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शारीरिक एवं मानसिक तनाव से बचें।
5 फायदे बच्चों को सेक्स एजुकेशन देने के -
अगर हम बच्चों से सेक्स के बारे में खुलके बात नहीं करेंगे तो वह अपने आस पास के लोगों से और दोस्तों से इसके बारे में बात करते हैं और ऐसे में उन्हें गलत और आधी अधूरी जानकारी मिलती है जो ज्यादा खतरनाक है।
सेक्स के साथ कई हेल्थ इश्यूज जुड़े रहते हैंऔर सेक्स एजुकेशन से हम बच्चों को सिखा सकते हैं की वो हाइजेनिक कैसे रहें और (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीसेस) इन बिमारियों से खुदको कैसे बचाएँ तथा अपने बॉडी पार्ट्स को साफ़ कैसे रखें।
आज के ज़माने में बच्चों के साथ सेक्सुअल एब्यूज बोहोत बढ़ गया है। उम्र में बड़े लोगों का बच्चों और उनके अंगो के साथ छेड़ -छाड़ करना और बिना मर्ज़ी उन्हें छूना काफी बढ़ गया है। अगर हम बच्चों को उनकी बॉडी के पार्ट्स के बारे में जानकारी देंगे, गुड टच - बेड टच के बारे में बताकर तो वह अपने आप को इससे बचा सकते हैं।
बच्चों को गर्ब निरोधक, सेक्स कब करना , कंडोम यूज़ करना और सेक्स के लिए "ना " बोलना सिखाना ज़रूरी है। इसमें कोई बुरी बात नहीं है आप अपने हिसाब सेअपने बच्चों से बात कर सकते हैं और उन्हें आगे आने वाली सेक्स लाइफ के लिए तैयार कर सकते हैं।
आजकल बच्चे इंटरनेट , टीवी ,मोबाइल आदि जगह सेक्स के बारे में देख के काल्पनिक धारणाएं बना लेते हैं। सेक्सए जुकेशन की मदद से हम उन्हें वास्तविकता से पहचान करवाते हैं ताकि वे किसी भी तरह के शोषण से बच सकें।
5 फायदे बच्चों को सेक्स एजुकेशन देने के -
1 ) बच्चों को गलत जानकारी से बचाएँ-
अगर हम बच्चों से सेक्स के बारे में खुलके बात नहीं करेंगे तो वह अपने आस पास के लोगों से और दोस्तों से इसके बारे में बात करते हैं और ऐसे में उन्हें गलत और आधी अधूरी जानकारी मिलती है जो ज्यादा खतरनाक है।
2 ) सेक्स एजुकेशन क्यों ज़रूरी - STD से बचाव
सेक्स के साथ कई हेल्थ इश्यूज जुड़े रहते हैंऔर सेक्स एजुकेशन से हम बच्चों को सिखा सकते हैं की वो हाइजेनिक कैसे रहें और (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीसेस) इन बिमारियों से खुदको कैसे बचाएँ तथा अपने बॉडी पार्ट्स को साफ़ कैसे रखें।
3 ) बालयौन शोषण से बचाएँ-
आज के ज़माने में बच्चों के साथ सेक्सुअल एब्यूज बोहोत बढ़ गया है। उम्र में बड़े लोगों का बच्चों और उनके अंगो के साथ छेड़ -छाड़ करना और बिना मर्ज़ी उन्हें छूना काफी बढ़ गया है। अगर हम बच्चों को उनकी बॉडी के पार्ट्स के बारे में जानकारी देंगे, गुड टच - बेड टच के बारे में बताकर तो वह अपने आप को इससे बचा सकते हैं।
4 ) फ्यूचर के लिए मेंटली तैयार करना-
बच्चों को गर्ब निरोधक, सेक्स कब करना , कंडोम यूज़ करना और सेक्स के लिए "ना " बोलना सिखाना ज़रूरी है। इसमें कोई बुरी बात नहीं है आप अपने हिसाब सेअपने बच्चों से बात कर सकते हैं और उन्हें आगे आने वाली सेक्स लाइफ के लिए तैयार कर सकते हैं।
5 ) बच्चों का वास्तविकता से रूबरू होना-
आजकल बच्चे इंटरनेट , टीवी ,मोबाइल आदि जगह सेक्स के बारे में देख के काल्पनिक धारणाएं बना लेते हैं। सेक्सए जुकेशन की मदद से हम उन्हें वास्तविकता से पहचान करवाते हैं ताकि वे किसी भी तरह के शोषण से बच सकें।