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नार्मल पल्स रेट कितनी होती है ? कोरोना में क्यों ज़रूरी है इसे नापना ?

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Swati Bundela
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कोरोना के समय में बहुत ज़रूरी है। एक नार्मल इंसान की पल्स रेट एक मिनट में 60 से ले कर 100 बीट्स तक हो सकती है। ये रेट जब हम एक्सरसाइज करते है या कुछ मेहनत का काम करते है तो 130 से 150 बीट्स तक हो सकती है क्योंकि हमारे शरीर में तब ऑक्सीजन रिच ब्लड ज़्यादा पंप होता है।
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क्यों नापे कोरोना में पल्स रेट ?


अगर हमारी पल्स रेट बिना कुछ काम करने के बावजूद भी एक मिनट में 100 बीट्स से ज़्यादा होती है तो इसका मतलब हमें बुखार हो सकता है। इसलिए पल्स रेट नापने से हम अपनी बीमारी का जल्दी पता लगा सकते है। वक़्त वक़्त पर अपने पल्स को नापने से हम खुद को कोरोना के लक्षणों से भी बचा सकते है।
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कैसे नापे कोरोना में पल्स रेट ?


पल्स रेट को हम पल्स
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ऑक्सीमीटर से नाप सकते है। ये पल्स ऑक्सीमीटर एक छोटा सा उपकरण है जिसे हम अपनी ऊँगली में क्लिप कर सकते है। फिर ये हमें हमारी पल्स की रीडिंग और साथ में हमारे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा का प्रतिशत भी बता सकता है। डॉक्टरों का मानना है की इस उपकरण में एक प्रकार की लाइट जलती है जो हमारे स्किन से गुज़र कर हमारे ब्लड सेल्स की मात्रा और उनका कलर डिटेक्ट करती है। इससे फिर हम सैचुरेटेड ऑक्सीजन लेवल की मात्रा जान पाते हैं।

कितना ज़रूरी है कोरोना में पल्स ऑक्सीमीटर ?

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सिर्फ ऑक्सीमीटर से कोरोना को पूरी तरह से डिटेक्ट करना मुश्किल है लेकिन डॉक्टर बताते हैं की इससे हम कोविड में होने वाली न्युमोनिआ का जल्दी पता लगा सकते हैं। साथ ही साथ इसके इस्तेमाल करते रहने से हम कोरोना के लक्षणों का पता जल्दी लगा कर उस हिसाब से सावधानियां बरत सकते हैं।

क्या सबके पास होना चाहिए पल्स ऑक्सीमीटर ?

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डॉक्टर बताते हैं की ये ज़रूरी नहीं है की हमें अपने घर में पल्स ऑक्सीमीटर रखना है। इसलिए लोगों को इसकी पैनिक खरीदारी नहीं करनी चाहिए। अगर किसी को भी स्वयं में कोरोना के लक्षण दिखतें है तो वो अपनी जांच हॉस्पिटल में तुरंत करवा सकता है। भारत में लगभग हर हॉस्पिटल में पल्स ऑक्सीमीटर उपलब्ध है।
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