओं के बारें में है. एक जो ऑफिस और घर के कामों से घिरी रहती हैं और दूसरी जो एक एब्यूजर के साथ घर में फंस गयी है और हिंसा का शिकार है। 'Listen to her' एक अच्छा उदाहरण है जो मुश्किल समय में दुनिया में 'gender equality' का आइडिया पेश करता है।
नेशनल कमीशन फॉर वूमेन के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ अपराध के 257 मामलों की एक बड़ी संख्या लॉकडाउन के 10 दिनों (यानी 23 मार्च से 1 अप्रैल तक) के भीतर दर्ज की गई थी। 2 मार्च से 8 मार्च की अवधि के लिए 116 मामलों की तुलना में। साथ ही, मार्च से 5 अप्रैल के बीच घरेलू हिंसा के कुल 315 मामले दर्ज किए गए। लॉकडाउन में 1 मार्च तक 2 मार्च से 8 मार्च के बीच 30 से मामलों की वृद्धि देखी गई।
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फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह दूसरी महिला उसकी बात सुनती है और उसकी मदद करने की कोशिश करती है।
NCW की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने इस संबंध में बात की। उनके अनुसार, "मामलों की वास्तविक संख्या बहुत अधिक है क्योंकि ऐसी महिलाएँ हैं जो ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट नहीं करती हैं। उन्हें डर है कि अगर वे अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराती हैं तो उनके ससुराल वाले उन्हें टॉर्चर करेंगे या तो उनके पति बाहर आएंगे तो और बेरहमी से टॉर्चर करेंगे। ”
इससे निकलने का रास्ता
कई ऑर्गेनाइजेशन ने विक्टिमस की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर बनाए हैं। यहां तक कि यूनाइटेड नेशन के एंटोनियो गुटेरेस ने दुनिया भर में लॉकडाउन के बीच "घरेलू हिंसा के बढ़ते मामलों" को ध्यान में रखकर उपायों की मांग की। वे अकेले नहीं हैं। हमें उनके हालात को समझने के लिए उन्हें एक कान उधार देना चाहिए।
NCW ने अब एक Whatsapp नंबर 7217735372 भी लॉन्च किया है।
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